रीवा। चाकघाट बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों के बवाल के बाद एमपी-यूपी प्रशासन मजदूरों को लेकर अलर्ट हो गया है, प्रशासन मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने और खाने-पीने की उचित व्यवस्था कर रहा है.
इस मामले को लेकर लगातार एमपी और यूपी के अधिकारी दूसरे प्रदेशों से लौट रहे मजदूरों की हर संभव मदद करने के प्रायास कर रहे हैं, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा चाकघाट पर शनिवार रात खाना नहीं मिलने पर मजदूरों ने विरोध जताते हुए चक्काजाम किया था, जिसके बाद पुलिस ने मजदूरों पर लाठीचार्ज किया था.
वहीं, अगले दिन सुबह एक बार फिर मजदूरों ने बॉर्डर पर उत्पात मचाते हुए बैरीकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गए थे, अब मजदूरों के मुद्दे पर सियासी घमासान मचा है, कांग्रेस लगातार इस मामले की निंदा कर रही है, जबकि दोनों ही प्रदेशों का प्रशासन अलर्ट है और मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की तैयारी कर रहा है.
इस मामले में दोनों प्रदेशों ने मिलकर निष्कर्ष निकाला है कि अब इन मजदूरों को बसों के जरिए उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा, जबकि मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था भी की जा रही है. मजदूरों का हाल जानने मौके पर पहुंचे रीवा कमिश्नर अशोक कुमार भार्गव और आईजी चंचल शेखर ने प्रवासी मजदूरों को आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत जल्द उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा.