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Rewa News: फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पूर्व सरपंच ने हड़पी 5 एकड़ जमीन, अब 4 साल से खुद को जिंदा साबित करता दर-दर भटक रहा पीड़ित

Fraud With Fake Death Certificate: मैं मरा नहीं हूं...मैं जिंदा हूं...बीते 4 सालों से एक पीड़ित तमाम प्रशासनिक अफसरों की चौखट पर जाकर यही गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही. वो कागजों में मृतक करार है, इस वजह से उसकी जमीन पर दूसरे लोग हक जमाए बैठे हैं. फिलहाल असपी को उसने न्याय की मांग की है.

Fraud With Fake Death Certificate
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पीड़ित को मारा
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Published : Jul 15, 2023, 10:01 AM IST

Updated : Jul 15, 2023, 10:30 AM IST

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पूर्व सरपंच ने हड़पी 5 एकड़ जमीन

रीवा। जिले के मनगवां स्थित रामपुरवा ग्राम के पूर्व सरपंच की काली करतूत उजागार हुई है, जहां शनिवार की देर शाम एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित ने खुद के साथ हुई बर्बरता की कहानी मीडिया के कैमरे पर बयां की. दरअसल एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित ने गांव के पूर्व सरपंच पर कई गंभीर आरोप लगाए है. पीड़ित का कहना है कि "पूर्व सरपंच ने मुझे जीते जी मार डाला और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर मेरी 5 एकड़ जमीन हड़प ली." पीड़ित ने मामले की शिकायत कई बड़े प्रशानिक अधिकारियों से की मगर लाचार सिस्टम ने अब तक उसकी कोई मदद नहीं की है. फिलहाल पीड़ित खुद को जिंदा साबित करने के लिए 4 साल से लगातार न्याय की गुहार लगाते प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.

पूर्व सरपंच का कारनामा कागजों में पीड़ित को मारा: मामला मनगवां तहसील के रामपुरवा गांव का है, जहां रहने वाले गेंदलाल पटेल की 5 एकड़ जमीन गांव के ही पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल व उनके पति उमेश पटेल ने पीड़ित की पत्नि की मिलीभगत से षडयंत्र कर वर्ष 2019 में हड़प ली. जमीन हड़पने के लिए पूर्व सरपंच ने पहले तो पीड़ित गेंदलाल का जाली मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवाया, फिर उसे धक्के मारकर गांव से बहार का रास्ता दिखा दिया. बेघर हुए पीड़ित गेंदलाल पटेल के पास लगभग 18 एकड़ की भूमि है, जिसमें से 5 एकड़ भूमि पूर्व सरपंच व उसके पति और पीड़ित की पत्नी तीनों ने मिलकर हड़पी है.

पूर्व सरपंच की करतूत उजागर जमीन हड़पने रचा षड़यंत्र: पीड़ित गेंदलाल पटेल बेघर हो गया और उसने मामले की शिकायत स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से की, लेकिन वहां उसे निराशा ही हाथ लगी. इसके बाद पीड़ित मेहनत मजदूरी करने बाहर आने जाने लगा, वह कई बार अपने घर गया लेकिन उसकी पत्नि उसे पूर्व सरपंच, पूर्व सरपंच के पति और अन्य साथी से मिलकर उसे डरा धमकाकर घर से भगा देती थी. बीते वर्ष 2022 में पीड़ित ने वर्तमान सरपंच वंशगोपाल पटेल से मदद की गुहार लगाई और मामले की शिकायत कलेक्टर से की लेकिन वहां भी पीड़ित को मात्र आश्वासन ही प्राप्त हुआ. वर्ष 2019 से लेकर अब तक पीड़ित कई बार प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट चुका है, लेकिन उसकी समस्या का निराकरण नहीं किया जा सका.

nbbvnFraud With Fake Death Certificate
पीडित गेंदलाल ने दिखाया वोटर आईडी नंबर

न्याय की गुहार लगाने एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित: बीते शुक्रवार की शाम एक बार फिर पीड़ित गेंदलाल एसपी कार्यालय पहुंचा, जहां उसने पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह को शिकायत आवेदन देकर मामले में धोखाधड़ी करते हुए जमीन हड़पने वाली पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल और उसके पति उमेश पटेल और अन्य सदस्यों के खिलाफ खुद के फर्जी मृत्यु प्रमाण बनवाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

