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बिना रिसर्च के चल रहा आयुर्वेद महाविद्यालय, संचालनालय में अटका मामला

रीवा जिले के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू नहीं होने से छात्रों को रिसर्च की सुविधा नहीं मिल रही है. राजधान के संचलनालय को कई बार पत्र लिखा गया लेकिन कोई सही जबाब नहीं मिला. छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही हैं

Research facility is not available in college
कॉलेज में नही है रिसर्च की सुविधा
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Published : Nov 30, 2019, 2:37 PM IST

रीवा। जिले के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रिसर्च का भविष्य राजधानी के संचालनालय के हाथों में है. पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू नहीं होने से छात्रों को रिसर्च की सुविधा नहीं मिल रही है. कॉलेज ने रिसर्च शुरू करने को लेकर संचालनालय को कई बार पत्र लिखा, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. संचालनालय ने कॉलेज प्रशासन को कहा कि वित्त विभाग बात को आगे नहीं बढ़ने देता है.

कॉलेज में नही है रिसर्च की सुविधा

कॉलेज प्रशासन छात्रों के भविष्य को देखते हुए लगातार प्रयास कर रहा है. कॉलेज में रिसर्च कार्य सिर्फ संहिता तक अटका हुआ है, जबकि जिन विषयों पर रिसर्च शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है उनमें कायचिकित्सा, शल्य विभाग, शालक्य, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, रचना शरीर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, निदान और पंचकर्म विभाग शामिल है.

इन कोर्स के शुरू नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मध्यप्रदेश के भोपाल के कॉलेज में ही सिर्फ ज्यादातर विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन चल रहा है, बाकी और किसी भी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की सुविधा नहीं है.

रीवा। जिले के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रिसर्च का भविष्य राजधानी के संचालनालय के हाथों में है. पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू नहीं होने से छात्रों को रिसर्च की सुविधा नहीं मिल रही है. कॉलेज ने रिसर्च शुरू करने को लेकर संचालनालय को कई बार पत्र लिखा, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. संचालनालय ने कॉलेज प्रशासन को कहा कि वित्त विभाग बात को आगे नहीं बढ़ने देता है.

कॉलेज में नही है रिसर्च की सुविधा

कॉलेज प्रशासन छात्रों के भविष्य को देखते हुए लगातार प्रयास कर रहा है. कॉलेज में रिसर्च कार्य सिर्फ संहिता तक अटका हुआ है, जबकि जिन विषयों पर रिसर्च शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है उनमें कायचिकित्सा, शल्य विभाग, शालक्य, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, रचना शरीर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, निदान और पंचकर्म विभाग शामिल है.

इन कोर्स के शुरू नहीं होने से छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मध्यप्रदेश के भोपाल के कॉलेज में ही सिर्फ ज्यादातर विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन चल रहा है, बाकी और किसी भी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की सुविधा नहीं है.

Intro:रीवा के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के रिसर्च का भविष्य राजधानी स्थित संचालनालय में लटका हुआ है पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स इसके शुरू न होने से छात्रों के रिसर्च की सुविधा नहीं मिल पा रही है रिसर्च गौर से शुरू करने को महाविद्यालय द्वारा कई बार पत्र लिखा गया लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया इसके शुरू ना हो पानी से छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है...


Body:रीवा के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना 43 वर्ष पूर्व 1972 में हुई थी महाविद्यालय में इन दिनों पोस्ट ग्रेजुएशन में 14 कोर्स एस हैं जिसमें से सिर्फ संहिता विभाग में बस रिसर्च की सुविधा है बाकी 13 में नहीं है जिसकी वजह से पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स संचालित नहीं हो पा रहा है पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में ही छात्र रिसर्च करते हैं अब यह कोर्स ही नहीं संचालित हो रहे हैं तो छात्र रिसर्च कहां करें इसके ना शुरू होने की मुख्य वजह यह है कि पोस्ट ग्रेजुएशन के हिसाब से इसमें टीचर नहीं है जिसकी वजह से यह कोर्स संचालित नहीं हो पा रहे हैं इसके लिए महाविद्यालय द्वारा तीन बार शासन को पत्र लिखा गया लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ...


संचालनालय से महाविद्यालय को यह कहा जाता है कि वित्त विभाग इसमें अड़ंगा लगा देता है कि इसकी क्या आवश्यकता है इसके अलावा कई और समस्याएं बताई जाती हैं इसके बाद भी महाविद्यालय द्वारा लगातार छात्रों के भविष्य को देखते हुए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इस महाविद्यालय में रिसर्च कार्य सिर्फ संहिता विषय तक अटका हुआ है जबकि जिन विषयों पर रिसर्च शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है उनमें कायचिकित्सा, शल्य विभाग,शालक्य, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, शिशु रोग विभाग, रचना शरीर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, निदान और पंचकर्म विभाग शामिल है।

इन कोर्स के शुरू नहीं होने से छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इन कोर्सों के ना होने की वजह से छात्र जब पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए रिसर्च कोर्सेज में प्रवेश लेना पड़ता है लेकिन यह सुविधा इस महाविद्यालय में नहीं है जिससे छात्रों को बाहर प्राइवेट कॉलेजों में जाना पड़ता है मध्यप्रदेश के भोपाल में ही सिर्फ ज्यादातर विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन चल रहा है बाकी और किसी भी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की सुविधा नहीं है।।


बाइट- छात्र, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा।

बाइट- दीपक कुलश्रेष्ठ, प्राचार्य, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा।


Conclusion:...
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