रीवा। रीवा के रण में सोमवार को सबकी नजरें सियासी सेनापतियों पर टिकी रहीं क्योंकि एक एक कर बीजेपी, कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ कार्यकर्ताओं और समर्थकों की फौज मौजूद रही. जो जोशीले नारों से अपने अपने सेनापतियों का उत्साह बढ़ा रही थी.
रीवा से कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी, बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा और बसपा उम्मीदवार विकास पटेल कड़ी सुरक्षा के बीच नामांकन किये. सबसे पहले जनार्दन मिश्रा पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला व विधायकों सहित कलेक्टर ऑफिस पहुंचे, उसके बाद सिद्धार्थ तिवारी मंत्री कमलेश्वर पटेल के साथ पहुंचे, जबकि विकास पटेल बसपा प्रदेश अध्यक्ष व सपा-बसपा समर्थकों के साथ पहुंचकर नामांकन दाखिल किये. नामांकन के बाद सब ने रीवा की तस्वीर-तकदीर बदलने का दावा किया. सिद्धार्थ तिवारी का कहना है कि यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ और स्थानीय कांग्रेसी चुनाव लड़ रहे हैं. यदि जनता मौका देती है तो छिंदवाड़ा की तर्ज पर रीवा का भी विकास किया जाएगा.
जनार्दन मिश्रा ने कहा कि रीवा शहीदों की जन्मस्थली रही है, यह चुनाव पार्टी का नहीं बल्कि दो विचारधाराओं का है. बीजेपी के मैं भी चौकीदार के मुद्दे को लेकर कहा कि सभी चौकीदार हैं और सभी को चौकीदारी ही करनी चाहिए.
विकास पटेल का कहना है कि बसपा की अपनी विचारधारा है, जिसे आगे बढ़ाते हुए क्षेत्र का विकास करेंगे, बसपा में सिर्फ कार्यकर्ता होते हैं, नेताओं का आना जाना लगा रहता है. कार्यकर्ता ही पार्टी चलाता है और उन्हीं की बदौलत वो ये चुनाव आसानी से जीत लेंगे.
चुनावी वादे पहले भी होते रहे हैं आज भी हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे. पर इनका क्या? चुनाव से पहले बसंती हरियाली लेकर आने वाले वादे चुनाव बाद पतझड़ की तरह बियावान हो जायेंगे.