इन खबरों को भी जरूर पढ़िए:

खुद को जिंदा साबित करने 4 साल से भटक रहा पीड़ित: खुद को जिंदा साबित करने के लिए पीड़ित गेंदलाल ने मीडिया को अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी बताई और अपने जिंदा होने के सबूत भी पेश किए. पीड़ित का कहना है कि "पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल ने मुझे जीते जी ही मार डाला और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर मेरी 5 एकड़ जमीन हड़प ली, बाद में मुझे गांव से भगा दिया. शकुंतला पटेल के द्वारा रचे गए षडयंत्र में उसका पति और मेरी पत्नि सहित पूर्व सरपंच के अन्य साथी शामिल हैं. मेरे पास कुछ ऐसे दस्तावेज हैं, जिसमें मुझे मृत घोषित किया गया है, जबकि मेरा नाम मतदाता सूची क्रमांक 718 में दर्ज है."

एक नहीं पूर्व सरपंच ने तीन को कागजों मे मारा: वहीं पीड़ित के साथ एसपी कार्यलय पंहुचे वर्तमान सरपंच वंशगोपाल पटेल ने भी पूर्व सरपंच शकुंतला पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वर्तमान सरपंच ने बताया कि "जिस प्रकार से षडयंत्र रचकर पूर्व सरपंच ने पीडित गेंदलाल का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर उसकी 5 एकड़ जमीन को हड़पा है, ठीक उसी प्रकार कूटरचित तरीके से उन्होंने गांव के 2 अन्य लोगों की जमीनें भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर षडयंत्र पूर्वक उनकी जमीनें हड़प ली हैं."

मामले की जांच कर की जाएगी वैधानिक कर्रवाई: पूरे मामले को लेकर एसपी विवेक सिंह ने कहा कि "मामले पर फरियादी की शिकायत प्राप्त हुई है. पीड़ित का कहना था कि फर्जी तरीके से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है और उससे कुछ लाभ भी अवैध रूप से अर्जित किए गए है. आवेदक की शिकायत प्राप्त कर मामले की जांच मनगवां SDOP को सौंप दी गई है, जांच के दौरान अगर इस तरह के तथ्य निकल कर सामने आते है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. घटना में अगर सत्यता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है, उसके अनुसार ही मामले पर कार्रवाई की जाएगी.

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पूर्व सरपंच ने हड़पी 5 एकड़ जमीन

रीवा। जिले के मनगवां स्थित रामपुरवा ग्राम के पूर्व सरपंच की काली करतूत उजागार हुई है, जहां शनिवार की देर शाम एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित ने खुद के साथ हुई बर्बरता की कहानी मीडिया के कैमरे पर बयां की. दरअसल एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित ने गांव के पूर्व सरपंच पर कई गंभीर आरोप लगाए है. पीड़ित का कहना है कि "पूर्व सरपंच ने मुझे जीते जी मार डाला और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर मेरी 5 एकड़ जमीन हड़प ली." पीड़ित ने मामले की शिकायत कई बड़े प्रशानिक अधिकारियों से की मगर लाचार सिस्टम ने अब तक उसकी कोई मदद नहीं की है. फिलहाल पीड़ित खुद को जिंदा साबित करने के लिए 4 साल से लगातार न्याय की गुहार लगाते प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.

पूर्व सरपंच का कारनामा कागजों में पीड़ित को मारा: मामला मनगवां तहसील के रामपुरवा गांव का है, जहां रहने वाले गेंदलाल पटेल की 5 एकड़ जमीन गांव के ही पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल व उनके पति उमेश पटेल ने पीड़ित की पत्नि की मिलीभगत से षडयंत्र कर वर्ष 2019 में हड़प ली. जमीन हड़पने के लिए पूर्व सरपंच ने पहले तो पीड़ित गेंदलाल का जाली मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवाया, फिर उसे धक्के मारकर गांव से बहार का रास्ता दिखा दिया. बेघर हुए पीड़ित गेंदलाल पटेल के पास लगभग 18 एकड़ की भूमि है, जिसमें से 5 एकड़ भूमि पूर्व सरपंच व उसके पति और पीड़ित की पत्नी तीनों ने मिलकर हड़पी है.

