रीवा। तीस वर्षीय मजदूर सुभाष चौधरी गहरी नींद में थे और दिवाली पर घर जाकर क्या क्या करेंगे परिवार के साथ इसका सपना देख रहे थे. वो तेलंगाना के सिकंदराबाद से उत्तर प्रदेश बस से घर जा रहे थे, लेकिन एक तेज गड़गड़ाहट ने उसकी नींद में खलल डाल दी. उनका सपना जल्द ही एक दुःस्वप्न में बदल गया. दरअसल शुक्रवार रात हुई रीवा भीषण सड़क हादसे (rewa bus accident many people died) में कई लोगों ने जान गवां दी. इस हादसे के दौरान वो उसी बस में सवार थे. जब आंखें खुली तो उन्होने देखा कि लोग दर्द से कराह रहे हैं और उनके चारों ओर खून से लथपथ पड़े लोग तड़प रहे हैं.
रीवा बस हादसे में 15 की मौत: चौधरी उन यात्रियों में से एक थे, जो मध्य प्रदेश के रीवा जिले में शुक्रवार देर रात स्लीपर बस में सवार थे. बस पीछे से एक ट्रेलर-ट्रक से जा टकराई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 40 घायल हो गए. हालांकि चौधरी दुर्घटना में बाल-बाल बचे, लेकिन उनके हाथ और पैर में चोटें आईं. वह अपने प्रियजनों के साथ दिवाली मनाने के लिए हैदराबाद से उत्तर प्रदेश के अपने गृहनगर महाराजगंज जा रहे थे, लेकिन हादसे ने उनका सपना तोड़ दिया, क्योंकि उनका अब रीवा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है.
मौत के मुंह से वापस आए लोगों के दर्द: बस में सवार यात्री चौधरी का कहना है कि, "मैं गहरी नींद में सो रहा था और अपने सपने में दिवाली मना रहा था. रोशनी के त्योहार में महज 3 दिन ही रह गए हैं. मैं साथी यात्रियों के साथ रात का खाना खाकर सो गया था, लेकिन मैं तब जाग गया जब ये हादसा हुआ और लोगों के कराहने की गूंज कानों में आने लगी, जैसे 'भगवान मुझे बचाओ, भगवान मेरी मदद करो' हमारी बस में गूंजता रहा." (many people died in mp bus accident) "मेरा सपना जल्द ही एक बुरे सपने में बदल गया और मुझे सचमुच लगा कि तारे मेरे चारों ओर घूम रहे हैं. मैं दर्द से कराह रहा था और मेरे जैसे कई अन्य लोग थे. मैंने बस के अंदर खून से लथपथ असहाय लोगों को देखा. उनमें से कुछ जवाब नहीं दे रहे थे, जबकि कुछ अन्य सांस के लिए हांफ रहे थे. "
हादसे का जिम्मेदार कौन: चौधरी का इलाज रीवा के संजय गांधी अस्पताल में चल रहा है. उन्होंने कहा, "घर लौटने और त्योहार मनाने का हमारा सपना राख हो गया. मैं सुन्न हो गया." एक अन्य जीवित बचे, मनीष सकात भी महाराजगंज के निवासी हैं, उनके सिर और छाती पर चोट लगी है. धीमी आवाज में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि बस दुर्घटना की गगनभेदी आवाज और इसके तुरंत बाद रोने की आवाज ने उन्हें भयभीत कर दिया और उन्हें अपनी आंखें बंद करने के लिए मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा, "मैं इतना डरा हुआ था कि मैंने अपनी आंखें बंद कर ली. उसके बाद मुझे नहीं पता कि क्या हुआ. कुछ समय बाद मुझे होश आया और मैंने खुद को संजय गांधी अस्पताल में पाया."
कई राज्यों के रहने वाले मृतक यात्री: रीवा के पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हो गई और 40 घायल हो गए. उन्होंने कहा, "पीड़ित ज्यादातर मजदूर थे जो दिवाली के लिए यूपी लौट रहे थे. बस भी उसी राज्य की थी. बस के अगले हिस्से में गैस कटर की मदद से चालक और कंडक्टर के शवों को बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण बस सोहागी घाटी में एक पहाड़ी सड़क पर बातचीत कर रही थी, जब वह जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग -30 पर पीछे से एक ट्रेलर-ट्रक से टकरा गई." उन्होंने कहा कि जिन लोगों को मामूली चोटें आई हैं, उनके लिए वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था कर उन्हें उत्तर प्रदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शाम तक 25 से ज्यादा लोगों को उत्तर प्रदेश भेजा जाएगा. मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना नहीं है. (painful story of bus hadsa mp)
(PTI)