रीवा। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवार के लिए इस कोरोना महामारी जैसी आपदा में शासन के द्वारा शुरु की गई योजना के तहत एक रुपये किलो की दर से मिलने वाले अनाज को दुकान संचालक ने तीन माह से वितरित नहीं किया. जिसके कारण सैकड़ों गरीब परिवार परेशान है. हितग्राहियों ने इसकी शिकायत खाद्य अधिकारी से की. जिसके बाद खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने सेल्समैन के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और गरीब हितग्राहियो को खाद्यान दिलाये जाने की बात कही.
- तीन माह से नहीं मिला हितग्राहियों को अनाज
गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के लिए सोसाइटी और स्व-सहायता समूह के माध्यम से एक रुपए किलो की दर से राशन उपलब्ध कराने की योजना है. जिससे गरीब परिवारों की रसोई में अनाज पहुंच सके. इसके विपरीत रीवा जिले के तहसील मुख्यालय जवा से 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत गौहाना में हितग्राहियों को तीन माह से अनाज नहीं मिला. इस क्षेत्र में संचालित दाखिनी स्व-सहायता समूह की राशन वितरण प्रणाली के खिलाफ ग्रामीण हितग्राहियों ने जिला आपूर्ति नियंत्रक से शिकायत दर्ज की है.
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- गरीबों के राशन में डाका डाल रहा सेल्समैन
ग्राम पंचायत गौहाना के अंतर्गत आने वाले तीन गांव गौहाना, इटौरा, बवंधर में हितग्राहियों की संख्या 250 है. जिसमें खाद्यान वितरण की जिम्मेदारी दाखिनी स्व-सहायता समूह के विक्रेता सोनू मांझी की है. हितग्राहियों ने फूड कंट्रोलर रीवा एनएच खान से शिकायत में बताया कि माह फरवरी, मार्च और अप्रैल यानी 3 माह से विक्रेता ने बायोमेट्रिक मशीन में फिंगर लगवाकर गेंहू चावल का वितरण नहीं किया. जब हम लोगों ने पूछते है कि खाद्यान्न कब मिलेगा? तो विक्रेता सोनू मांझी और उसका भाई रामराज मांझी कहते है कि अभी स्टॉक नहीं है. अगले माह वितरित करेंगे. लोगों ने ये भी शिकायत की कि गेहूं चावल के साथ-साथ राशन दुकान में मिलने वाली अन्य सुविधाएं केरोसिन, दाल, चना, नमक, शक्कर का तो एक साल से वितरण नहीं हुआ.
- तय स्थान के बजाय दूसरे स्थान पर खुली दुकान
शिकायत की जांच करने पहुंचे जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक एनएच खान ने मौके पर राशन दुकान में ताला लटका पाया. वहीं तय स्थान में दुकान संचालन होने के बजाय एक किमी दूर दूसरे गांव में दुकान का संचालन होना पाया. उपस्थिति सैकड़ों हितग्राहियों ने अपने-अपने बयान दर्ज कराए और विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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- स्टॉक में होने के बावजूद नहीं दिया खाद्यान
विक्रेता को बुलाकर जब स्टॉक और बायोमेट्रिक मशीन का सत्यापन किया गया, तो स्टॉक में गड़बड़ी पाई गई. विक्रेता सोनू मांझी ने स्वीकार किया कि उसने 3 माह से खाद्यान्न वितरण नहीं किया, जबकि अग्रिम रूप से मौके पर अगले माह मई का भी खाद्यान्न स्टॉक मौजूद है.