रीवा। मनगवां-चाकघाट नेशनल हाइवे में सोहागी पहाड़ पर हुए हादसे को लेकर दायर की गई RTI में बड़ा खुलासा हुआ है. MPRDS से जानकारी मांगने वाले एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी द्वारा बताया गया कि, उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य सड़क विकास निगम में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दायर किया था. इसमें मनगवां से चाकघाट वाया सोहागी पहाड़ के विषय में दुर्घटना एवं रोड सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट, ज्यामिति एवं अन्य मानक मापदंडों की जानकारी चाही गई थी. जिसके बाद एमपीआरडीसी द्वारा जो जानकारी सामने आई है उसमें निर्माण कंपनी एमपीआरडीसी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, जिला प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है.
पहाड़ पर सड़क की स्थिति यथावत: मामले को लेकर एक्टिविस्ट ने सवाल खड़ा करते हुए बताया कि, जब निरंतर दुर्घटनाएं होती रही तो समय-समय पर इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इनके द्वारा प्रयास क्यों नहीं किए गए? घटिया गुणवत्ता विहीन सड़क और साथ में मानक ज्यामिति एवं मापदंडों का उपयोग न किया जाना इस दुर्घटना के पीछे बड़े कारण बताए जा रहे हैं. हालांकि इस विषय पर कलेक्टर जिला रीवा द्वारा गठित की गई समिति की जांच रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है. इसमें निर्माण को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े किए गए हैं. जबकि अभी भी मामले की मजिस्ट्रियल जांच चल रही है जो अभी तक पूरी नहीं की जा सकी है. शिवानंद द्विवेदी ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि, मामले को दबाने के लिए अब तक मजिस्ट्रियल जांच पूरी नहीं की गई है. समिति की जांच रिपोर्ट की जो गाइडलाइन और अनुशंसा सामने आई थी, उस पर भी कोई सार्थक कार्रवाई अब तक नहीं की गई है. छुटपुट पैच वर्क के अतिरिक्त सोहागी पहाड़ की सड़क की स्थिति यथावत है.
MPRDC में लगाई गई RTI पर जो जानकारी आई है उसको ऐसे समझें
- मनगवां से चाकघाट राष्ट्रीय राजमार्ग 30 रीवा मध्य प्रदेश के तहत मासिक एक्सीडेंटल रिपोर्ट जून से लेकर दिसंबर 2019 तक.
- इस दरमियान सामान्य दुर्घटनाएं जिसमें सामान्य से लेकर गंभीर चोटें आई हैं.
- कुल 51 ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं.
- कुल 19 ऐसे मामलों में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है.
- नवंबर 2019 के एक मामले में दुर्घटना में पीड़ित की मृत्यु हुई.
जनवरी से लेकर दिसंबर 2020 तक की रिपोर्ट: जनवरी से लेकर दिसंबर 2020 तक के बीच में सामान्य तौर पर ऐसी दुर्घटनाएं जिसमें सामान्य से लेकर कुछ गंभीर चोटें आई हैं. कुल ऐसे 70 मामले निर्माण कंपनी ने रिकॉर्ड किए हैं, जिसमें 31 मामलों में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया है. 9 मामलों में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की मौत हुई है. इसमें मई के दौरान 1 और जून-अगस्त के में 2, अक्टूबर में 3 और दिसंबर 2020 के दौरान 1 व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हुई है.
जनवरी से लेकर दिसंबर 2021 तक: जनवरी से लेकर दिसंबर 2021 तक के बीच में निर्माण कंपनी के द्वारा जो डेटा सूचना के अधिकार के माध्यम से एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी को उपलब्ध करवाया गया है. उसमें दुर्घटना में सामान्य से लेकर कुछ गंभीर चोटों को लेकर 71 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 56 मामलों में पीड़ित व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाया गया है. इस दरमियान कुल 15 मामलों में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. जिन 15 मामलों में दुर्घटना के दौरान व्यक्तियों की मृत्यु हुई उसमें फरवरी अप्रैल और दिसंबर में प्रत्येक महीने में 3 व्यक्ति मारे गए, जबकि मार्च और जुलाई दोनो महीनों में एक-एक व्यक्ति एवं मई 2021 के दौरान चार व्यक्ति दुर्घटना में मारे गए.
जनवरी से लेकर अक्टूबर 2022 तक: निर्माण कंपनी के द्वारा इसी मनगवां से चाकघाट राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के संदर्भ में जनवरी से लेकर अक्टूबर 2022 के बीच में सूचना के अधिकार के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई जानकारी में बताया गया है कि, इस सड़क में सामान्य दुर्घटनाएं जिसमें से सामान्य से लेकर गंभीर चोटें आई हैं. कुल 33 मामले हुए हैं, जबकि 62 मामलों में पीड़ित व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाया गया है. इस दरमियान सबसे अधिक कुल 24 मामलों में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की दुर्घटना के दौरान मृत्यु हुई है. जिन 24 मामलों में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मृत्यु हुई है उसमें जनवरी मई और जून में एक-एक व्यक्ति मारे गए हैं. मार्च में 4, अप्रैल में 2 एवं सर्वाधिक अक्टूबर 2022 में 15 व्यक्तियों की दुर्घटना में मृत्यु हुई है. अक्टूबर 2022 में जिन 15 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है वह दिवाली के एक दिन पहले आंध्र प्रदेश से उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाली बस और ट्रेलर की टक्कर के बीच में हुई थी.
ये हैं कुल आकड़े: उपलब्ध कराई गई जानकारी में सूचना के अधिकार के माध्यम से डेटा में देखा जाए तो अब तक इनके अनुसार 49 लोगों की मृत्यु मनगवां से चाकघाट के दौरान सड़क हादसे में हो चुकी है. इनके द्वारा उपलब्ध करवाए गए डेटा के अनुसार 168 लोगों को दुर्घटना के बाद हॉस्पिटल पहुंचाया गया है. यदि सामान्य से लेकर गंभीर किस्म की चोटें देखी जाए तो इनके डेटा अनुसार अब तक कुल 225 ऐसे मामले आए हैं. हालांकि वास्तविक आंकड़े इस उपलब्ध कराए गए आंकड़े से कहीं ज्यादा हो सकते हैं.