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नगर निगम के पेश हुए बजट में आंकड़ो का खेल, 401 करोड़ के खर्च का अनुमान - रीवा

रीवा नगर निगम के पेश हुए बजट में आंकड़ो का खेल हुआ, बजट में 401 करोड़ के खर्च का अनुमान है. नगर निगम ने इस बजट में करीब 37 करोड़ रुपए का घाटा प्रस्तुत किया है.

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Published : Mar 31, 2021, 4:27 PM IST

रीवा। नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2021-22 का अनुमानित बजट बीते 5 मार्च को पेश किया गया था. जिसमे 363 करोड़ रुपए से अधिक आय का अनुमान लगाया गया है. इस आय के साथ ही 401 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है. नगर निगम ने इस बजट में करीब 37 करोड़ रुपए का घाटा प्रस्तुत किया है. इस घाटे की भरपाई शासन द्वारा मिलने वाले अनुदान और प्रतिपूर्ति से होने की उम्मीद नगर निगम प्रशासन को है.



कल्पनाओं पर आधारित नगर निगम रीवा का बजट

अनुमानित बजट में जो आंकड़े दिए गए हैं, वह पूर्व के वर्षों की तरह ही कल्पनाओं पर आधारित हैं, अधिकांश प्रावधान पिछले वर्ष के बजट में भी थे, लेकिन उन पर कोई काम नहीं किया गया. अब बजट में एक बार फिर से सभी को समाहित कर दिया गया है.


फेरबदल कर के प्रस्तुत किया आंकड़ा

इस बार बजट को लेकर निगम अधिकारियों की ओर से बैठकें आयोजित नहीं की गई थी और ना ही आम जनता के बीच इसको लेकर कोई मंथन किया गया. अधिकारियों ने पुराने आंकड़ों में ही फेरबदल करते हुए इसे निगम आयुक्त के सामने प्रस्तुत किया. जिन्होंने इसे प्रशासक के सामने अनुमोदन के लिए पेश किया है, वह इस बजट में 363 करोड़ 52 लाख 83 हजार रुपए आय व 401 करोड़ 80 हजार व्यय का अनुमान है. बजट में दावा किया गया है कि नगर निगम के समुचित विकास के साथ नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.


शासन निधी से प्रतिपूर्ति करने की तैयारी में निगम प्रशासन

नगर निगम के प्रस्तावित स्ववित्तीय पूंजीगत संपत्तियों का निर्माण करने के साथ ही आय व्यय में 37 करोड़ 47 लाख 97 रुपये की प्रतिपूर्ति शासन से विशेष निधि की मांग व निगम की योजनाओं और अन्य मदों से कराने की तैयारी है.


डिजिटल वर्किंग पर दिया जाएगा जोर

नगर निगम ने अपने बजट में दावा किया है कि इस बार डिजिटल वर्किंग पर विशेष रूप से काम किया जाएगा. शासन की मंशा अनुसार पेपरलेस व कैशलेस वर्किंग के लिए ई नगर पालिका सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम कराया जाना है. इसके तहत सभी मॉड्यूल्स को ई नगर पालिका में क्रियान्वयन के साथ निगम के समस्त करो और शुल्क ऑनलाइन के माध्यम से जमा कराने का प्रावधान किया गया है.


सभी जोन कार्यालय मुख्य कार्यलय की तरह होंगे संचालित

शहर की मूलभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक जोन कार्यालयों में अधिकारियों को वाहन की सुविधा के साथ ही डंपर, जेसीबी, फायर ब्रिगेड, आदि संस्थानों से सुसज्जित करने का प्रावधान किया गया है. जिससे लोगों की समस्याओं का तुरंत निराकरण किया जा सके. इस बजट में रीवा नगर पालिक निगम के हर जोन कार्यालय को मुख्य कार्यालय की तरह संचालित करने पर भी जोर दिया गया है.


वार्डो में विकास कार्यो के खर्च का प्रावधान

शहर के वार्डों में पुलिया, नाली, सड़क और पौधारोपण के लिए 40 करोड़ रुपये शासन व निगम की आय से मिलने का अनुमान है. जल प्रदाय व्यवस्था के लिए 16.40 करोड रुपये, व शहर में प्रकाश व्यवस्था के लिए 3.70 करोड प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70 करोड, सिटी ट्रांसपोर्टेशन और ग्रीनरी व सीवरेज सिस्टम के डेवलपमेंट के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही रोटरी हॉकर्स कॉर्नर, मुक्तिधाम निर्माण, जन सुविधा केंद्र एवं शौचालय निर्माण के लिए 4.50 का प्रावधान किया गया है. इस बजट में विशेष रूप से नगर प्रवेश द्वार एवं वार्ड प्रवेश द्वार बनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है.



