रीवा। जिले के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रिसर्च का भविष्य राजधानी के संचालनालय के हाथों में है. पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू नहीं होने से छात्रों को रिसर्च की सुविधा नहीं मिल रही है. कॉलेज ने रिसर्च शुरू करने को लेकर संचालनालय को कई बार पत्र लिखा, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. संचालनालय ने कॉलेज प्रशासन को कहा कि वित्त विभाग बात को आगे नहीं बढ़ने देता है.
कॉलेज प्रशासन छात्रों के भविष्य को देखते हुए लगातार प्रयास कर रहा है. कॉलेज में रिसर्च कार्य सिर्फ संहिता तक अटका हुआ है, जबकि जिन विषयों पर रिसर्च शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है उनमें कायचिकित्सा, शल्य विभाग, शालक्य, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, रचना शरीर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, निदान और पंचकर्म विभाग शामिल है.
इन कोर्स के शुरू नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मध्यप्रदेश के भोपाल के कॉलेज में ही सिर्फ ज्यादातर विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन चल रहा है, बाकी और किसी भी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की सुविधा नहीं है.