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Muscular Dystrophy से जूझ रहे रीवा के परिवार को मिला CM का भरोसा, अब जर्मनी में होगा इलाज - muscular dystrophy

रीवा का एक परिवार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित था, इसके बाद जब पीड़ित परिवार ने सीएम शिवराज को फोन घुमाया तो 'मामा शिवराज' ने उनकी हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. फिलहाल अब अंजान बीमारी से जूझ पीड़ितों का इलाज जर्मनी में होगा.

Rewa muscular dystrophy
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
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Published : Mar 26, 2023, 7:20 AM IST

Updated : Mar 26, 2023, 9:34 AM IST

रीवा का एक परिवार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित

रीवा। आप को अगर किसी भी तरह की तकलीफ या फिर कोई गंभीर बीमारी हो जाए तो आप सीधा डॉक्टर का दरवाजा ही खटखटाते है, इसके बाद आप डॉक्टर से अपनी तकलीफ बयां करते हैं जिसके बाद डॉक्टर आपका इलाज कर आप को ठीक तरह से स्वस्थ करने का हर संभव प्रयास करता है. मगर जब आप को कोई ऐसी गंभीर और अंजान बीमारी घेर ले, जिसके बारे में आप को तो क्या किसी डॉक्टर को भी पता न तब आप सिर्फ भगवान के ही भरोसे रह जाते है. ऐसी ही एक गंभीर बीमारी का मामला सामने आया है रीवा जिले के त्योंथर तहसील स्थित अंजोरा गांव से यहां पर रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्य बीते कई वर्ष पूर्व एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गए और उनका शरीर सूखकर हड्डियों का ढांचा बनकर रह गया.

अंजान बीमारी से ग्रसित थे एक ही परिवार के 5 सदस्य: दरासल रीवा जिले के त्योंथर तहसील क्षेत्र स्थित अजोरा गांव में रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्य पिछले कई वर्षों से एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, जिसका इलाज समूचे भारत में किसी भी डॉक्टर के पास नही था. इस अंजान और गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवार अपने स्वस्थ होने की पूरी उम्मीदें ही खो चुका था. परिवार के पांचों सदस्यों का शरीर धीरे-धीरे सूखता चला गया और वह मात्र हड्डी का ढांचा बनकर रह गए. परिवार के पांचों सदस्य को इस अंजान बीमारी के बारे में कुछ भी पता नहीं था. बता दें कि अंजान बीमारी के प्रकोप ने 64 वर्षीय पिता रामनरेश यादव व उनके 3 पुत्र मनीष (23 वर्ष), अनीष(25 वर्ष), मनोज (28 वर्ष) और बेटी सुशीला यादव (32 वर्ष) को बीते कई वर्ष पहले अचानक से घेरना शुरू कर दिया था.

देश के कई स्थानों में चला इलाज फिर भी नहीं चला बीमारी का पता: पीड़ित परिवार ने इस अंजान बीमारी का इलाज देश के कई कोनों में कराया, लेकिन बड़े-बड़े डॉक्टर भी परिवार के इस गंभीर बीमारी का इलाज नहीं कर पाए और न ही उनकी इस अंजान बीमारी के बारे में पता लगाया जा सका. अंजान और गंभीर बीमारी का इलाज कराते-कराते परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती चली गई और परिवार पाई-पाई का मोहताज हो गया. इसके बाद पीड़ित परिवार अपने स्वस्थ होने की सारी उम्मीदें छोड़कर सरकार से मदद की दरकार करने लगा.

सूख कर हड्डी का ढांचा बनते जा रहे थे परिवार के 5 सदस्य: पीड़ित परिवार के सभी 5 सदस्य अंजान और गंभीर बीमारी से ग्रसित थे, उनका शरीर लगातार सूखता जा रहा था. शरीर के सूखने के साथ ही उनका वजन भी घटता चला गया और धीरे-धीरे कर के वह हड्डी के ढांचे में तब्दील होते चले गए. हालाकि गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी पीड़ित परिवार की दिनचर्या आम इंसानों की तरह ही थी, वह आम इंसान की तरह ही भोजन करते और उन्हीं की तरह ही विश्राम करते थे. हालांकि पीड़ितों को घूमने- फिरने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.