पूंजीगत व राजस्व के आय

बजट में पूंजीगत आय में 165.17 करोड़ व राजस्व आय में 198.35 करोड़ के आय का अनुमान है. इसके तहत मनोरंजन कर, शिक्षा उपकर, प्रदर्शन, विज्ञापन कर, नगरी विकास उपकर, शिक्षा उपकर, संपत्ति कर, प्रकाश अधिभार, जलकर, आदि में 78.38 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है. वहीं बीते वर्ष से यह 29 प्रतिशत ज्यादा है. निर्दिष्ट राजस्व व क्षतिपूर्ति में मुद्रांक शुल्क, चुंगी क्षतिपूर्ति, यात्री क्षतिपूर्ति, सहित नजूल अंशदान के तहत 54.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है.



बजट में सब्सिडी एवं पूंजीगत प्राप्तियां

इसके तहत सड़क अनुरक्षण अनुदान, पेयजल अनुदान विधायक निधि, सांसद निधि, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, द्वितीय चरण मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना, आईएचएसडीपी योजना, अमृत योजना तथा स्वच्छ भारत अभियान आदि के तहत शहरी विद्यालयों में शौचालय निर्माण सहित मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, सुलभ कांप्लेक्स, ग्रीनरी, सिटी ट्रांसपोर्टेशन विशेष निधि, सीवरेज निर्माण, शहरी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 214 करोड़ 59 लाख रुपये प्राप्ति की प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही अन्य आय में 55 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. खाते में जमा राशि से 6 करोड रुपए का अनुमान है .



उपभोक्ता एवं शुल्क प्रभार

इसके अंतर्गत विकास शुल्क, अनुज्ञा शुल्क, कांजी हाउस, टेलीफोन, मोबाइल टावर, अनुज्ञप्ति, हॉकर्स कॉर्नर, पशुवध मीट विक्रय, समझौता शुल्क, विलंब शुल्क, आवेदन शुल्क, उपभोक्ता प्रभार आदि में 28 करोड़ 20 लाख 55 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं निविदा प्रपत्र आवेदन पत्र राशन कार्ड खाद्य विक्रय आदि में 85.50 लाख का प्रावधान है.



पूंजीगत एवं राजस्व व्यय

स्थापना व्यय में कर्मचारियों के वेतन महंगाई भत्ता चिकित्सा भत्ता अस्थाई ईपीएफ अवकाश नकदीकरण भविष्य निधि शासकीय कटौती आदि में 59.06 करोड़ का प्रावधान है. वहीं प्रशासनिक व्यय में दूरभाष, डॉक व्यय, पीवीएक्स, मरम्मत, अतिथि सत्कार व्यय, विविध व्यय, दीनदयाल रसोई योजना अंशदान, सांस्कृतिक गतिविधियां, विंध्य महोत्सव, स्मारिका प्रकाशन, पत्र पत्रिकाएं, मुद्रण स्टेशनरी लेखन सामग्री, वाहन बीमा, यात्रा देयक, लेखा परीक्षा शुल्क, वास्तुविदिय शुल्क, तकनीकी शुल्क, निविदा विज्ञापन, परामर्श चार्टर्ड अकाउंटेंट शुल्क, आदि में 4.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है. परिचालन एवं अनुरक्षण में बिजली बिल, जलकर, स्ट्रीट लाइट डीजल मशीनों का किराया, सड़क मरम्मत, सार्वजनिक शौचालय, कर्मचारी आवास, सामुदायिक भवन, जल प्रदाय, बकाया देनदारियों का भुगतान, मरम्मत फर्नीचर क्रय, जलप्रदाय, पार्क, नलकूप मरम्मत फैक्स टाइपराइटर मरम्मत आदि कार्य मे 112.95 करोड़ का प्रावधान.



