रीवा। जिले में इन दिनों विभागों में पदस्थ अधिकारी- कर्मचारियों के काले कारनामे आए दिन उजागर होते दिखाई दे रहे हैं. मामला कृषि विभाग से जुड़ा हुआ है, जहां एक शिकायतकर्ता ने मीडिया के सामने कृषि विभाग में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया है. आरोप है कि सिरमौर उप संचालक कृषि व एसडीओ के मिली भगत से सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को पात्र हितग्राहियों की जगह अपात्र लोगों को दे दिया गया. आरोप है कि दलितों एवं आदिवासियों के कोटे से सामान्य वर्ग के किसानों को पाइप लाइन और स्प्रिंकलर पाइप सेट वितरित किए गए.
आपात्र लोगों को वितरीत कर दिए गए कृषि सिंचाई उपकरण: शिकायतकर्ता जयराम सिंह तिवारी ने कृषि विभाग के संयुक्त संचालक को शिकायती पत्र सौंप कर मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. शिकायतकर्ता जय राम सिंह तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ''सिरमौर विकास खण्ड के तहत सन् 2021-2022 में हरिजन एवं आदिवासियों के कोटे से सामान्य वर्ग के किसानों को सिंचाई उपकरण पाइप लाइन एवं स्प्रिंकलर पाइप सेट वितरित किया गया है. जबकि अ.जा. एवं अ.ज.जा. के कोटे में सामान्य कृषकों को सम्मिलित नहीं किया जा सकता और न ही अनुदान दिया जा सकता है. क्योंकि सामान्य वर्ग के किसान इस श्रेणी में नहीं आते, पात्र हो या अपात्र. तब भी पात्र बनाकर अनुदान जारी किया गया है.''
बिना जाती प्रमाण पत्र के जारी हुआ क्रय आदेश: सबसे पहले बिना जाति प्रमाण पत्र के ही किसानों को क्रय आदेश जारी कर दिए. उसके बाद डीलर द्वारा बिल काटकर भौतिक सत्यापन के लिए एसएडीओ सिरमौर को भेजकर भौतिक सत्यापन कराकर अनुदान के लिए उप संचालक कृषि रीवा को भेज दिया गया. अनुदान राशि होलैण्ड इन्डस्ट्री को यूटीआर के आधार से भेज दिया गया. ऐसी घोर लापरवाही करने के बाद विभाग के किसी अधिकारी या उच्च अधिकारी से कोई मार्गदर्शन नहीं मांगा गया.
उप संचालक कृषि सहित अन्य अधिकारियों पर लगे आरोप: आवेदनकर्ता जयराम सिंह तिवारी ने बताया कि, "आरटीआई के माध्यम से उन्हें जानकारी दी गई कि अनुदान राशि डीलर रेखा इन्टरप्राइजेज सेमरिया से जमा करा ली गई है. जबकि अनुदान कम्पनी को भेजा गया है. अब सवाल यह है कि राशि डीलर द्वारा क्यों जमा कराई गई, यह राशि किस खाते में जमा कराई गई.'' शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह सब उप संचालक कृषि रीवा द्वारा जानबूझकर इतना बड़ा स्कैण्डल किया गया. प्रकरण की जांच करने पर सारा मामला उजागर होगा."
SDO पर भी लगे आरोप : आरोप है कि सभी विकासखण्डों में नियम विरूद्ध कार्रवाई कर भ्रष्टाचार किया गया है. इस प्रकार के कई योजनाओं में कई करोड़ों का भ्रष्टाचार यूपी बागरी उप संचालक कृषि द्वारा किये गये हैं. इस भ्रष्टाचार में एसडीओ सिरमौर, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और कम्प्यूटर चालक योजनाओं के डीलिंग बाबुओं द्वारा यह भ्रष्टाचार किया गया है.
ये भी पढ़ें... |
कलेक्टर ने कहा जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई: मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर प्रतीभा पाल ने भी जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. कलेक्टर ने कहा कि "आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है, इसका परीक्षण कराया जाएगा. आरोप लगाए गए है कि साल 2021- 22 कुछ कृषि उपकरणों का वितरण होना था, जो पात्रता के अनुसार नहीं हुआ है. मामले पर जनसुनवाई कराई जाएगी. जांच के बाद अगर शिकायत सही पाई जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी.''