रीवा। केन्द्रीय जेल में बंद कैदी कोरोना बचाव के लिये मास्क बना रहे हैं. इसके लिये कुछ कैदी हैण्डलूम से सूती कपड़ों को बुन रहे हैं. बाद में इस कपड़े से मास्क तैयार किया जा रहा है. पिछले 10 दिनों में रीवा जेल के भीतर करीब 22 हजार मास्क तैयार किये जा चुके हैं. जबकि मास्क बनाने का सिलसिला अभी भी जारी है. खास बात यह है कि जेल में बनाये गये मास्क रीवा में ही नहीं बल्कि रीवा एवं शहडोल संभाग के कई जिलों में भेजे जा चुके हैं.
जेल अधीक्षक अनिल सिंह ने बताया कि हमारे पास डब्ल्यूएचओ से पास कपड़ा तो नहीं है, लेकिन सूती कपड़ा से बनाया हुआ मास्क संक्रमण फैलने से काफी हद तक कारगर है. लिहाजा मास्कों का वितरण रीवा जिले के कई सरकारी संस्थानों में दिया गया है.
जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को भी यहां से बनाये गये मास्क दिये गये हैं. अभी तक रीवा जेल से बने मास्कों में 5 हजार मास्क जिला अस्पताल रीवा को, 5 हजार मास्क मेडिकल कालेज रीवा, 1400 मास्क होमगार्ड रीवा, 1500 होमगार्ड सतना, 2 हजार मास्क पुलिस आरआई तथा 5 हजार मास्क अन्य विभागों को दिये गये हैं. रीवा जेल सहित उपजेलों में भी बंदी मास्क का उपयोग कर रहे हैं, बंदियों ने लक्ष्य बनाया है कि मास्क की कमी नहीं होने देंगे.