MUST READ:

मस्क्युलर डिस्ट्रोफी बीमारी का था प्रकोप: बीते कुछ वर्ष पूर्व यादव परिवार के सभी 5 सदस्यों ने अपनी गंभीर और अंजान बीमारी इलाज दिल्ली के एम्स अस्पताल में कराया था, काफी दिनों तक डॉक्टरों की टीम ने इस गंभीर बीमारी पता लगाने के लिए रिसर्च किया. इसके बाद एम्स अस्पताल में डॉक्टरों की रिसर्च टीम ने पता लगाया की पीड़ित परिवार को "मस्क्युलर डिस्ट्रोफी" नाम की एक बीमारी ने जकड़ रखा है. बीमारी का पता तो लग गया, लेकिन इसका इलाज भारत में संभव नहीं था. बताया गया कि "मस्क्युलर डिस्ट्रोफी" नाम की इस बीमारी का इलाज जर्मनी में होता है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते पीड़ित परिवार अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए जर्मनी जा पाने की स्थित में नहीं था. इसके बाद उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधि व सरकार से मदद की गुहार लगाई थी.

  • बेटा मनीष, आपको और आपके परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं और पूरी मध्यप्रदेश सरकार आपके परिवार के साथ खड़ी है।

    आपको और परिवार के सभी सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें, यही मेरी शुभकामनाएं हैं। https://t.co/lgv41Bhmoa

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीड़ितों का इलाज कराने MLA ने लिखा था सरकार को पत्र: बताया जा रहा है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवार का इलाज कराने के लिए बीते दिनों स्थानीय विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने सरकार को एक पत्र लिखा था. मीडिया में पीड़ित परिवार की खबरें भी प्रकाशित हुई, जिसके बाद स्वयं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान में लिया और एसडीम पीके पांडे की मौजूदगी में पीड़ित परिवार से फोन पर बात की. बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने परिवार के सदस्यों का इलाज कराने के साथ ही उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया, इसके अलावा सीएम ने पीड़ित परिवार की बीमारी से संबंधित सभी जांच व उपचार सहित अन्य दस्तावेजों की फाइल तैयार कर भोपाल भेजे जाने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए हैं.

पीड़ित परिवार को मिलगी सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा: पीड़ित परिवार से बात करने के पश्चात सीएम शिवराज ने एक ट्वीट किया कि "बेटा मनीष आपको और आप के परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, मैं और पूरी मध्यप्रदेश की सरकार आप के साथ खड़ी है. आपको और आपके परिवार के सभी सदस्य को सर्वश्रेष्ठ चिक्तिसा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें, यही मेरी सुभकामनाएं है"

रीवा का एक परिवार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित

रीवा। आप को अगर किसी भी तरह की तकलीफ या फिर कोई गंभीर बीमारी हो जाए तो आप सीधा डॉक्टर का दरवाजा ही खटखटाते है, इसके बाद आप डॉक्टर से अपनी तकलीफ बयां करते हैं जिसके बाद डॉक्टर आपका इलाज कर आप को ठीक तरह से स्वस्थ करने का हर संभव प्रयास करता है. मगर जब आप को कोई ऐसी गंभीर और अंजान बीमारी घेर ले, जिसके बारे में आप को तो क्या किसी डॉक्टर को भी पता न तब आप सिर्फ भगवान के ही भरोसे रह जाते है. ऐसी ही एक गंभीर बीमारी का मामला सामने आया है रीवा जिले के त्योंथर तहसील स्थित अंजोरा गांव से यहां पर रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्य बीते कई वर्ष पूर्व एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गए और उनका शरीर सूखकर हड्डियों का ढांचा बनकर रह गया.

अंजान बीमारी से ग्रसित थे एक ही परिवार के 5 सदस्य: दरासल रीवा जिले के त्योंथर तहसील क्षेत्र स्थित अजोरा गांव में रहने वाले एक ही परिवार के 5 सदस्य पिछले कई वर्षों से एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, जिसका इलाज समूचे भारत में किसी भी डॉक्टर के पास नही था. इस अंजान और गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवार अपने स्वस्थ होने की पूरी उम्मीदें ही खो चुका था. परिवार के पांचों सदस्यों का शरीर धीरे-धीरे सूखता चला गया और वह मात्र हड्डी का ढांचा बनकर रह गए. परिवार के पांचों सदस्य को इस अंजान बीमारी के बारे में कुछ भी पता नहीं था. बता दें कि अंजान बीमारी के प्रकोप ने 64 वर्षीय पिता रामनरेश यादव व उनके 3 पुत्र मनीष (23 वर्ष), अनीष(25 वर्ष), मनोज (28 वर्ष) और बेटी सुशीला यादव (32 वर्ष) को बीते कई वर्ष पहले अचानक से घेरना शुरू कर दिया था.

