रीवा। कई बार खुद को सुरक्षित करने में भी जान मुश्किलों में फंस जाती है. ऐसा ही हुआ रीवा में हुआ जहां एक अजगर चट्टानों के बीच फंस गया. अजगर का आकार बड़ा होने की वजह से ना तो वह निकल पा रहा था और ना ही अंदर जा पा रहा था. ऐसे में अजगर की जान बचाने के लिए तीन घंटे तक वन विभाग ने रेस्क्यू किया और उसे बचा लिया.
चट्टानों में फंसा अजगर, वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने तीन घंटे में बचाया - python trapped among rocks
रीवा में झिरिया कुंड के पास स्थित चट्टानों में फंसे अजगर को वन विभाग की टीम ने तीन घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया है.
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चट्टानों के बीच फंसा अजगर
रीवा। कई बार खुद को सुरक्षित करने में भी जान मुश्किलों में फंस जाती है. ऐसा ही हुआ रीवा में हुआ जहां एक अजगर चट्टानों के बीच फंस गया. अजगर का आकार बड़ा होने की वजह से ना तो वह निकल पा रहा था और ना ही अंदर जा पा रहा था. ऐसे में अजगर की जान बचाने के लिए तीन घंटे तक वन विभाग ने रेस्क्यू किया और उसे बचा लिया.
चट्टानों के बीच फंसा अजगर
चट्टानों के बीच फंसा अजगर
Intro:कई बार अपने को सुरक्षित करने में भी जान मुश्किलों में फंस जाती है। ऐसा ही हुआ रीवा में जहां एक अजगर चट्टानों के बीच कंदराओं में फंसा गया। अजगर का आकार बडा होने की वजह से ना तो वह निकल पा रहा था और ना ही अंदर और जगह थी। ऐसे में अजगर की जान बचाने के लिए 3 घंटे तक वन विभाग ने रेस्क्यू किया और सकुशल बचा कर पकड लिया। यह नजारा देखने के लिए सडक में सैकडो तमशवीनों की भीड़ जुट रही।
Body:आपको जानकर हैरानी होगी. हथौडे और सब्बल के ये प्रहार अजगर को मारने के लिए नही बल्कि बचाने के लिए किये जा रह है। ये पूरा वाक्या मध्यप्रदेश के रीवा का है। झिरिया कुंड के पास स्थित पत्थरों की कंदरा में रेयर प्रजाति का अजगर कहीं से आकर फंस गया। अजगर इन चट्टानों से बाहर निकल नही पा रहा था वह घायल होकर कभी थक चुका था। जैसे ही इसकी खबर वन विभाग को लगी रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और अजगर को बचाने के लिए आपरेशन शुरू हुआ। 3 घंटे की मेहनत की कठिन मेहनत के बाद अजगर को बचा कर स्नेक बाक्स कैद कर लिया गया। वन विभाग अब इसे गोविन्दगढ के जंगल में छोडेगा।
बाइट -हरिनाथदास अहिरवार, प्रभारी रेस्कयू टीम वन विभाग, रीवा
Conclusion:पत्थरों के बीच फंसा रेयर प्रजाति का अजगर काफी तकलीफ में था और वन विभाग बचाने के लिए रेस्क्यू कर रहा था। वहीं देखने के लिए सड़क में घंटो तक तमसवीनो की जुटी भीड़ रही।
Body:आपको जानकर हैरानी होगी. हथौडे और सब्बल के ये प्रहार अजगर को मारने के लिए नही बल्कि बचाने के लिए किये जा रह है। ये पूरा वाक्या मध्यप्रदेश के रीवा का है। झिरिया कुंड के पास स्थित पत्थरों की कंदरा में रेयर प्रजाति का अजगर कहीं से आकर फंस गया। अजगर इन चट्टानों से बाहर निकल नही पा रहा था वह घायल होकर कभी थक चुका था। जैसे ही इसकी खबर वन विभाग को लगी रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और अजगर को बचाने के लिए आपरेशन शुरू हुआ। 3 घंटे की मेहनत की कठिन मेहनत के बाद अजगर को बचा कर स्नेक बाक्स कैद कर लिया गया। वन विभाग अब इसे गोविन्दगढ के जंगल में छोडेगा।
बाइट -हरिनाथदास अहिरवार, प्रभारी रेस्कयू टीम वन विभाग, रीवा
Conclusion:पत्थरों के बीच फंसा रेयर प्रजाति का अजगर काफी तकलीफ में था और वन विभाग बचाने के लिए रेस्क्यू कर रहा था। वहीं देखने के लिए सड़क में घंटो तक तमसवीनो की जुटी भीड़ रही।