रीवा। मध्यप्रदेश सरकार एसटी एससी वर्ग की महिला और पुरुष की हत्या और दुष्कर्म मामलों के पीड़ितो को एक लाख से आठ लाख तक का मुआवजा देने की बात कर रही है. वहीं हाल ही में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस तरह की योजना के तहत सरकार पीड़ितों को राहत राशि देगी.
वरिष्ठ पत्रकार से खास बातचीत...
ईटीवी से खास बातचीत में जयराम शुक्ला ने बताया कि ये योजना आज से नहीं बल्कि, दलित और समाज में पीड़ित वर्गों के लिए पहले से ही शुरू की जा चुकी थी. पर वर्तमान में कमलनाथ सरकार इसे फिर से ठीक ढंग से इस योजना को शुरु कर रही है. चाहे दिग्विजय सिंह कि सरकार की बात की जाए या फिर शिवराज सिंह की सरकार की बात, दोनों ही सरकार ने दलित और एसटी एससी वर्ग को हमेशा से ही समाज में ऊंचा दर्जा देने का काम किया है. ऐसे लोग जो समाज में पीड़ित हैं उन्हें इस तरह का मुआवजा देने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी किया करती थी.
ऐसे लोगों को इस तरह की योजना के तहत राशि प्रदान करना, यह सरकार की एक अच्छी पहल है. पर इसमें कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया देना गलत है. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों का विज्ञापन करना गलत होगा, यह योजना लोगों की मानसिकता बदल सकती है.
वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से एट्रोसिटी एक्ट का दबंगों ने अपने यहां कार्य करने वाले दलित वर्ग का फायदा उठाते हुए लोगों को फंसाने और दबाने का काम किया है, इस तरह से जातिगत तरीके से राजनीति करना समाज में भी नुकसानदेह साबित हो सकता है.