रीवा। सरकार अच्छी शिक्षा व्यवस्था के कितने ही दावे कर ले लेकिन, आए दिन सरकार के झूठे वादों की पोल खुलती रहती है. ताजा मामला है जिले के शासकीय माध्यमिक विद्यालय घोघर का, जहां छात्र बैठने के लिए जगह खोजते नजर आते हैं. यहां टेबल तो बहुत दूर की बात है बच्चों को स्कूल के कमरे तक मयस्सर नहीं है. इस स्कूल की कक्षाएं बरामदे में लगाई जाती हैं.
दरअसल, जिला शिक्षा विभाग के द्वारा बच्चों को प्रदान की जाने वाली साईकिल विद्यालय परिसर में नहीं बल्कि बच्चों की क्लास में भी बनाई जाती हैं. इसके कारण बच्चों का पढ़ाई में नुकसान तो ही रहा है वहीं हर कदम पर खतरा भी बना रहता है. आलम यह है कि परिसर में खेलना तो दूर की बात है बच्चे इसमें बैठने तक को तरस रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कक्षा में जगह नहीं होने के कारण यहां बाहर हॉल में बैठना पड़ता है. वहीं खेलने के लिए पास के ग्राउंड में जाना पड़ता है क्योंकि यहां डर लगता है कि कहीं पैरों पर कील न लग जाए.
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वहीं पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी अमरनाथ सिंह का कहना है कि साईकिल बनाने का काम हमारे द्वारा दिया गया है लेकिन, बच्चों को किस प्रकार की समस्या आ रही है इसकी जानकारी हमें किसी प्रकार से नहीं मिली है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वहां केवल पार्ट असेंबल कराने का कार्य करवाया जा रहा है, जो विभाग को देना होता है. उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों को शिक्षा देना है. अब देखना यह होगा कि इन बच्चों को स्कूल में के कमरों पढ़ना कब नसीब होगा.