रीवा। सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला के द्वारा पत्रकार वार्ता आयोजित कर जिला पंचायत के 77 रिक्त पदो में भर्ती के लिए जिला पंचायत कार्यालय के द्वारा फर्जी तरीके से विज्ञापन निकाले जाने का आरोप लगाया गया है. जिसमें उन्होंने कार्यालय में पदस्थ राहुल वर्मा पर तत्कालीन सीईओ मयंक अग्रवाल के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर विज्ञापन निकालते हुए रिक्त पदों की भर्ती के लिए करोड़ों रुपए के बंदरबांट का आरोप लगाया है. सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने वर्तमान सीईओ स्वप्निल वानखेड़े को संदेह के घेरे में बताया है. जिसके बाद मामले पर जिला पंचायत सीईओ स्वप्निल वानखेडे ने आरोपों को निराधार बताते हुए जांच का आश्वासन दिया है. इसके लिए जिला पंचायत सीईओ के द्वारा दोषियों पर कार्यवाही के लिए एसपी को पत्र लिखा गया है.
जिला पंचायत सीईओ ने आरोपो को बताया निराधारः जिला पंचायत कार्यालय के द्वारा जारी किए गए फर्जी विज्ञापन के आरोप पर सीईओ स्वप्निल वानखेड़े ने बताया है कि जिस प्रकार से जानकारी उनके सामने प्रस्तुत की गई है. उसमें उन्होंने दस्तावेज एकत्र कर पाया है कि किसी भी प्रकार से जिला पंचायत कार्यालय से कोई विज्ञापन जारी नहीं हुआ. विज्ञापन में तत्कालीन सीईओ मयंक अग्रवाल के फर्जी हस्ताक्षर हैं. जिसको लेकर बाद में जिला पंचायत सीईओ के द्वारा जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर एसपी को पत्र भी भेजा गया. इसके अलावा जिला पंचायत सीईओ ने कहा की डिस्पैच रजिस्टर में 18/10/2018 व 18/10/2020 की जांच की गई. जून 2020 में वह रीवा जिला पंचायत में सीईओ के पद पर आसीन हुए थे. 18/10/2020 को रविवार का दिन था. रजिस्टर में कोई भी डिस्पैच नहीं है इसका मतलब की वह सौफीसद फर्जी है.