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वरिष्ठ पत्रकार से जाने कमलनाथ सरकार की SC-ST वर्ग के पीड़ितों को मुआवजा देने की पहल

कमलनाथ सरकार एसटी-एससी वर्ग की महिला और पुरुष के हत्या और दुष्कर्म मामलों के पीड़ितो को मुआवजा देने जा रही है, जिसे लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला से खास बातचीत की.

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Published : Jan 18, 2020, 8:13 PM IST

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एसटी एससी वर्ग को मुआवजा देना सही

रीवा। मध्यप्रदेश सरकार एसटी एससी वर्ग की महिला और पुरुष की हत्या और दुष्कर्म मामलों के पीड़ितो को एक लाख से आठ लाख तक का मुआवजा देने की बात कर रही है. वहीं हाल ही में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस तरह की योजना के तहत सरकार पीड़ितों को राहत राशि देगी.

'एसटी एससी वर्ग को मुआवजा देना सही'
इस तरह की योजना से समाज में कितना प्रभाव पड़ेगा इसे लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला से खास बात चीत की.

वरिष्ठ पत्रकार से खास बातचीत...

ईटीवी से खास बातचीत में जयराम शुक्ला ने बताया कि ये योजना आज से नहीं बल्कि, दलित और समाज में पीड़ित वर्गों के लिए पहले से ही शुरू की जा चुकी थी. पर वर्तमान में कमलनाथ सरकार इसे फिर से ठीक ढंग से इस योजना को शुरु कर रही है. चाहे दिग्विजय सिंह कि सरकार की बात की जाए या फिर शिवराज सिंह की सरकार की बात, दोनों ही सरकार ने दलित और एसटी एससी वर्ग को हमेशा से ही समाज में ऊंचा दर्जा देने का काम किया है. ऐसे लोग जो समाज में पीड़ित हैं उन्हें इस तरह का मुआवजा देने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी किया करती थी.

ऐसे लोगों को इस तरह की योजना के तहत राशि प्रदान करना, यह सरकार की एक अच्छी पहल है. पर इसमें कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया देना गलत है. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों का विज्ञापन करना गलत होगा, यह योजना लोगों की मानसिकता बदल सकती है.

वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से एट्रोसिटी एक्ट का दबंगों ने अपने यहां कार्य करने वाले दलित वर्ग का फायदा उठाते हुए लोगों को फंसाने और दबाने का काम किया है, इस तरह से जातिगत तरीके से राजनीति करना समाज में भी नुकसानदेह साबित हो सकता है.

रीवा। मध्यप्रदेश सरकार एसटी एससी वर्ग की महिला और पुरुष की हत्या और दुष्कर्म मामलों के पीड़ितो को एक लाख से आठ लाख तक का मुआवजा देने की बात कर रही है. वहीं हाल ही में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का एक बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस तरह की योजना के तहत सरकार पीड़ितों को राहत राशि देगी.

'एसटी एससी वर्ग को मुआवजा देना सही'
इस तरह की योजना से समाज में कितना प्रभाव पड़ेगा इसे लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला से खास बात चीत की.

वरिष्ठ पत्रकार से खास बातचीत...

ईटीवी से खास बातचीत में जयराम शुक्ला ने बताया कि ये योजना आज से नहीं बल्कि, दलित और समाज में पीड़ित वर्गों के लिए पहले से ही शुरू की जा चुकी थी. पर वर्तमान में कमलनाथ सरकार इसे फिर से ठीक ढंग से इस योजना को शुरु कर रही है. चाहे दिग्विजय सिंह कि सरकार की बात की जाए या फिर शिवराज सिंह की सरकार की बात, दोनों ही सरकार ने दलित और एसटी एससी वर्ग को हमेशा से ही समाज में ऊंचा दर्जा देने का काम किया है. ऐसे लोग जो समाज में पीड़ित हैं उन्हें इस तरह का मुआवजा देने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी किया करती थी.

