रीवा। पुलिस कंट्रोल रूम में आज पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने वाले 4 सदस्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. 3 महीने पहले जुलाई माह में मनगवां स्थित सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए थे. प्राचार्य के साथ जालसाजों ने कम प्रतिशत में ब्याज दर से लोन देंने के बहाने, उन्हे अपने जाल में फंसाया और 31 लाख रूपए उनके खाते से उड़ा दिए.
ठगी की भनक लगते ही प्रिंसिपल शहर के सामान थाने पहुंचे और मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने ममाला दर्ज किया और सायबर टीम के साथ मिलकर ठग गिरोह की पतासाजी में जुट गई. पुलिस ने 4 चार ठग गिरोह को पकड़ने में सफलता हसिल की है, जिनसे अन्य मामलों पर पूछताछ की जा रही है. आरोपियों के पास से 28 लाख कैश भी पुलिस ने बरामद किए है.
CM राइज स्कूल के प्राचार्य से ठगी कने वाला गिरोह पकड़ाया: रीवा पुलिस ने मंगलवार को जिले के मनगवां थाना क्षेत्र में स्थित CM राइज स्कूल के प्राचार्य से 31 लाख रूपए की ठगी करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इसमें आरोपियों के पास से पुलिस ने 28 लख रुपए भी बरामद किया है. पुलिस का कहना है कि कड़ी में मशक्कत के बाद आरोपियों को नोएडा और दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. मामले की शिकायत पीड़ित प्राचार्य ने शहर के समान थाने में दर्ज कराई थी, जिसके बाद एक्टिव मोड पर आई पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
ठग गिरोह ने 0% ब्याज लोन देने के नाम पर की थी ठगी: दरअसल ठगी का शिकार हुए CM राइज स्कूल के प्राचार्य ने घर बनवाने के लिए लोन लिया था. प्राचार्य के खाते में 6 लाख से ज्यादा की रकम पहले से ही थे. 24 लाख रूपए उन्होंने बैंक और एक फाइनेंस कम्पनी से लिए थे. इसके बाद फर्जी कॉल के जरिए उन्हें 0% इंटरेस्ट पर लोन का ऑफर मिला. जालसाज ने पीड़ित से जरूरी दस्तावेज मंगवाए और व्हाट्स एप में एक लिंक भेजकर उससे एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा. एप में एक फार्म था जिसे भरने के बाद खाते से 31 लाख रुपए गायब हो गए.
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शिक्षक के खाते से उड़ाए थे 31लाख रूपए: पीड़ित कैलाशचंद्र अवधिया मानस नगर समान थाना क्षेत्र के निवासी है. मनगवां में स्थित CM राइज स्कूल मे वह प्राचार्य के पद पदस्थ है. हाल ही में उन्होने ने मकान बनवाने के लिए "HDFC BANK" से 15 लाख और "BAJAJ FAINACE" से 9 लाख रुपए का लोन लिया था. 6 लाख से ज्यादा की राशि प्राचार्य के अकाउंट में पहले से ही थे. कुल मिलाकर 31 लाख रूपये से भी ज्यादा की राशि उनके खाते में थे जिसे ऑनलाइन ठग गिरोह ने लूट लिया.
ठगो ने पीड़ित को इस जाल में फंसाया: पुलिस का कहना है की घटना दिनांक को सामान थाने में ठगी की शिकायत लेकर पहुंचे प्राचार्य कैलाशचंद्र अवधिया ने बताया था कि उनके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया. संजय शुक्ला नाम बताकर उसने अपना परिचय दिया. कॉलर ने कहा की वह एचडीएफसी बैंक के ग्वालियर ब्रांच से बात कर रहा है. इसके बाद उसने कहा की आप के व्हाट्स एप मे बैंक की और से कुछ दस्तावेज भेजे गए. आप के लिए एक ऑफर है. आपको 20 लाख रुपए का लोन मिल सकता है, वह भी 0% ब्याज की दर से. प्राचार्य ने बताया की कॉलर की ओर से व्हाट्स एप मे भेजे गए. दस्तावेज में 0% की ब्याज पर लोन की जानकारी उपलब्ध थी, जिसके आधार पर पुलिस ने तत्काल प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी.
