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चीनी सैनिकों से हुई मुठभेड़ में बुझ गया विंध्य का 'दीपक', गुरुवार को लाया जाएगा शव

रीवा जिले के फरैदा गांव में उस वक्त मातम पसर गया, जब सेना की तरफ से फोन आया कि, गांव का बेटा चीन के हमले में शहीद हो गया है. परिजनों के मुताबिक दीपक के पार्थिव शरीर को लेह में रखा गया है. उसे गुरुवार को रीवा लाया जाएगा.

martyr jawan
शहीद जवान
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Published : Jun 17, 2020, 7:15 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 12:19 AM IST

रीवा। रीवा जिले के फरैदा गांव में उस वक्त मातम पसर गया, जब सेना की तरफ से फोन आया कि, गांव का बेटा चीन के द्वारा किए गए हमले में शहीद हो गया है. दरअसल मंगलवार की रात लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में रीवा का लाल दीपक सिंह शहीद हो गया. देर रात सेना के अधिकारियों ने दीपक सिंह के शहीद होने की सूचना पिता को फोन पर दी. दीपक 21 साल के थे, 8 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी.

बुझ गया विंध्य का 'दीपक'

मंगलवार की वो काली रात

मंगलवार की रात करीब 10 बजे शहीद जवान के पिता गजराज सिंह के मोबाइल पर शहादत की सूचना आई, इस फोन के बाद पूरा परिवार टूटकर बिखर गया. किसी को नहीं पता था कि, इस घर का 'दीपक' ऐसे अचानक बुझ जाएगा. दीपक सिंह अपनी छुट्टी खत्म करके 14 फरवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए गए थे. करीब 12 दिन पहले अपने भाई सचिन सिंह से बात करते हुए उन्होंने लॉकडाउन के बाद घर आने की जानकारी दी थी.

30 नवंबर को हुई थी शादी

शहीद जवान दीपक सिंह की शादी 30 नवंबर को रीवा के जोगनिहाई गांव में रहने वाली रेखा सिंह के साथ हुई थी. दीपक सिंह दो भाई थे, उनके बड़े भाई प्रकाश सिंह भी सेना के जवान हैं. इस घटना के बाद से पूरा परिवार एक बड़े सदमे से गुजर रहा है. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए, उनके घर में अलग-अलग राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी पहुंच रहे हैं. किसी को नहीं पता था कि, दीपक आखिरी बार अपने घर पहुंचे हैं, अगली बार दीपक शहीद होकर तिरंगे में लिपटकर घर वापस लौटेंगा. दिल भारी है, लेकिन बेटे ने सिर सम्मान से ऊंचा कर दिया. परिजनों के मुताबिक दीपक के पार्थिव शरीर को लेह में रखा गया है. उसे गुरुवार को रीवा लाया जाएगा. लेह से उसे उनके गांव फरैदा ले जाया जाएगा. जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. दीपक अपने बड़े भाई प्रकाश सिंह से प्रेरित होकर सेना में भर्ती हुए थे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दी श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवान के शहीद होने पर दु:ख व्यक्त किया है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को, वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं. ऐ मेरे वतन के शेर तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल, तेरे लहू के हर कतरे तेरी शहादत को सलाम करते हैं, भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए रीवा के वीर सपूत दीपक सिंह के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि',

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दी श्रद्धांजलि

दीपक सिंह के शहीद होने के बाद अलग-अलग राजनीतिक दल के नेताओं ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है. पूर्व CM कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'रीवा के ग्राम फरैदा के वीर सपूत दीपक सिंह ने सरहद पर चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी है. ऐसे वीर सपूत की शहादत को नमन', कमलनाथ ने परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

लोगों के अंदर है आक्रोश

भारत और चीन के बीच इन दिनों बॉर्डर पर काफी तनाव है. गलवान घाटी के पास बीते सोमवार को हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जिसमें भारतीय सेना का एक कमांडिंग अफसर भी शामिल है. देशभर में जवानों की शहादत को लेकर लोगों के अंदर काफी आक्रोश है और हर कोई चीन से बदला लेने की बात कर रहा है.

रीवा। रीवा जिले के फरैदा गांव में उस वक्त मातम पसर गया, जब सेना की तरफ से फोन आया कि, गांव का बेटा चीन के द्वारा किए गए हमले में शहीद हो गया है. दरअसल मंगलवार की रात लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में रीवा का लाल दीपक सिंह शहीद हो गया. देर रात सेना के अधिकारियों ने दीपक सिंह के शहीद होने की सूचना पिता को फोन पर दी. दीपक 21 साल के थे, 8 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी.

बुझ गया विंध्य का 'दीपक'

मंगलवार की वो काली रात

मंगलवार की रात करीब 10 बजे शहीद जवान के पिता गजराज सिंह के मोबाइल पर शहादत की सूचना आई, इस फोन के बाद पूरा परिवार टूटकर बिखर गया. किसी को नहीं पता था कि, इस घर का 'दीपक' ऐसे अचानक बुझ जाएगा. दीपक सिंह अपनी छुट्टी खत्म करके 14 फरवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए गए थे. करीब 12 दिन पहले अपने भाई सचिन सिंह से बात करते हुए उन्होंने लॉकडाउन के बाद घर आने की जानकारी दी थी.

30 नवंबर को हुई थी शादी

शहीद जवान दीपक सिंह की शादी 30 नवंबर को रीवा के जोगनिहाई गांव में रहने वाली रेखा सिंह के साथ हुई थी. दीपक सिंह दो भाई थे, उनके बड़े भाई प्रकाश सिंह भी सेना के जवान हैं. इस घटना के बाद से पूरा परिवार एक बड़े सदमे से गुजर रहा है. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए, उनके घर में अलग-अलग राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी पहुंच रहे हैं. किसी को नहीं पता था कि, दीपक आखिरी बार अपने घर पहुंचे हैं, अगली बार दीपक शहीद होकर तिरंगे में लिपटकर घर वापस लौटेंगा. दिल भारी है, लेकिन बेटे ने सिर सम्मान से ऊंचा कर दिया. परिजनों के मुताबिक दीपक के पार्थिव शरीर को लेह में रखा गया है. उसे गुरुवार को रीवा लाया जाएगा. लेह से उसे उनके गांव फरैदा ले जाया जाएगा. जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. दीपक अपने बड़े भाई प्रकाश सिंह से प्रेरित होकर सेना में भर्ती हुए थे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दी श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवान के शहीद होने पर दु:ख व्यक्त किया है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को, वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं. ऐ मेरे वतन के शेर तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल, तेरे लहू के हर कतरे तेरी शहादत को सलाम करते हैं, भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए रीवा के वीर सपूत दीपक सिंह के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि',

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दी श्रद्धांजलि

दीपक सिंह के शहीद होने के बाद अलग-अलग राजनीतिक दल के नेताओं ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है. पूर्व CM कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'रीवा के ग्राम फरैदा के वीर सपूत दीपक सिंह ने सरहद पर चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी है. ऐसे वीर सपूत की शहादत को नमन', कमलनाथ ने परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

लोगों के अंदर है आक्रोश

भारत और चीन के बीच इन दिनों बॉर्डर पर काफी तनाव है. गलवान घाटी के पास बीते सोमवार को हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जिसमें भारतीय सेना का एक कमांडिंग अफसर भी शामिल है. देशभर में जवानों की शहादत को लेकर लोगों के अंदर काफी आक्रोश है और हर कोई चीन से बदला लेने की बात कर रहा है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 12:19 AM IST
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