व्यवसायिक योजनाओं में 20 करोड़ से अधिक आय का अनुमान

नगर निगम बाजार बैठकी, टैक्सी टेंपो स्टैंड शुल्क वसूली, बाजार से किराया, प्रीमियम दुकानों से प्राप्त किराया, सामुदायिक भवन से प्राप्त किराया, भवन भूमि स्थानांतरण, सुलभ कंपलेक्स किराया, यातायात नगर भूखंड पेट्रोल पंप तथा कंप्लेस किराया, भाड़ा क्रय योजना, बढ़ती व्यवसायिक गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए शासन की महत्वपूर्ण योजना समिति योजना के तहत यातायात नगर में बस स्टैंड एवं रेवांचल बस स्टैंड में व्यवसायिक योजना, एसएएफ चौराहा में प्रथम तल दुकान, हॉल निर्माण, गांधी कांप्लेक्स, व्यवसायिक योजना, विवेकानंद वार्ड 16 में आवास निर्माण, गंगोत्री कॉलोनी द्वितीय चरण मल्टी समूह आवास, भवन फ्लैट्स निर्माण, सफाई गोदाम व्यवसाय योजना आदि के क्रियान्वित करने का प्रावधान किया गया है जिसमें निगम को 20.46 करोड़ रुपये की आय अनुमानित हैं. जिससे नगर निगम के समुचित विकास के साथ विकास के बकाया देनदारियों का भुगतान किया जा सकेगा.




कार्यक्रमों में व्यय होने वाली राशि

राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में होने वाले आयोजन पर व्यय, खेल आयोजन पर नगद पुरस्कार, प्रदर्शनी मेला आयोजन, राष्ट्रीय दशहरा पर्व, दुर्गा उत्सव समिति को अंशदान उर्स आयोजन, लक्ष्मण बाग में स्थित गौशाला हेतु अंशदान, गणेश उत्सव, प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री कार्यक्रम, शांति एवं सद्भावना दौड़ अंशदान आदि में 67 लाख का प्रावधान किया गया है.



बजट में पूंजीगत व्यय

पौधारोपण एवं तालाबों का निर्माण, मुक्तिधाम भवन स्कूल निर्माण, रोड निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण, नाली विद्युत सामग्री खरीदी, टंकी निर्माण, नगर निगम सभा कक्ष निर्माण, वाहन क्रय, शवदाह ग्रह, दुकान निर्माणाधीन आदि में 214.59 करोड़ का प्रावधान किया गया है.





आर्थिक संकट से जूझ रहे निगम प्रशासन ने पेश किया घाटे का बजट


नगर निगम द्वारा वित्तीय बजट 2021-22 की सार्वजनिक घोषणा बीते 4 मार्च को गई. निगम प्रशासन की अनुमति के बाद नगर निगम की पोटली से बजट तो बाहर आया लेकिन यह बजट निराशाजनक ही रहा. इस वर्ष भी आर्थिक संकट से जूझ रहे निगम प्रशासन द्वारा घाटे का बजट प्रस्तुत किया गया. इस बजट में रीवा नगर निगम ने 33 करोड़ से अधिक राशि का घाटा दिखाया है.

रीवा। नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2021-22 का अनुमानित बजट बीते 5 मार्च को पेश किया गया था. जिसमे 363 करोड़ रुपए से अधिक आय का अनुमान लगाया गया है. इस आय के साथ ही 401 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है. नगर निगम ने इस बजट में करीब 37 करोड़ रुपए का घाटा प्रस्तुत किया है. इस घाटे की भरपाई शासन द्वारा मिलने वाले अनुदान और प्रतिपूर्ति से होने की उम्मीद नगर निगम प्रशासन को है.



कल्पनाओं पर आधारित नगर निगम रीवा का बजट

अनुमानित बजट में जो आंकड़े दिए गए हैं, वह पूर्व के वर्षों की तरह ही कल्पनाओं पर आधारित हैं, अधिकांश प्रावधान पिछले वर्ष के बजट में भी थे, लेकिन उन पर कोई काम नहीं किया गया. अब बजट में एक बार फिर से सभी को समाहित कर दिया गया है.


फेरबदल कर के प्रस्तुत किया आंकड़ा

इस बार बजट को लेकर निगम अधिकारियों की ओर से बैठकें आयोजित नहीं की गई थी और ना ही आम जनता के बीच इसको लेकर कोई मंथन किया गया. अधिकारियों ने पुराने आंकड़ों में ही फेरबदल करते हुए इसे निगम आयुक्त के सामने प्रस्तुत किया. जिन्होंने इसे प्रशासक के सामने अनुमोदन के लिए पेश किया है, वह इस बजट में 363 करोड़ 52 लाख 83 हजार रुपए आय व 401 करोड़ 80 हजार व्यय का अनुमान है. बजट में दावा किया गया है कि नगर निगम के समुचित विकास के साथ नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.


शासन निधी से प्रतिपूर्ति करने की तैयारी में निगम प्रशासन

नगर निगम के प्रस्तावित स्ववित्तीय पूंजीगत संपत्तियों का निर्माण करने के साथ ही आय व्यय में 37 करोड़ 47 लाख 97 रुपये की प्रतिपूर्ति शासन से विशेष निधि की मांग व निगम की योजनाओं और अन्य मदों से कराने की तैयारी है.