दिल्ली और नोएडा से चार आरोपी गिरफ्तार: घटना की जानकारी देते हुए एसपी विवेक सिंह ने बताया कि पुलिस में जब आरोपियों का लोकेशन ट्रेस किया तो दिल्ली का लोकेशन मिला. तत्काल ही पुलिस की टीम दिल्ली के लिए रवाना हो गई, यहां से नोएडा और दिल्ली से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के पास 28 लख रुपए भी बरामद किए गए हैं.
आरोपी के पास से ठगी के 28 लाख रूपए बरामद: आरोपियों के पास से पुलिस ने ठगी की गई. 28 लाख की रकम समेत, 2 लैपटाप, 14 मोबाइल फोन, 7 फर्जी आधार कार्ड, 4 क्रेडिट कार्ड, 3 बैंक पासबुक, फ्रॉड की हिसाब किताब लिखी हुई एक डायरी भी पुलिस ने बरामद की है. शातिर ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले आरोपी आमिर खान और राहुल देव शर्मा सहित फिरोज आलम, फराज खान चारो अरोपी उत्तर प्रदेश बदायूं के निवासी हैं.
ठग गिरोह ऐसे करता था ठगी: पकड़ में आए ठग गिरोह ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उनका एक गिरोह था गिरोह के द्वारा एक रजिस्टर बनाकर उसमें कस्टमर का मोबाइल नंबर लिखकर उसको फोन लगाते है. उसकी कम ब्याज पर लोन देने का लालच देता है. कस्टमर की सहमति मिलने पर उसके लोन प्राप्त करने में आवश्यक दस्तावेज कस्टमर से प्राप्त कर लेते हैं. उन दस्तावेजों का प्रयोग करके विभिन्न बैंकों में लोन के लिए अप्लाई कर लोन करा कर आवेदक के खाते में राशि आने का इंतजार करते हैं. उसी के दौरान कस्टमर के मोबाइल पर फोन क्लोनिंग ऐप डाउनलोड करा देते हैं. इसके साथ कस्टमर के खाते पर नेट बैंकिंग चालू करा कर उसका एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं. कस्टमर की राशि प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के फर्जी बैंक खातों का उपयोग करते हैं.
इस तरह से पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर ठग गिरोह: खुलासा करते हुऐ एसपी विवेक सिंह ने बताया की आवेदक को जिस मोबाइल नंबर से फोन किया गया था उसकी जानकारी प्राप्त की गई जो दिल्ली एवं नोएडा की थी. जिन बैंक खातों पर पैसे भेजे गए थे उन सभी की KYC प्राप्त किए गए एवं सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों की जानकारी प्राप्त की गई. इसके बाद उन लोगों की तस्दीक की गई. प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने सायबर सेल से उप निरीक्षक गौरव मिश्रा, उप निरीक्षक शैल यादव एवं थाना प्रभारी की एक पुलिस तीन गठित की और उन्हें दिल्ली के लिए रवाना किया गया. आरोपियों की पताशाजी व गिरफ्तारी के लिएनिर्देशित किया गया था. पुलिस टीम दिल्ली पहुंचकर एक सप्ताह तक गिरोह के खोजबीन की लेकीन कोइ सुराग नही मिला.
ATM में लगे CCTV फुटेज से पकड़ाए आरोपी: एक बार फिर पुलिस की टीम को दिल्ली रवाना किया गया. टीम ने दिल्ली पहुंचकर जिन एटीएम बूथ से आरोपियों ने पैसे निकाले थे. उनका फुटेज प्राप्त किया एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य एवं प्राप्त मुख्य सूचना के आधार पर आरोपियों को चिन्हित कर उन्हें गिरफ्तार किया कर उनके कब्जे से फ्रॉड की राशि जप्त की गई.