रीवा: प्रदेश में 2023 का चुनावी साल है. यह साल काफी खास माना जा रहा है. क्योंकि चुनावी साल में मध्यप्रदेश को कई बड़ी सौगातें मिल सकती हैं. साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी से ही कई चुनावी घोषणाएं करनी शुरू कर दी हैं. हाल ही में एयरपोर्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ रीवा पहुंचे. सीएम शिवराज ने भोपाल सिंगरौली एक्सप्रेस वे की घोषणा की थी और अब आगामी दिनों में वह जिले के मऊगंज विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसी दौरान वह मऊगंज को एमपी का 53 वां जिला बनाने की घोषणा कर सकते है.
मऊगंज तहसील को जिला बनाने की तैयारी: मध्यप्रदेश में लंबे समय के बाद एक और तहसील को जिला बनाने की तैयारी की जा रही है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आगामी 4 मार्च को रीवा जिले के मऊगंज तहसील में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं. इसी दौरान वह मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा भी कर सकते हैं. रीवा संभाग में सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली चार जिले शामिल हैं. रीवा जिले में अभी आठ विधानसभा रीवा, सेमरिया, देवतालाब, मनगवां, गुढ़, मऊगंज, सिरमौर और त्योंथर शामिल हैं. सीएम शिवराज मऊगंज को जिला बनाए जाने घोषणा करते है तो मऊगंज, त्योथर, देवतालाब और मनगंवा विधानसभा क्षेत्र नए जिले में शामिल हो जाएंगे. रीवा, गुढ़, सिरमौर व सेमरिया विधानसभा क्षेत्र रीवा जिले में रहेंगे. इसी तरह तहसीलों का भी बंटवारा किया जाएगा. मध्यप्रदेश में अभी 52 जिले है. मऊगंज जिले बनने के बाद प्रदेश का 53 वां जिला होगा.
चुनावी साल में 53वां जिला बनाने की घोषणा कर सकते है सीएम शिवराज: साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा था कि अगर प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनती है तो वह मऊगंज को जिला बनाएंगे. चुनाव हुआ और भाजपा की हार हो गई. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी सरकार बना ली. प्रदेश के मुखिया कमलानाथ को चुना. जिसके बाद मऊगंज जिला बनाने की योजना धरी की धरी रह गई. हालांकि मऊगंज को जिला बनाए जाने की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है. अब एक बार फिर मऊगंज को जिला बनाए जाने की सुगबुगाहट तेज हो चुकी है. अगामी चार मार्च को प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज मऊगंज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे है. इसी दौरान वह चुनावी साल होने के चलते सियासी दांव चलकर मऊगंज को जिला बनाए जाने की घोषणा कर सकते है.
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रीवा संभाग के मऊगंज तहसील बनेगा जिला: हालांकि 18 में विधानसभा चुनाव जीत कर कांग्रेस ने बहुमत हासिल की. प्रदेश में अपनी सरकार बनाई. उस समय के सीएम कमलनाथ ने भी कई घोषणाएं की. उनके द्वारा मां शारदा की नगरी मैहर को जिला बनाने की घोषणा की गई. लेकिन उनकी सरकार महज 15 महीने तक ही टिक पाई. कई विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा और प्रदेश में दोबारा भाजपा ने अपनी सरकार बना ली, जिसमें शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए. ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मऊगंज को जिला बनाए जाने की घोषणा करते है तो मैहर में बगावत के सुर तेज हो जाएंगे और मैहर को भी जिला बनाने की मांग तेज हो जाएगी.
मध्यप्रदेश में इस तरह से बने 52 जिले
- वर्ष 1956 में मध्यप्रदेश राज्य के गठन के दौरान प्रदेश में कुल 43 जिले थे.
- वर्ष 1972 में 2 जिले बनाए जाने के बाद प्रदेश में 45 जिले हो गए.
- वर्ष 1998 में प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी. इस दौरान 16 अन्य राज्यो की घोषणा हुई. जिसके बाद प्रदेश में कुल 61 जिले हो गए.
- वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ को विस्थापित कर अलग राजा बनाया गया. जिसके बाद प्रदेश के 16 जिले छत्तीसगढ़ में शामिल किए गए और मध्यप्रदेश में जिलो की संख्या घटकर फिर 45 हो गई.
- वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रही उमा भारती ने तीन नए जिले प्रदेश में 3 नए जिले बनाए जाने की घोषणा की, जिसमें अशोकनगर, अनूपपुर और बुरहानपुर को शामिल किया गया. जिसके बाद प्रदेश में कुल 48 जिले हो गए.
- वर्ष 2008 में सीएम शिवराज ने सिंगरौली और अलीराजपुर को जिला बना दिया. इसके बाद जिलो की संख्या बढ़कर 50 हो गई.
- वर्ष 2016 में सीएम शिवराज ने आगर, मालवा और 2018 में निवाड़ी को जिला बना दिया. जिसके बाद प्रदेश में कुल 52 जिले हो गए.
- अब 2023 साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है, ऐसे में अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मऊगंज को जिला बनाते है तो प्रदेश में कुल 53 जिले हो जाएंगे.