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फिर बढ़ीं किसानों की परेशानी, खरीदी केंद्रों पर सुविधाओं के अभाव में डेरा डाले है 'अन्नदाता'

देवास सेवा सहकारी समिति खरीदी केंद्र देवास में इन दिनों गेहूं से भरी बोरियों का अंबार लगा हुआ है. समिति की तरफ से किसानों के ठहरने और इलाज तक की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यहां पानी के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है.

खरीदी केंद्र पर खुले में रखी फसल
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Published : May 21, 2019, 12:14 PM IST

रीवा। किसानों के हितों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार रोज नई-नई घोषणाएं करती हैं, लेकिन वह जमीनी स्तर पर नहीं उतर पातीं, क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति तक रह जाते हैं. यही वजह है कि खरीदी केंद्रों पर इन दिनों किसानों को अनाज बेचने के लिये परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

खरीदी केंद्र पर खुले में रखी फसल

आलम ये है कि पिछले कई दिनों के किसान, खरीदी केंद्रों पर डेरा डालकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. खरीदी केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे रखीं अनाज की बोरियों पर मौसम की मार कभी भी पड़ सकती है. इससे निपटने के लिये समिति की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं.

सेवा सहकारी समिति खरीदी केंद्र देवास में इन दिनों गेहूं से भरी बोरियों का अंबार लगा हुआ है. समिति की तरफ से किसानों के ठहरने और इलाज तक की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यहां पानी के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है.

हालात ये हैं कि किसान पेड़ के नीचे खुले में बैठने के लिये मजबूर हैं. लेकिन वह खुलकर कैमरे के सामने विरोध जाहिर नहीं कर पाते. किसानों का कहना है कि अगर वह खुलकर विरोध करते हैं तो उनकी फसल अंत में खरीदी जाती है.

कुछ किसानों ने यह कहा कि कहीं न कहीं अव्यवस्था है. काफी दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक उनकी फसल नहीं बेची गयी. सहकारिता समिति के ठेकेदार ने बताया कि फसल की खरीद लगातार जारी है. मजदूर कम होने से किसी दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए हर तरह की संभव व्यवस्था की गई है.

रीवा। किसानों के हितों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार रोज नई-नई घोषणाएं करती हैं, लेकिन वह जमीनी स्तर पर नहीं उतर पातीं, क्योंकि जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति तक रह जाते हैं. यही वजह है कि खरीदी केंद्रों पर इन दिनों किसानों को अनाज बेचने के लिये परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

खरीदी केंद्र पर खुले में रखी फसल

आलम ये है कि पिछले कई दिनों के किसान, खरीदी केंद्रों पर डेरा डालकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. खरीदी केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे रखीं अनाज की बोरियों पर मौसम की मार कभी भी पड़ सकती है. इससे निपटने के लिये समिति की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं.

सेवा सहकारी समिति खरीदी केंद्र देवास में इन दिनों गेहूं से भरी बोरियों का अंबार लगा हुआ है. समिति की तरफ से किसानों के ठहरने और इलाज तक की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यहां पानी के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है.

हालात ये हैं कि किसान पेड़ के नीचे खुले में बैठने के लिये मजबूर हैं. लेकिन वह खुलकर कैमरे के सामने विरोध जाहिर नहीं कर पाते. किसानों का कहना है कि अगर वह खुलकर विरोध करते हैं तो उनकी फसल अंत में खरीदी जाती है.

कुछ किसानों ने यह कहा कि कहीं न कहीं अव्यवस्था है. काफी दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक उनकी फसल नहीं बेची गयी. सहकारिता समिति के ठेकेदार ने बताया कि फसल की खरीद लगातार जारी है. मजदूर कम होने से किसी दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए हर तरह की संभव व्यवस्था की गई है.

Intro:किसानों के हितों को लेकर केंद्र व राज्य सरकार  रोज नई-नई घोषणाएं करती हैं लेकिन जिम्मेदार हमले में तैनात अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति तक रह जाते हैं.. खरीदी केंद्र में इन दिनों  किसान अपने गेहूं को लाकर बेचने के लिए कई दिनों से रखे हुए हैं लेकिन समय पर प्रशासन के द्वारा खरीददारी ना होने पर कहीं ना कहीं नुकसान का भी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है खुले में रखी गेहूं से भरी बोरियां एक पल में मौसम के बदलने से रुपयों के साथ साथ किसान की मेहनत भी पानी में मिल सकती है हालांकि कुछ व्यवस्था तो की गई है लेकिन यह व्यवस्था बदलते मौसम से निपट पाने के लिए सीमित नहीं है..





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सेवा सहकारी समिति खरीदी केंद्र देवास में इन दिनों गेहूं की भरी बोरियों का अंबार लगा हुआ है लेकिन समिति के द्वारा कुछ खास इंतजाम नहीं किए गए हैं वैसे तो समिति के द्वारा किसानों के रहने रुकने पानी से लेकर उपचार तक की व्यवस्थाएं होनी चाहिए लेकिन उपचार की बात छोड़िए पानी को छोड़कर बाकी कोई व्यवस्था नहीं है किसान खुले में बैठने को मजबूर है लेकिन अपनी मजबूरी बयां करने को तैयार नहीं हालांकि किसान धान बेचने के उद्देश्य से समिति आते हैं  लेकिन विरोध व्यक्त करने पर समिति के ठेकेदार उनकी धान की बिक्री समय पर नहीं करते इसीलिए किसान खुलकर समिति के विरोध में भी नहीं खड़े होते खैर कुछ किसानों ने यह कहा कि कहीं न कहीं अव्यवस्था तो है काफी दिनों से बैठने पर भी धान की बिक्री नहीं हुई लेकिन कार्य लगातार जारी है..


 वहीं सहकारिता समिति के ठेकेदार ने बताया कि कभी-कभी ध्यान खरीदी में समस्या आ रही है लेकिन लगातार धान खरीदी जारी है मजदूर कम होने के कारण समस्या का सामना करना पड़ता है वहीं कुछ कमियां तो हैं जिन्हें दूर करने का काम लगातार किया जा रहा है साथ ही उन्होंने बताया कि किसानों के लिए हर प्रकार की संभव व्यवस्था की गई है..


Byte- किसान

Byte- ठेकेदार





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