ऐसे लोगों को इस तरह की योजना के तहत राशि प्रदान करना, यह सरकार की एक अच्छी पहल है. पर इसमें कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया देना गलत है. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों का विज्ञापन करना गलत होगा, यह योजना लोगों की मानसिकता बदल सकती है.

वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से एट्रोसिटी एक्ट का दबंगों ने अपने यहां कार्य करने वाले दलित वर्ग का फायदा उठाते हुए लोगों को फंसाने और दबाने का काम किया है, इस तरह से जातिगत तरीके से राजनीति करना समाज में भी नुकसानदेह साबित हो सकता है.

Intro:मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा एसटी एससी वर्ग की महिला एवं पुरुष के हत्या एवं दुष्कर्म जैसे मामलों के पीड़ितों को सरकार अब एक लाख से आठ लाख तक मुआवजा देने की बात कह रही है हाल ही में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का एक बड़ा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने इस तरह की योजना के तहत ऐसे पीड़ितों को सरकार के द्वारा राहत राशि दी जाएगी. आखिर किस तरह की है यह योजना और इसका कितना समाज पर प्रभाव पड़ेगा इसको लेकर आज हमने रीवा से वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला से खास बातचीत की..


Body:अब जाति के आधार पर मिलेगा मुआवजा इसको लेकर आज हमने रीवा से वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल से बात की ईटीवी से खास बातचीत में जयराम शुक्ला ने बताया कि यह योजना आज से नहीं बल्कि ऐसे दलित और समाज में पीड़ित वर्गों के लिए पहले से ही शुरू की जा चुकी थी खैर वर्तमान में कमलनाथ की सरकार के द्वारा इसे एक बार फिर ठीक ढंग से ऐसे वर्गों को दिलाने की बात कही जा रही है चाहे दिग्विजय सिंह कि सरकार की बात की जाए या फिर शिवराज सिंह की सरकार की बात की जाए दोनों सरकारों ने दलित और एसटी एससी वर्ग को हमेशा से ही समाज में ऊंचा दर्जा देने का काम किया है ऐसे लोग जो समाज में पीड़ित हैं उन्हें इस तरह का मुआवजा देने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी किया करती थी और इस तरह की योजना को लेकर उन्हें राहत राशि प्रदान करना यह सरकार की एक अच्छी पहल है लेकिन सरकार के द्वारा इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया देना गलत है क्योंकि जब इसका राजनीतिक क्रिया वन्य शुरू हो जाएगा तो ऐसे लोग जो इसका हिस्सा नहीं है वह लोग ऐसे लोगों को सामने लाकर इनका फायदा उठाने का काम करना शुरू कर देंगे.. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों का विज्ञापन नहीं किया जाना चाहिए अगर इन चीजों का विज्ञापन किया जाएगा तो यह लोगों की मानसिकता को बदलने का काम भी करेगा...


वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल ने ईटीवी भारत से कहा कि जिस तरह से एट्रोसिटी एक्ट का दबंगों ने अपने यहां कार्य करने वाले दलित वर्ग का फायदा उठाते हुए लोगों को फंसाने और दबाने का काम किया है इस तरह से जातिगत तरीके से राजनीति करना समाज में भी नुकसानदेह साबित हो सकता है उन्होंने कहा कि दलित वर्ग हमेशा से ही समाज से प्रभावित रहा है ऐसे लोगों को उचित स्थान और सम्मान देने की आवश्यकता है लेकिन इनका राजनीतिकरण करना गलत साबित हो सकता है...


Conclusion:जयराम शुक्ला ने कहा कि मुआवजे के प्रावधान कई चीजों में चाहे वह मारपीट जैसी चीजें हो या फिर अन्य चीजें और दलित वर्ग हमेशा से ही पीड़ित वर्ग है उन्हें शासन के द्वारा हमेशा से ही समाज में बराबर का हिस्सा देने की जरूरत भी है...



121- जयराम शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार.
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