रीवा। शहर के संजय गांधी अस्पताल में डाक्टर्स की बड़ी लापरवाही सामने आई है, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों से शव की शिनाख्त कराए बिना ही अंतिम संस्कार करा दिया गया. इसकी जानकारी जब परिजनों को लगी तो परिजन अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे. साथ ही अस्पताल प्रबंधन से अपने बेटे के जिंदा या मुर्दा होने की पुष्टि करने की मांग की. मामला बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंच गई और परिजनों को समझाइश देकर न्याय दिलाने का आश्वासन देकर शांत कराया.
गलत टैग की बात अस्पताल ने मानी
अस्पताल प्रबंधन व मृतक के परिजनों के बीच लंबे समय तक चले विवाद के बाद परिजनों ने प्रशासन से अपने मरीज के जिंदा या मुर्दा होने की पुष्टि करने की मांग की, लेकिन प्रशासन किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है. हालांकि, गलत टैग लगाए जाने की बात को स्वीकार करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने जांच कराने के लिए निर्देशित किया है, जबकि प्रशासन परिजनों को संतुष्ट कराने में नाकाम साबित हो रहा है.
इलाज के दौरान युवक की हुई मौत
मऊगंज थाना क्षेत्र के बेलहाइ गांव निवासी राम विशाल कुशवाह ने अपने बेटे विवेक कुशवाह की तबीयत बिगड़ने पर उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसके बाद युवक कोरोना संदिग्ध निकला और युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने युवक के परिजनों को बिना सूचना दिए ही शव का अंतिम संस्कार करा दिया.
जब बेटे की मौत की सूचना परिजनों को मिली तो वो शव की शिनाख्त करने के लिए अस्पताल पहुंचे, शव को देखते ही परिजनों के होश उड़ गए. अस्पताल प्रबंधन मृतक के परिजनों को जो शव सौंप रहा था. वो शव किसी दूसरे मरीज का था, लेकिन शव में जो टैग लगा था, वह विवेक कुशवाह के नाम का ही था. कहीं न कहीं अस्पताल प्रबंधन की शव में टैग लगाने में लापरवाही सामने आई है.