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कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने पंचमठा धाम का किया लोकार्पण, आदि गुरु शंकराचार्य ने इस धाम में की थी शिवलिंग की स्थापना - रीवा न्यूज

Rewa Pachmatha Dham: मंत्रि पद की शपथ लेने के बाद राजेंद्र शुक्ला पहली बार रीवा पहुंचे. जहां उन्होंने रीवा वासियों को एक और बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट मंत्री ने 5 करोड़ रुपए के पचमठा धाम मंदिर के जीर्णोधार का लोकार्पण किया है.

Rewa Pachmatha Dham
पंचमठा धाम का किया लोकार्पण
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 8:09 PM IST

पंचमठा धाम का किया लोकार्पण

रीवा। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राजेंद्र शुक्ला ने आज पहला लोकार्पण करते हुए विंध्य सहित रीवा वासियों को एक और बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने 5 करोड़ रुपए के पचमठा धाम मंदिर के जीर्णोधार का लोकार्पण किया है. बताया जा रहा है की लगभग 1300 वर्ष पहले आदिगुरु शंकराचार्य चार मठों के स्थापना के बाद रीवा आए और कई दिनों तक बीहर नदी के तट पर रुके. इसी दौरान उन्होंने यहां पर भगवान शिवरूपी एक शिवलिंग की स्थापना की. जिसके बाद यह धाम पचमठा धाम कहलाया.

5 करोड़ के लागत से पचमठा धाम का जीर्णोधार: सनातन धर्म की स्थापन के लिए आदिगुरु शंकाराचार्य देशाटन पर निकले थे. जानकारी के मुताबिक चार मठों की स्थापना के बाद वह लगभग सन 818 में रीवा आए. उस दौरान यहां पर बौद्धों की संख्या काफी ज्यादा थी. बीहर नदी के पास ही वह रुके और शासास्त्र कर उन्होंने सनातन धर्म की स्थापना की और घोषणा करते हुए कहा की चार मठों की स्थापना के बाद अब रीवा में पांचवें मठ की स्थापना होगी. इसी स्थान पर रुककर उन्होंने बीहर नदी के किनारे भगवान शिवरूपी शिवलिंग की स्थापना की. जिसके बाद से यह स्थान पचमठा धाम कहलाया जाने लगा. इसके बाद 1986 में कांचीकामकोटि के शंकराचार्य जयेन्द्र सरास्वती अपने उत्तराधिकारी विजयेन्द्र के साथ आए. उन्होंने भी कहा था कि आदि शंकराचार्य के भ्रमण में रीवा का प्रवास और पांचवें मठ की स्थापना का प्रमाण मिलता है.

Rajendra Shukla Inaugurated Pachmatha Dham
पंच मठ

कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने किया लोकार्पण: बीते कई वर्षों से पचमठा धाम प्रशासनिक देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खोता गया. आसपास बसे लोगों ने यहां की जमीनों में अपना कब्जा जमा लिया. इसके बाद बीते कुछ वर्षों पूर्व ही शासन ने इस धाम के महत्त्व को समझा और पचमठा धाम के जीर्णोधार की योजना बनाई. रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने इसकी आधारशिला रखी और अब 5 करोड़ की लागत से इस पचमठा धाम का कायाकल्प हो सका. इसके अलावा इस धाम की सुंदरता को निखारने के लिए रिवर फ्रंट का निर्माण कराया जा रहा है. जिसका निर्माण भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा.

Rajendra Shukla Inaugurated Pachmatha Dham
कैबिनेट मंत्री ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की

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आदिगुरु शंकाराचार्य ने पचमठा में की थी शिवलिंग की स्थापना: पचमठा धाम के जीर्णोधार का लोकार्पण कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने किया. कैबिनेट मंत्री ने कहा की आदिगुरु शंकराचार्य जिन्होंने देश में धर्म को स्थापित किया. एकता के सूत्र में पूरे देश को बांधने का ऐतिहासिक काम किया था. चारों मठों की स्थापना के बाद जब वह रीवा पहुंचे, उन्होंने बीहर नदी की तट पर विश्राम किया था. हमारे पूर्वज कहते हैं कि इसी मंदिर पर आदि गुरु शंकराचार्य ने शिवलिंग की स्थापना की थी. बाद में स्वामी ऋषि कुमार ने इस पचमठा धाम को तपोस्थली बनाया. गौरवशाली इतिहास धीरे-धीरे कर मध्यम होता जा रहा था. हमारे पहले के लोगों ने इस धाम का नाम पचमठा धाम इसलिए रखा था क्योंकि, पांचवे मठ के रूप में इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने स्थापित किया था.

