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कृषि उपज मंडी में फर्जीवाड़ा! खरीदी गई धान को दोबारा सरकार को बेचने की थी तैयारी, नोडल अधिकारी निलंबित, 4 के खिलाफ FIR

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Published : Jan 6, 2022, 8:51 PM IST

रीवा के कृषि उपज मंडी में धांधली का भंडाफोड़ करते हुए नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है. साथ ही समिति प्रबंधक सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. प्रशासनिक अधिकारियों ने छापेमारी में पाया कि सरकार के द्वारा खरीदी गई धान को दोबारा सरकार को ही बेचने का प्रयास किया जा रहा था.

fraud in Rewa krishi upaj mandi
रीवा के कृषि उपज मंडी में धांधली

रीवा। कृषि उपज मंडी करहिया में बुधवार को नागरिक आपूर्ति निगम ने छापामारी की. समिति प्रबंधक द्वारा नोडल अधिकारी की सहमति से सरकार के द्वारा 2018-19 में खरीदे गए धान को दोबारा बेचने का प्रयास किया जा रहा था. इसे लेकर चोरहाटा खरीदी केंद्र के पास प्रबंधक सहित चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है.

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खरीदी गई धान को दोबारा खरीदने की थी कोशिश (fraud in Rewa krishi upaj mandi)

मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की मिलीभगत से कालाबाजारी का सिलसिला जारी है, जिसे लेकर प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा रही है. रीवा के कृषि उपज मंडी करहिया (fraud in agricultural produce market) में सरकार द्वारा 2018-19 में खरीदी गई धान को समिति प्रबंधक के द्वारा दोबारा 2021-22 टैग लगाकर सरकारी खाते में जमा कराया जा रहा था, जिसकी कीमत फर्जी किसान के खाते में भुगतान की जाती. पूर्व में खरीदी गई धान को दोबारा बिक्री करने का प्रयास किया जा रहा था, जिसका वजन तकरीबन 136 क्विंटल था.

रीवा के कृषि उपज मंडी में धांधली
2 लाख 71 हजार की हेराफेरी!
प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो 2018-19 में खरीदी गई धान सड़ने की स्थिति में आ गई थी. जिसकी वजह से खाद की प्रक्रिया में लेकर प्रशासन के द्वारा उसे बेचने की कवायद की जा चुकी थी. लेकिन समिति प्रबंधक ने उसी सड़ी हुई धान पर 2021-22 का टैग लगाकर, फर्जी किसान के नाम से बेचने की कोशिश की थी. 316 बोरों में बंद इस धान की कीमत 2 लाख 71 हजार रुपए बताई जा रही है. मामले पर समिति प्रबंधक सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं नोडल अधिकारी (nodal officer suspended) और समिति को निलंबित भी किया गया है.

रीवा। कृषि उपज मंडी करहिया में बुधवार को नागरिक आपूर्ति निगम ने छापामारी की. समिति प्रबंधक द्वारा नोडल अधिकारी की सहमति से सरकार के द्वारा 2018-19 में खरीदे गए धान को दोबारा बेचने का प्रयास किया जा रहा था. इसे लेकर चोरहाटा खरीदी केंद्र के पास प्रबंधक सहित चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया है.

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मध्य प्रदेश में कर्मचारियों की मिलीभगत से कालाबाजारी का सिलसिला जारी है, जिसे लेकर प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा रही है. रीवा के कृषि उपज मंडी करहिया (fraud in agricultural produce market) में सरकार द्वारा 2018-19 में खरीदी गई धान को समिति प्रबंधक के द्वारा दोबारा 2021-22 टैग लगाकर सरकारी खाते में जमा कराया जा रहा था, जिसकी कीमत फर्जी किसान के खाते में भुगतान की जाती. पूर्व में खरीदी गई धान को दोबारा बिक्री करने का प्रयास किया जा रहा था, जिसका वजन तकरीबन 136 क्विंटल था.

रीवा के कृषि उपज मंडी में धांधली
2 लाख 71 हजार की हेराफेरी!
प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो 2018-19 में खरीदी गई धान सड़ने की स्थिति में आ गई थी. जिसकी वजह से खाद की प्रक्रिया में लेकर प्रशासन के द्वारा उसे बेचने की कवायद की जा चुकी थी. लेकिन समिति प्रबंधक ने उसी सड़ी हुई धान पर 2021-22 का टैग लगाकर, फर्जी किसान के नाम से बेचने की कोशिश की थी. 316 बोरों में बंद इस धान की कीमत 2 लाख 71 हजार रुपए बताई जा रही है. मामले पर समिति प्रबंधक सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं नोडल अधिकारी (nodal officer suspended) और समिति को निलंबित भी किया गया है.
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