डिजिटल वर्किंग पर दिया जाएगा जोर

नगर निगम ने अपने बजट में दावा किया है कि इस बार डिजिटल वर्किंग पर विशेष रूप से काम किया जाएगा. शासन की मंशा अनुसार पेपरलेस व कैशलेस वर्किंग के लिए ई नगर पालिका सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम कराया जाना है. इसके तहत सभी मॉड्यूल्स को ई नगर पालिका में क्रियान्वयन के साथ निगम के समस्त करो और शुल्क ऑनलाइन के माध्यम से जमा कराने का प्रावधान किया गया है.


सभी जोन कार्यालय मुख्य कार्यलय की तरह होंगे संचालित

शहर की मूलभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक जोन कार्यालयों में अधिकारियों को वाहन की सुविधा के साथ ही डंपर, जेसीबी, फायर ब्रिगेड, आदि संस्थानों से सुसज्जित करने का प्रावधान किया गया है. जिससे लोगों की समस्याओं का तुरंत निराकरण किया जा सके. इस बजट में रीवा नगर पालिक निगम के हर जोन कार्यालय को मुख्य कार्यालय की तरह संचालित करने पर भी जोर दिया गया है.


वार्डो में विकास कार्यो के खर्च का प्रावधान

शहर के वार्डों में पुलिया, नाली, सड़क और पौधारोपण के लिए 40 करोड़ रुपये शासन व निगम की आय से मिलने का अनुमान है. जल प्रदाय व्यवस्था के लिए 16.40 करोड रुपये, व शहर में प्रकाश व्यवस्था के लिए 3.70 करोड प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70 करोड, सिटी ट्रांसपोर्टेशन और ग्रीनरी व सीवरेज सिस्टम के डेवलपमेंट के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही रोटरी हॉकर्स कॉर्नर, मुक्तिधाम निर्माण, जन सुविधा केंद्र एवं शौचालय निर्माण के लिए 4.50 का प्रावधान किया गया है. इस बजट में विशेष रूप से नगर प्रवेश द्वार एवं वार्ड प्रवेश द्वार बनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है.



पूंजीगत व राजस्व के आय

बजट में पूंजीगत आय में 165.17 करोड़ व राजस्व आय में 198.35 करोड़ के आय का अनुमान है. इसके तहत मनोरंजन कर, शिक्षा उपकर, प्रदर्शन, विज्ञापन कर, नगरी विकास उपकर, शिक्षा उपकर, संपत्ति कर, प्रकाश अधिभार, जलकर, आदि में 78.38 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है. वहीं बीते वर्ष से यह 29 प्रतिशत ज्यादा है. निर्दिष्ट राजस्व व क्षतिपूर्ति में मुद्रांक शुल्क, चुंगी क्षतिपूर्ति, यात्री क्षतिपूर्ति, सहित नजूल अंशदान के तहत 54.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है.



बजट में सब्सिडी एवं पूंजीगत प्राप्तियां

इसके तहत सड़क अनुरक्षण अनुदान, पेयजल अनुदान विधायक निधि, सांसद निधि, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, द्वितीय चरण मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना, आईएचएसडीपी योजना, अमृत योजना तथा स्वच्छ भारत अभियान आदि के तहत शहरी विद्यालयों में शौचालय निर्माण सहित मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, सुलभ कांप्लेक्स, ग्रीनरी, सिटी ट्रांसपोर्टेशन विशेष निधि, सीवरेज निर्माण, शहरी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 214 करोड़ 59 लाख रुपये प्राप्ति की प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही अन्य आय में 55 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. खाते में जमा राशि से 6 करोड रुपए का अनुमान है .



उपभोक्ता एवं शुल्क प्रभार

इसके अंतर्गत विकास शुल्क, अनुज्ञा शुल्क, कांजी हाउस, टेलीफोन, मोबाइल टावर, अनुज्ञप्ति, हॉकर्स कॉर्नर, पशुवध मीट विक्रय, समझौता शुल्क, विलंब शुल्क, आवेदन शुल्क, उपभोक्ता प्रभार आदि में 28 करोड़ 20 लाख 55 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं निविदा प्रपत्र आवेदन पत्र राशन कार्ड खाद्य विक्रय आदि में 85.50 लाख का प्रावधान है.