पंचमठा धाम का किया लोकार्पण

रीवा। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राजेंद्र शुक्ला ने आज पहला लोकार्पण करते हुए विंध्य सहित रीवा वासियों को एक और बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने 5 करोड़ रुपए के पचमठा धाम मंदिर के जीर्णोधार का लोकार्पण किया है. बताया जा रहा है की लगभग 1300 वर्ष पहले आदिगुरु शंकराचार्य चार मठों के स्थापना के बाद रीवा आए और कई दिनों तक बीहर नदी के तट पर रुके. इसी दौरान उन्होंने यहां पर भगवान शिवरूपी एक शिवलिंग की स्थापना की. जिसके बाद यह धाम पचमठा धाम कहलाया.

5 करोड़ के लागत से पचमठा धाम का जीर्णोधार: सनातन धर्म की स्थापन के लिए आदिगुरु शंकाराचार्य देशाटन पर निकले थे. जानकारी के मुताबिक चार मठों की स्थापना के बाद वह लगभग सन 818 में रीवा आए. उस दौरान यहां पर बौद्धों की संख्या काफी ज्यादा थी. बीहर नदी के पास ही वह रुके और शासास्त्र कर उन्होंने सनातन धर्म की स्थापना की और घोषणा करते हुए कहा की चार मठों की स्थापना के बाद अब रीवा में पांचवें मठ की स्थापना होगी. इसी स्थान पर रुककर उन्होंने बीहर नदी के किनारे भगवान शिवरूपी शिवलिंग की स्थापना की. जिसके बाद से यह स्थान पचमठा धाम कहलाया जाने लगा. इसके बाद 1986 में कांचीकामकोटि के शंकराचार्य जयेन्द्र सरास्वती अपने उत्तराधिकारी विजयेन्द्र के साथ आए. उन्होंने भी कहा था कि आदि शंकराचार्य के भ्रमण में रीवा का प्रवास और पांचवें मठ की स्थापना का प्रमाण मिलता है.

Rajendra Shukla Inaugurated Pachmatha Dham
पंच मठ

कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने किया लोकार्पण: बीते कई वर्षों से पचमठा धाम प्रशासनिक देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खोता गया. आसपास बसे लोगों ने यहां की जमीनों में अपना कब्जा जमा लिया. इसके बाद बीते कुछ वर्षों पूर्व ही शासन ने इस धाम के महत्त्व को समझा और पचमठा धाम के जीर्णोधार की योजना बनाई. रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने इसकी आधारशिला रखी और अब 5 करोड़ की लागत से इस पचमठा धाम का कायाकल्प हो सका. इसके अलावा इस धाम की सुंदरता को निखारने के लिए रिवर फ्रंट का निर्माण कराया जा रहा है. जिसका निर्माण भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा.

Rajendra Shukla Inaugurated Pachmatha Dham
कैबिनेट मंत्री ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की

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आदिगुरु शंकाराचार्य ने पचमठा में की थी शिवलिंग की स्थापना: पचमठा धाम के जीर्णोधार का लोकार्पण कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने किया. कैबिनेट मंत्री ने कहा की आदिगुरु शंकराचार्य जिन्होंने देश में धर्म को स्थापित किया. एकता के सूत्र में पूरे देश को बांधने का ऐतिहासिक काम किया था. चारों मठों की स्थापना के बाद जब वह रीवा पहुंचे, उन्होंने बीहर नदी की तट पर विश्राम किया था. हमारे पूर्वज कहते हैं कि इसी मंदिर पर आदि गुरु शंकराचार्य ने शिवलिंग की स्थापना की थी. बाद में स्वामी ऋषि कुमार ने इस पचमठा धाम को तपोस्थली बनाया. गौरवशाली इतिहास धीरे-धीरे कर मध्यम होता जा रहा था. हमारे पहले के लोगों ने इस धाम का नाम पचमठा धाम इसलिए रखा था क्योंकि, पांचवे मठ के रूप में इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने स्थापित किया था.

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