रीवा। जिले में 150 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को लेकर सियासत शुरू हो गई है. जिसमें कांग्रेस पार्टी ने अस्पताल के निर्माण को लेकर अपना अधिकार जताया है. कांग्रेस का कहना है की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का रीवा में निर्माण कराए जाने का निर्णय वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिया गया गया था. जिसके बाद बीजेपी ने अब इसे अपना बना लिया है.
प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं तथा दोनों ही सियासी दल अब मैदान में उतर कर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने लगे हैं. जिसके बाद रीवा की सियासत में भी एक नई मुद्दे ने जन्म लिया है और रीवा में बनने वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को लेकर कांग्रेस पार्टी के द्वारा विरोध किया जा रहा है.
जिला एवं शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष दीपक सिंह ने पत्रकारवार्ता आयोजित की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि रीवा में बना सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल कांग्रेस पार्टी की देन है जिस पर बीजेपी अपना हक जता रही है. उनका कहना है की वर्ष 2014 के दौरान केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व स्वास्थ्य कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद थे. रीवा को यह अस्पताल कांग्रेस की देन है.
तत्कालीन प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा 150 करोड़ रुपये की लागत से रीवा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के निर्माण कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया था. जिसमें 120 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को और 30 करोड़ की राशि राज्य सरकार को देनी थी. लेकिन केंद्र में कांग्रेस और मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार थी, करीब डेढ़ माह बाद चुनाव के चलते अचार सहिंता लागू हुई और राज्य सरकार द्वारा 30 करोड़ की राशि स्वीकृत नहीं हो पाई. चुनाव के बाद केंद्र में बीजेपी की सरकार बन जाने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा 30 करोड़ की अतिरिक्त राशि की स्वीकृत प्रदान कर दी गई और अब बीजेपी इसे अपनी उपलब्धि बता रही है.