रीवा। रायपुर कर्चुलियान जनपद के पहड़िया ग्राम में कचरा शोधन प्लांट स्थापित है. इस प्लांट से अब 6 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए तैयारियां की जा रही है. कचरा शोधन प्लांट में रीवा नगर निगम सहित कुल 28 नगरीय निकायों का कचरा संग्रहण किया जाता है. कलेक्टर प्रतिभा पाल और नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने पहड़िया कचरा शोधन संयंत्र प्लांट का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने निर्माणाधीन बिजली बनाने के संयंत्र का कार्य 15 अगस्त तक पूरा करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने किया प्लांट का निरीक्षणः बता दें जिले के पहड़िया में बनाए जा रहे एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना क्लस्टर रीवा सहित संभाग के 28 नगरीय निकायों से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन किया जाएगा. निर्माण एजेंसी एमएस डब्ल्यू होल्डिंग लिमिटेड रैमकी हैदराबाद की ओर से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट, लैंडफिल आदि का कार्य 45 एकड़ क्षेत्र में 158.67 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है. इसी निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने किया है. यहां लाए गए कचरे से 6 मेगावाट बिजली बनाने की तैयारी के जा रही है. कलेक्टर प्रतिभा पाल ने पहड़िया में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निरीक्षण कर 15 अगस्त तक सभी निर्माण कार्य पूरे करके बिजली उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
मशीनीकृत तरीके से किया जाएगा बिजली का उत्पादन: इसको लेकर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया, ''कचरे को संग्रहीत करने से लेकर उससे बिजली बनाने तक की प्रक्रिया को पूरी तरह से मशीनीकृत किया जाएगा. इसमें मानव श्रम का किसी भी तरह से उपयोग नहीं किया जाएगा. इसके लिए आवश्यक उपकरणों की तत्काल खरीदी करने के निर्देश दिए गए है. बिजली संयंत्र का निर्माण कार्य देरी से चल रहा है. इसके शेष बचे निर्माण कार्य को 15 जुलाई तक पूरा करके इसमें 15 अगस्त से बिजली का उत्पादन शुरू किए जाएंगे. निर्माण कार्य समय पर पूरा कराने के लिए अतिरिक्त मजदूर तैनात कराए जाएंगे. बिजली बनाने के लिए प्रतिदिन 60 टन कचरे की आवश्यकता होगी.''
गैसों का किया जाएगा सुरक्षित उत्सर्जन: कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा, ''परिसर में वर्तमान में भण्डारित कचरे का सुरक्षित भण्डारण कराने के निर्देश भी दे दिए गए है.'' कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा, ''इसके अलावा शेष बचे कचरे के निष्पादन वैज्ञानिक तरीके से कराए जाएंगे. बिजली संयंत्र से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों के सुरक्षित उत्सर्जन की व्यवस्था भी की जाएगी.''
33 केवी का कनेक्शन के लिए विद्युत विभाग को दिए निर्देशः कलेक्टर ने कहा, ''कचरा संग्रहण करने वाली एजेंसी डंपिंग साइट में कचरे के तोल की व्यवस्था कराएगी. इसे 15 दिवस की समय सीमा में पूरा न करने पर नगर निगम के द्वारा जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी. संयंत्र से निकलने वाले पानी का समुचित उपचार कराया जाएगा.'' कलेक्टर ने अधीक्षण यंत्री विद्युत मण्डल को पहड़िया प्लांट में 33 केवी का कनेक्शन तत्काल देने के निर्देश दिए.
15 जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा कार्यः निरीक्षण के समय उपस्थित निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि ने बताया कि पहड़िया प्लांट 45 एकड़ में बनाया गया है. इसमें कचरा वाहनों से अलग-अलग प्राप्त गीले और सूखे कचरे का शोधन किया जाता है. प्लास्टिक धातु और अन्य पदार्थ अलग करके कचरे को बिजली बनाने के संयंत्र में भेजा जाएगा. बिजली संयंत्र का केवल 10 प्रतिशत कार्य शेष है. इसे 15 जुलाई तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा. संयंत्र से संबंधित सभी उपकरण स्थापित किए जा चुके हैं. केवल सिविल वर्क शेष है. साथ ही वायलर, टरबाइन आदि प्लांट में लगाए जा चुके हैं.
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विधायक ने किया था भूमिपूजनः बता दें जिले के पहड़िया ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयत्र में कचरे से बिजली बनाई जाएगी. इसका पूर्व मंत्री व रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने भूमिपूजन किया था. पहड़िया में बनाए जा रहे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयत्र में जिस कचरे को अनुपयोगी माना जाता है. इससे खाद तो बनेगी ही साथ ही साथ में 6 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा. इससे शहर की गंदगी समाप्त होगी, कचरा खत्म होगा व शहर सुंदर व स्वच्छ दिखेगा.