रीवा। विंध्य क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए रीवा में संजय गांधी अस्पताल का निर्माण कराया गया. 800 बिस्तर वाले संजय गांधी अस्पताल को बने करीब 20 वर्ष से ज्यादा बीत चुके हैं. वहीं लोगों को पहले से ज्यादा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, इसके लिए सरकार की ओर से रीवा में अत्यधुनिक मशीनों से लैस एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण बीते कुछ वर्ष पूर्व कराया गया, लेकिन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालन के बाद से ही लगातार डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. जिसके कारण मरीजों को भी काफी परेशानी होती है. इलाज कराने के लिए मरीजों को बाहर के शहरों में जाना पड़ रहा है. इसके साथ ही अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन चलाने वाले डॉक्टर पदस्थ नहीं है, जिसके लिए संजय गांधी अस्पताल से डॉक्टर बुलाए जाते हैं. Rewa Super Specialty Hospital, Super Specialty Hospital shortage of neurologist
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर की कमी: सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रेडियोलोजी विभाग में भी डॉक्टरों की कमी बरकरार है, जिसके चलते अस्पताल प्रशासन डॉक्टरों की खोज में जुटा हुआ है. बताया जा रहा है कि जब से अस्पताल की शुरुआत हुई तब से ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इन विभागों में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई है. दरअसल पहले रीवा सहित विंध्य क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए बाहर के शहरों जैसे नागपुर, लखनऊ, दिल्ली, जाना पड़ता था. जिसके कारण बेहतर इलाज के लिए रीवा में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की नींव रखी गई लेकिन यहां भी अब विशेषज्ञ और अच्छे डॉक्टरों की कमी बनी हुई है. जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है.
हाईटेक मशीनों को चलाने वाले उपलब्ध नहीं है डॉक्टर: सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मुख्य रूप से न्यूरो विभाग के न्यूरो फिजीशियन और न्यूरोलॉजी डॉक्टर की आवश्यकता बनी हुई है, न्यूरो विभाग की मशीनों को चलाने के लिए विभाग से जुड़े ऑपरेटर नहीं है.
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संजय गांधी अस्पताल से डॉक्टर आकर कुछ मशीनों को करते हैं संचालित: इस मामले पर जब सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक अक्षत श्रीवास्तव से बात की गई तो उनका कहना है कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी है. जिसकी वजह से कुछ विभाग संचालित नहीं हो पा रहे हैं. न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में न्यूरोलॉजिस्ट नहीं है, इसके लिए भर्ती प्रक्रिया चालू है, इसके अलावा बच्चा विभाग में भी डॉक्टरों की कमी है जिसके चलते मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर सुपर सिटी हॉस्पिटल पहुंचकर बच्चा विभाग को संचालित कर रहे हैं. वहीं अगर न्यूरोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट की मशीनों को संचालित करने की बात अगर की जाए तो मेडिसिन डिपार्टमेंट से डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आकर EEG और NCB मशीनों को संचालित करते है. हालांकि स्टाफ को ट्रेनिंग देकर कुछ विभागों को संचालित किया जा रहा है.
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DM की सीट कम होने की वजह से है दिक्कत: अस्पताल के अधीक्षक अक्षत श्रीवास्तव ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट विभाग में डॉक्टरों की पोस्ट खाली है. रेडियोलॉजिस्ट विभाग में लगी मशीनों को चलाने के लिए संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर सुपर सिटी हॉस्पिटल पहुंचते हैं. जिनके द्वारा मशीनों को संचालित किया जाता है. अस्पताल में खाली पड़े डॉक्टरों के पदों को लेकर अधीक्षक ने बताया की न्यूरोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट मे DM की सीट कम होती है. उसमें रीवा के ही लोगों की पदस्थापना होती है बाकी के डॉक्टर मेट्रो सिटी में जाकर वहां अपनी सेवाएं देते हैं. संजय गांधी अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स BM कर रहे है वह अगले एक साल में स्पेशलिटी हॉस्पिटल में आजायेंगे जिनकी उपलब्धता से न्यूरोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट संचालित हो सकेगा.(Rewa Super Specialty Hospital) (Super Specialty Hospital shortage of neurologist) (Doctors come from SGMH to run sonography machines)