पूर्व सरपंच की करतूत उजागर जमीन हड़पने रचा षड़यंत्र: पीड़ित गेंदलाल पटेल बेघर हो गया और उसने मामले की शिकायत स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से की, लेकिन वहां उसे निराशा ही हाथ लगी. इसके बाद पीड़ित मेहनत मजदूरी करने बाहर आने जाने लगा, वह कई बार अपने घर गया लेकिन उसकी पत्नि उसे पूर्व सरपंच, पूर्व सरपंच के पति और अन्य साथी से मिलकर उसे डरा धमकाकर घर से भगा देती थी. बीते वर्ष 2022 में पीड़ित ने वर्तमान सरपंच वंशगोपाल पटेल से मदद की गुहार लगाई और मामले की शिकायत कलेक्टर से की लेकिन वहां भी पीड़ित को मात्र आश्वासन ही प्राप्त हुआ. वर्ष 2019 से लेकर अब तक पीड़ित कई बार प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर काट चुका है, लेकिन उसकी समस्या का निराकरण नहीं किया जा सका.

nbbvnFraud With Fake Death Certificate
पीडित गेंदलाल ने दिखाया वोटर आईडी नंबर

न्याय की गुहार लगाने एसपी कार्यालय पहुंचा पीड़ित: बीते शुक्रवार की शाम एक बार फिर पीड़ित गेंदलाल एसपी कार्यालय पहुंचा, जहां उसने पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह को शिकायत आवेदन देकर मामले में धोखाधड़ी करते हुए जमीन हड़पने वाली पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल और उसके पति उमेश पटेल और अन्य सदस्यों के खिलाफ खुद के फर्जी मृत्यु प्रमाण बनवाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

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खुद को जिंदा साबित करने 4 साल से भटक रहा पीड़ित: खुद को जिंदा साबित करने के लिए पीड़ित गेंदलाल ने मीडिया को अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी बताई और अपने जिंदा होने के सबूत भी पेश किए. पीड़ित का कहना है कि "पूर्व सरपंच शकुंतला पटेल ने मुझे जीते जी ही मार डाला और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर मेरी 5 एकड़ जमीन हड़प ली, बाद में मुझे गांव से भगा दिया. शकुंतला पटेल के द्वारा रचे गए षडयंत्र में उसका पति और मेरी पत्नि सहित पूर्व सरपंच के अन्य साथी शामिल हैं. मेरे पास कुछ ऐसे दस्तावेज हैं, जिसमें मुझे मृत घोषित किया गया है, जबकि मेरा नाम मतदाता सूची क्रमांक 718 में दर्ज है."

एक नहीं पूर्व सरपंच ने तीन को कागजों मे मारा: वहीं पीड़ित के साथ एसपी कार्यलय पंहुचे वर्तमान सरपंच वंशगोपाल पटेल ने भी पूर्व सरपंच शकुंतला पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वर्तमान सरपंच ने बताया कि "जिस प्रकार से षडयंत्र रचकर पूर्व सरपंच ने पीडित गेंदलाल का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर उसकी 5 एकड़ जमीन को हड़पा है, ठीक उसी प्रकार कूटरचित तरीके से उन्होंने गांव के 2 अन्य लोगों की जमीनें भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर षडयंत्र पूर्वक उनकी जमीनें हड़प ली हैं."

मामले की जांच कर की जाएगी वैधानिक कर्रवाई: पूरे मामले को लेकर एसपी विवेक सिंह ने कहा कि "मामले पर फरियादी की शिकायत प्राप्त हुई है. पीड़ित का कहना था कि फर्जी तरीके से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया है और उससे कुछ लाभ भी अवैध रूप से अर्जित किए गए है. आवेदक की शिकायत प्राप्त कर मामले की जांच मनगवां SDOP को सौंप दी गई है, जांच के दौरान अगर इस तरह के तथ्य निकल कर सामने आते है तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. घटना में अगर सत्यता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है, उसके अनुसार ही मामले पर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jul 15, 2023, 10:30 AM IST
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