रीवा/भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित एशिया की सबसे बड़ी 750 मेगावाट की सौर परियोजना का शुक्रवार को शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई अन्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत विश्व में 'क्लीन एनर्जी का मॉडल बनेगा. भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस' का निर्माण किया है. हमारे प्रयास हैं कि आम आदमी अपनी जरूरत की बिजली घर पर ही पैदा करे. इस कार्य में सरकार मदद करेगी. हम प्रयासरत हैं कि देश में बेहतर सोलर पैनल, बैटरी स्टोरेज बनें और हमें विदेशों से उपकरण आयात नहीं करना पड़े.
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं. मध्यप्रदेश सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन रहा है. रीवा ने आज वाकई इतिहास रच दिया है. सफेद बाघ के नाम से जाना जाने वाला रीवा अब विश्व में सोलर प्लांट के नाम से भी जाना जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हम विश्व के टॉप 5 देशों में पहुंच गए हैं. भारत ने सिद्ध कर दिया है कि सौर ऊर्जा अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों की दृष्टि से लाभदायी है. वर्ष 2014 में जहां सौर ऊर्जा की कीमत 7 से 8 रूपये प्रति यूनिट हुआ करती थी, आज वह घटकर 2.25 से 2.50 रूपये प्रति यूनिट हो गयी है. रीवा सोलर प्लांट के माध्यम से सस्ती बिजली का उत्पादन बड़ी उपलब्धि है. सोलर बिजली की आत्मनिर्भरता आत्मनिर्भर भारत के लिये आवश्यक है.
साफ-सुथरी ऊर्जा के प्रति हम संकल्पित: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि साफ सुथरी ऊर्जा के प्रति हम संकल्पित है. हमें पर्यावरण की सुरक्षा तो करना ही है, साथ ही जनजीवन को आसान भी बनाना है. हमने हर घर में एलपीजी, सीएनजी आधारित वाहन व्यवस्था तो की ही है, अब बिजली आधारित परिवहन की व्यवस्था के प्रयास किये जा रहे है. देश में गत वर्षों 36 करोड़ एलईडी बल्ब के माध्यम से लगभग 600 अरब यूनिट बिजली बचाई गई है. हमारा ध्येय है हर व्यक्ति तक सस्ती बिजली पहुँचे तथा वातावरण हवा पानी भी शुद्ध बना रहे.
एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में मध्यप्रदेश की बड़ी भागीदारी
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने में मध्यप्रदेश बड़ी भागीदारी निभाएगा. प्रदेश में आगामी सौर परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित होगी.
परियोजना की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
रीवा सौर परियोजना पहली ऐसी सौर परियोजना है, जिससे प्राप्त विद्युत, तापीय ऊर्जा से प्राप्त विद्युत से सस्ती है. इस परियोजना से पहली बार ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यावसायिक संस्थान 'दिल्ली मेट्रो' को बिजली प्रदान की गई. आंतरिक ग्रिड समायोजन के लिए वर्ल्ड बैंक और सीटीएफ ऋण प्राप्त करने वाली यह देश की पहली परियोजना है, जिसे विश्व बैंक का ऋण बिना राज्य शासन की गारंटी के मिला है. यह ऋण 'क्लीन टैक्नोलोजी फंड' के अन्तर्गत ऋण स्वीकृत किया गया है, जो 0.25 प्रतिशत की सस्ती दर पर प्राप्त लेबर मुक्त ऋण है.
परियोजना से सालाना 15.7 लाख टन के CO2 उत्सर्जन को रोका जा रहा है, जो 2.6 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है. इस परियोजना को Transaction संरचना के लिए वर्ल्ड बैंक प्रेजिडेंट पुरस्कार प्राप्त हुआ है. इस परियोजना ने भारत में पहली बार त्रि-स्तरीय भुगतान सुरक्षा पद्धति लागू की गई. बताया जा रहा है कि परियोजना की तीन इकाइयों के विकासक क्रमश: महिंद्रा रिन्यूएबल, एक्मे सौलर होल्डिंग्स और एरिनसनक्लीन इनर्जी है. उक्त विकासक पहले साल के लिए 2.979 रुपए, 2.970 रुपए और 2.974 रुपए के टैरिफ क्योट करने के आधार पर चयनित हुए. इस वर्ष परियोजना को न्यूनतम टैरिफ प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री पुरुस्कार के लिए भी नामंकित किया गया था.