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रीवा: नाबालिग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला, तीन साल बाद केस में आया नया मोड़

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Published : Jul 24, 2020, 1:59 AM IST

रीवा में तीन साल पुराने नाबालिग की हत्या मामले में फिर एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. एक नाबालिग की हत्या का केस को SP ने फिर से खोल दिया है. केस में लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.

Suicide case
आत्महत्या मामला

रीवा। जिले के मऊगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक नाबालिग की हत्या कs तीन साल बाद केस ने नया मोड़ ले लिया है. फूलकरण गांव की 14 साल की संगीता कोल की 6 जून 2017 को मौत हुई थी. नाबालिग अपने घर में अकेली थी और वो आग से जल गई थी, जिसका पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था. इस मामले को परिजन सहित पुलिस आत्महत्या मान रही थी.

रीवा में नाबालिग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला

बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को मामले के दो महीने बाद ही मिल गई थी, जिसमें डाक्टर ने गला घोंटकर हत्या करने व शव को जलाने की जानकारी दी थी, लेकिन उस समय इस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया गया और पुलिस जांच करती रही. करीब तीन साल पुराने इस मामले का सच उस समय सामने आया जब SP ने महिला अपराध की जानकारी निकाली, तब यह डायरी धूल खाते मिली.

जब उसके दस्तावेजों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का को देखा गया तो, पुलिस वालों के होश उड़ गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात स्पष्ट तौर पर लिखी हुई थी. थाना प्रभारी ने पूरे मामले की जानकारी SP को दी और एसपी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर उसमें हत्या का मामला दर्ज हुआ. पुलिस अब पूरे मामले की नए सिरे से जांच कर रही है.

SP ने इस मामले की जांच मे शामिल दो पुलिस वालों को सस्पेंड भी कर दिया है. साथ ही लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच प्रस्ताव आईजी को भेज दिया है. आरोपियों ने हत्या के बाद साक्ष्य को मिटाने के प्रयास में शव को जलाया था, जिस पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. तीन साल बाद ही सही लेकिन मासूम को अब न्याय मिलने की उम्मीद एक बार फिर जगी है.

रीवा। जिले के मऊगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक नाबालिग की हत्या कs तीन साल बाद केस ने नया मोड़ ले लिया है. फूलकरण गांव की 14 साल की संगीता कोल की 6 जून 2017 को मौत हुई थी. नाबालिग अपने घर में अकेली थी और वो आग से जल गई थी, जिसका पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था. इस मामले को परिजन सहित पुलिस आत्महत्या मान रही थी.

रीवा में नाबालिग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला

बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को मामले के दो महीने बाद ही मिल गई थी, जिसमें डाक्टर ने गला घोंटकर हत्या करने व शव को जलाने की जानकारी दी थी, लेकिन उस समय इस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया गया और पुलिस जांच करती रही. करीब तीन साल पुराने इस मामले का सच उस समय सामने आया जब SP ने महिला अपराध की जानकारी निकाली, तब यह डायरी धूल खाते मिली.

जब उसके दस्तावेजों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का को देखा गया तो, पुलिस वालों के होश उड़ गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात स्पष्ट तौर पर लिखी हुई थी. थाना प्रभारी ने पूरे मामले की जानकारी SP को दी और एसपी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर उसमें हत्या का मामला दर्ज हुआ. पुलिस अब पूरे मामले की नए सिरे से जांच कर रही है.

SP ने इस मामले की जांच मे शामिल दो पुलिस वालों को सस्पेंड भी कर दिया है. साथ ही लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच प्रस्ताव आईजी को भेज दिया है. आरोपियों ने हत्या के बाद साक्ष्य को मिटाने के प्रयास में शव को जलाया था, जिस पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. तीन साल बाद ही सही लेकिन मासूम को अब न्याय मिलने की उम्मीद एक बार फिर जगी है.

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