पूंजीगत एवं राजस्व व्यय

स्थापना व्यय में कर्मचारियों के वेतन महंगाई भत्ता चिकित्सा भत्ता अस्थाई ईपीएफ अवकाश नकदीकरण भविष्य निधि शासकीय कटौती आदि में 59.06 करोड़ का प्रावधान है. वहीं प्रशासनिक व्यय में दूरभाष, डॉक व्यय, पीवीएक्स, मरम्मत, अतिथि सत्कार व्यय, विविध व्यय, दीनदयाल रसोई योजना अंशदान, सांस्कृतिक गतिविधियां, विंध्य महोत्सव, स्मारिका प्रकाशन, पत्र पत्रिकाएं, मुद्रण स्टेशनरी लेखन सामग्री, वाहन बीमा, यात्रा देयक, लेखा परीक्षा शुल्क, वास्तुविदिय शुल्क, तकनीकी शुल्क, निविदा विज्ञापन, परामर्श चार्टर्ड अकाउंटेंट शुल्क, आदि में 4.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है. परिचालन एवं अनुरक्षण में बिजली बिल, जलकर, स्ट्रीट लाइट डीजल मशीनों का किराया, सड़क मरम्मत, सार्वजनिक शौचालय, कर्मचारी आवास, सामुदायिक भवन, जल प्रदाय, बकाया देनदारियों का भुगतान, मरम्मत फर्नीचर क्रय, जलप्रदाय, पार्क, नलकूप मरम्मत फैक्स टाइपराइटर मरम्मत आदि कार्य मे 112.95 करोड़ का प्रावधान.



व्यवसायिक योजनाओं में 20 करोड़ से अधिक आय का अनुमान

नगर निगम बाजार बैठकी, टैक्सी टेंपो स्टैंड शुल्क वसूली, बाजार से किराया, प्रीमियम दुकानों से प्राप्त किराया, सामुदायिक भवन से प्राप्त किराया, भवन भूमि स्थानांतरण, सुलभ कंपलेक्स किराया, यातायात नगर भूखंड पेट्रोल पंप तथा कंप्लेस किराया, भाड़ा क्रय योजना, बढ़ती व्यवसायिक गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए शासन की महत्वपूर्ण योजना समिति योजना के तहत यातायात नगर में बस स्टैंड एवं रेवांचल बस स्टैंड में व्यवसायिक योजना, एसएएफ चौराहा में प्रथम तल दुकान, हॉल निर्माण, गांधी कांप्लेक्स, व्यवसायिक योजना, विवेकानंद वार्ड 16 में आवास निर्माण, गंगोत्री कॉलोनी द्वितीय चरण मल्टी समूह आवास, भवन फ्लैट्स निर्माण, सफाई गोदाम व्यवसाय योजना आदि के क्रियान्वित करने का प्रावधान किया गया है जिसमें निगम को 20.46 करोड़ रुपये की आय अनुमानित हैं. जिससे नगर निगम के समुचित विकास के साथ विकास के बकाया देनदारियों का भुगतान किया जा सकेगा.




कार्यक्रमों में व्यय होने वाली राशि

राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में होने वाले आयोजन पर व्यय, खेल आयोजन पर नगद पुरस्कार, प्रदर्शनी मेला आयोजन, राष्ट्रीय दशहरा पर्व, दुर्गा उत्सव समिति को अंशदान उर्स आयोजन, लक्ष्मण बाग में स्थित गौशाला हेतु अंशदान, गणेश उत्सव, प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री कार्यक्रम, शांति एवं सद्भावना दौड़ अंशदान आदि में 67 लाख का प्रावधान किया गया है.



बजट में पूंजीगत व्यय

पौधारोपण एवं तालाबों का निर्माण, मुक्तिधाम भवन स्कूल निर्माण, रोड निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण, नाली विद्युत सामग्री खरीदी, टंकी निर्माण, नगर निगम सभा कक्ष निर्माण, वाहन क्रय, शवदाह ग्रह, दुकान निर्माणाधीन आदि में 214.59 करोड़ का प्रावधान किया गया है.





आर्थिक संकट से जूझ रहे निगम प्रशासन ने पेश किया घाटे का बजट


नगर निगम द्वारा वित्तीय बजट 2021-22 की सार्वजनिक घोषणा बीते 4 मार्च को गई. निगम प्रशासन की अनुमति के बाद नगर निगम की पोटली से बजट तो बाहर आया लेकिन यह बजट निराशाजनक ही रहा. इस वर्ष भी आर्थिक संकट से जूझ रहे निगम प्रशासन द्वारा घाटे का बजट प्रस्तुत किया गया. इस बजट में रीवा नगर निगम ने 33 करोड़ से अधिक राशि का घाटा दिखाया है.

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