रीवा। सड़क हादसे के बाद अस्पताल में भर्ती एक युवक की मौत होने पर बवाल हो गया है. युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में ही हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से युवक की मौत हुई है. उनका आरोप है कि सही समय पर युवक का इलाज होता तो शायद वह बच जाता.
परिजनों ने बताया सरकारी डॉक्टर होने के बावजूद न्यूरोलॉजिस्ट विभाग में पदस्थ डॉ. सोनपाल जिंदल ने युवक को निजी हॉस्पिटल में भर्ती करने को कहा था और ढाई लाख रुपये जमा करने की बात भी कही थी. आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार ने इससे इन्कार किया और उसे सरकारी हॉस्पिटल में ही भर्ती रखा. जिसके बाद इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया.
वहीं अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही होने की बात को खारिज करते हुए मामले की जांच की बात कही है. अस्पताल के सीएमओ अतुल सिंह का कहना है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
प्राइवेट अस्पताल में इलाज का दिया जाता है झांसा
विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी हॉस्पिटल में इस तरह की घटना इन दिनों आम हो गई है. पैसे लेकर इलाज करने वाले मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. कुछ मरीज इसका विरोध कर देते हैं तो कुछ डॉक्टरों के झांसे में आकर पैसे देकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा लेते हैं, जबकि शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.