रीवा। चाकघाट थाना पुलिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें थाना प्रभारी के शिकायत लेकर थाने पहुंचे फरियादी के साथ बदसलूकी करते दिख रहे हैं. थाना प्रभारी ने वीडियो में आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया है, जिसके बाद थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.
थाना प्रभारी ने फरियादियों को दी गाली
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के द्वारा बीते दिनों घर पहुंच एफआईआर सुविधा दिए जाने का दावा किया गया था, जिसके बाद लोगों में पुलिस के प्रति सहजता की भावना जाग गई थी. लेकिन रीवा से वर्दी की बदसलूकी को दिखाने वाला एक वीडियो सामने आया है, ये वीडियो चाकघाट थाने से वायरल हुआ है. दरअसल अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले चाकघाट थाना प्रभारी शैल यादव इस बार वीडियो में फरियादियों के साथ गाली गलौज करते हुए देखे गए हैं. वीडियो में थाना प्रभारी ने थाने में शिकायत लेकर पहुंचे फरियादियों से झल्लाकर बात करते हुए कहा कि ''इन्हें ही जेल में बंद कर दो'' जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर शिकायत लेकर थाने पहुंचे लोगों से ही अगर ऐसी बदसलूकी की जाएगी तो फिर अपराधियों के हौसले कैसे बुलंद नहीं होंगे.
महिला ने दी आत्महत्या की धमकी
वायरल वीडियो में थाना प्रभारी ने जिस महिला के साथ अभद्रता की उस महिला कहना है कि उसकी जमीन पर माफिया कब्जा कर रहे थे और पीड़ित परिवार के साथ मारपीट की गई थी. मारपीट करते हुए झूमाझटकी का भी एक वीडियो सामने आया है, जिसके बाद वह मामले की शिकायत को लेकर थाने पहुंचे. थाने में प्रभारी के द्वारा उसके साथ बदसलूकी की गई और अपशब्दों इस्तेमाल करते हुए गाली-गलौज पर उतर आए. इसके बाद अब वह स्वयं पुलिस व्यवस्था से आहत है. वहीं पीड़िता का कहना है कि पुलिस के बड़े अधिकारियों के द्वारा प्रभारी के खिलाफ 10 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो थाने के सामने आत्महत्या कर लेगी.
माफियाओं पर मेहरबान चाकघाट पुलिस
आपको बता दें, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के द्वारा जहां एक और माफियाओं पर शिकंजा कसने की जोर आजमाइश की जा रही है. वहीं जिले के चाकघाट थाना पुलिस के इस रवैये से माना जा रहा है कि पुलिस पूरी तरह से माफियाओं के समर्थन में है, क्योंकि ये मामला भी भू माफियाओं से जुड़ा हुआ है. जब पीड़ित माफिया के खिलाफ अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो शिकायत सुनने की बजाए पुलिस ने उन्हें खरी खोटी सुना दी और अभद्र व्यवहार किया.