देश के कई स्थानों में चला इलाज फिर भी नहीं चला बीमारी का पता: पीड़ित परिवार ने इस अंजान बीमारी का इलाज देश के कई कोनों में कराया, लेकिन बड़े-बड़े डॉक्टर भी परिवार के इस गंभीर बीमारी का इलाज नहीं कर पाए और न ही उनकी इस अंजान बीमारी के बारे में पता लगाया जा सका. अंजान और गंभीर बीमारी का इलाज कराते-कराते परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती चली गई और परिवार पाई-पाई का मोहताज हो गया. इसके बाद पीड़ित परिवार अपने स्वस्थ होने की सारी उम्मीदें छोड़कर सरकार से मदद की दरकार करने लगा.

सूख कर हड्डी का ढांचा बनते जा रहे थे परिवार के 5 सदस्य: पीड़ित परिवार के सभी 5 सदस्य अंजान और गंभीर बीमारी से ग्रसित थे, उनका शरीर लगातार सूखता जा रहा था. शरीर के सूखने के साथ ही उनका वजन भी घटता चला गया और धीरे-धीरे कर के वह हड्डी के ढांचे में तब्दील होते चले गए. हालाकि गंभीर बीमारी होने के बावजूद भी पीड़ित परिवार की दिनचर्या आम इंसानों की तरह ही थी, वह आम इंसान की तरह ही भोजन करते और उन्हीं की तरह ही विश्राम करते थे. हालांकि पीड़ितों को घूमने- फिरने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.

MUST READ:

मस्क्युलर डिस्ट्रोफी बीमारी का था प्रकोप: बीते कुछ वर्ष पूर्व यादव परिवार के सभी 5 सदस्यों ने अपनी गंभीर और अंजान बीमारी इलाज दिल्ली के एम्स अस्पताल में कराया था, काफी दिनों तक डॉक्टरों की टीम ने इस गंभीर बीमारी पता लगाने के लिए रिसर्च किया. इसके बाद एम्स अस्पताल में डॉक्टरों की रिसर्च टीम ने पता लगाया की पीड़ित परिवार को "मस्क्युलर डिस्ट्रोफी" नाम की एक बीमारी ने जकड़ रखा है. बीमारी का पता तो लग गया, लेकिन इसका इलाज भारत में संभव नहीं था. बताया गया कि "मस्क्युलर डिस्ट्रोफी" नाम की इस बीमारी का इलाज जर्मनी में होता है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते पीड़ित परिवार अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए जर्मनी जा पाने की स्थित में नहीं था. इसके बाद उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधि व सरकार से मदद की गुहार लगाई थी.

  • बेटा मनीष, आपको और आपके परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मैं और पूरी मध्यप्रदेश सरकार आपके परिवार के साथ खड़ी है।

    आपको और परिवार के सभी सदस्यों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें, यही मेरी शुभकामनाएं हैं। https://t.co/lgv41Bhmoa

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीड़ितों का इलाज कराने MLA ने लिखा था सरकार को पत्र: बताया जा रहा है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवार का इलाज कराने के लिए बीते दिनों स्थानीय विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने सरकार को एक पत्र लिखा था. मीडिया में पीड़ित परिवार की खबरें भी प्रकाशित हुई, जिसके बाद स्वयं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान में लिया और एसडीम पीके पांडे की मौजूदगी में पीड़ित परिवार से फोन पर बात की. बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने परिवार के सदस्यों का इलाज कराने के साथ ही उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया, इसके अलावा सीएम ने पीड़ित परिवार की बीमारी से संबंधित सभी जांच व उपचार सहित अन्य दस्तावेजों की फाइल तैयार कर भोपाल भेजे जाने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए हैं.

पीड़ित परिवार को मिलगी सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा: पीड़ित परिवार से बात करने के पश्चात सीएम शिवराज ने एक ट्वीट किया कि "बेटा मनीष आपको और आप के परिवार को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, मैं और पूरी मध्यप्रदेश की सरकार आप के साथ खड़ी है. आपको और आपके परिवार के सभी सदस्य को सर्वश्रेष्ठ चिक्तिसा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. आप सभी स्वस्थ जीवन का आनंद लें, यही मेरी सुभकामनाएं है"

Last Updated : Mar 26, 2023, 9:34 AM IST
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