रीवा। ललित पुर सिंगरौली रेल परियोजना के अंतर्गत नव निर्मित गोविंदगढ रेलवे स्टेशन शुक्रवार के दिन पुलिस छावनी में तब्दील रहा. ललितपुर सिंगरूली रेल मार्ग के अन्तर्गत रीवा से गोविंदगढ़ रेल मार्ग का निरीक्षण करने मुम्बई रेलवे सर्किल के सीआरएस रेलवे सुरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा कड़ी सुरक्षा के बीच रीवा के गोविन्दगढ रेलवे स्टेशन पहुंचे. RPF सहित जिले के तमाम थानों का पुलिस बल साथ दो एडिशनल एसपी व अपर कलेक्टर भी तैनात रहे.
बता दें की यहां पर पिछ्ले एक वर्ष से किसान आन्दोलनरत हैं. उनकी मांगे है की रेलवे के द्वारा किसानों की जमीनें अधिग्रहण के गई थी. इसके बदले परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन रेलवे ने वर्ष 2019 में नियमों पर बदलाव किया और किसानों के साथ वादा खिलाफी की.
किसानों ने की जमीन के बदले रेलवे में नौकरी की मांग: दरअसल, ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के अन्तर्गत किसानों की जमीनें अधिग्रहण की गई थी, ताकि रेलवे लाईन का विस्तार किया जा सके. जमीन अधिग्रहण के दौरान रेलवे के अधिकारियों ने किसानों से वादा किया था की उन्हें जमीन के बदले मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी, लेकिन समय बीतता गया रेलवे ने ललितपुर सिंगरौली रेल लाईन का कार्य भी प्रारंभ किया, कई किलोमीटर तक रेलवे के पटरियां बिछाई गई कई छोटे बड़े रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हुए और कई किसानों को मुआवजे के साथ नौकरियां भी दे दी गई, लेकिन सैकड़ों किसान नौकरी से वंचित रह गए. पीड़ित किसान परिवार ने अपनी मांगो को लेकर कई बार रेल अधिकारियो को पत्र लिखा लेकिन उनकी मांगे नहीं मानी गई.
कड़ी सुरक्षा के बीच रहे पहुंचे रेल सुरक्षा आयुक्त: ललित पुर सिंगरौली रेल परियोजना के अन्तर्गत रीवा रेलवे स्टेशन से गोविंदगढ़ स्टेशन तक के रेल मार्ग का शुक्रवार को मुम्बई रेलवे सर्किल के सीआरएस रेलवे सुरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा के द्वारा निरीक्षण के लिऐ आए, लेकिन आंदोलनकारी किसानों की गतिविधियों और स्थिती को देखते हुए जिला प्रशासन को गोविन्दगढ़ रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्थानों पर धारा 144 लागू करनी पड़ी. इस दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच देर शाम मुम्बई रेलवे सर्किल के सीआरएस रेलवे सुरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा ने रेल लाइन का निरक्षण किया.
रेल सुरक्षा आयुक्त बोले मामले पर मैं नहीं हुं सक्षम अधिकारी: रेल लाइन का निरीक्षण करने पहुंचे रेलवे आधिकारी ने कहा कि जब रेलवे के नई लाईन का निमार्ण कार्य किया जाता है. तब ट्रेन के आवागमन से पहले रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा सुरक्षा की दृष्टी से जांच की जाती है की सुरक्षा की दृष्टि से मापदंडों का पालन किया गया है या नहीं. रेलवे परिसर में लगाई गई धारा 144 को लेकर रेल सुरक्षा अधिकारी ने कहा की इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. रेलवे के डीआरएम और अन्य अधिकारी ही इस बारे में बता पाएंगे.
स्टेशन के बाहर जमीन के बदले नौकरी के लिऐ अंदोलन कर रहे किसानों को लेकर रेल सुरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा ने कहा की इस मसले में वह सक्षम नहीं है. रेलवे WC का जो प्रशासन है, वो इस बारे में बेहतर जानकारी दे सकते हैं. अगर कोई किसान उन्हे आवेदन सौंपता है तो वह उनके पत्र को जरनल मैनेजर को भेज देंगे.
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गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर 9 दिन से किसानों का आमरण अनशन: इन सबके बीच किसानों ने अंदोलन का रास्ता चुना और रेलवे से अपनी मांगे मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शन करना शुरु किया. एक वर्ष से लगातार किसान आंदोलनरत हैं. पूर्व में भी कई बार किसानों ने रेल रोको जैसे अंदोलन करने के प्रयास किए, लेकिन प्रशासनिक अमले ने उनका रास्ता रोक लिया. बीते 9 दिनों से किसान एक बार फिर रीवा के नवनिर्मित गोविन्दगढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर पंडाल लगाकर आमरण अनशन कर रहे हैं. उनका कहना है की रेलवे जबतक जमीन के बदले परिवार के एक सदस्य को नौकरी नही देती तबतक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा..