रीवा। शहर के आधा सैंकड़ा जर्जर मकानों की हालत यह है कि वे कभी भी गिर सकते हैं. लेकिन इनके मालिक हैं कि जर्जर भवन को गिराने को तैयार ही नहीं हैं. जबकि निगम प्रशासन द्वारा कई बार जर्जर मकान गिराने का नोटिस मालिकों को दिया जा चुका है.
नगर निगम क्षेत्र के अंदर आधा सैकड़ा जर्जर मकान चिन्हित हैं. जहां पर सैकड़ों लोग रहते हैं अगर ज्यादा बारिश हुई तो इन मकानों को धराशायी होने से कोई नहीं बचा सकता है. रीवा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत इन जर्जर मकानों को लेकर निगम ने बारिश से पहले इन मकानों को खाली कराने के आदेश जारी कर दिए थे.
ऐसे मकानों को खाली ना कर वहां कुछ लोगों ने आसपास अपनी दुकानें खोल रखी है. बता दें सबसे ज्यादा जर्जर मकान रीवा शहर के भीतर भीड़ इलाके में है. जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं. अगर बरसात के समय यह मकान गिरे तो आजू-बाजू में बने घर और लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेंगे.जबकि जर्जर मकान को गिराने के लिए नगर निगम सक्षम है लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते उसके भी हाथ बंधे हुए हैं. इस मामले को लेकर नगर निगम अधिकारी का कहना है कि नोटिस तो कई बार जारी किया जा चुका है लेकिन मालिक खामोश बैठे हैं.