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जनार्दन को मिल रहा जनता का साथ या बाजी मार रहे सिद्धार्थ, वोटिंग के बाद कैसी है रीवा की सियासी फिजा? - सिद्धार्थ तिवारी

लोकसभा चुनाव 2019 में रीवा सीट चर्चित रही है. वोटिंग के बाद यहां के समीकरण क्या हैं, किसे फायद मिल रहा है. मोदी फैक्टर हावी है या नहीं इन सभी सवालों का जबाव जानने के लिये पूरी खबर पढ़ें.

बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी
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Published : May 21, 2019, 1:32 PM IST

रीवा। लोकसभा चुनाव 2019 के लिये वोटिंग खत्म हो चुकी है. एग्जिट पोल्स भी आ चुके हैं. अब सबकी निगाहें 23 मई पर टिकी हैं, क्योंकि इसी दिन चुनाव परिणाम आएंगे. बात अगर रीवा लोकसभा सीट की करें, तो यहां इस बार 66.23 प्रतिशत मतदान हुआ है.


रीवा सीट पर जहां एक तरफ मोदी फैक्टर दिखा, तो वहीं कांग्रेस के युवा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने भी यहां पूरा दम-खम लगाया है. यहां की सियासी फिजा वर्तमान सांसद और बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा को मजबूत स्थिति में दिखाती है, माना जा रहा है कि उन्हें मोदी लहर का फायदा मिल सकता है.

वोटिंग के बाद कैसी है रीवा की सियासी फिजा?


बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह, सुषमा स्वराज सरीखे नेताओं की सभा से जनार्दन मिश्रा के पक्ष में हवा बनती दिख रही है. राजनीतिक जानकार जयराम शुक्ला मानते हैं कि विधानसभा में बीजेपी को जिले की 8 सीटें मिली थीं. इस चुनाव में भी हुये मतदान से बीजेपी मजबूत दिख रही है. हालांकि वह मानते हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ ने युवाओं के बीच अच्छी पकड़ बनाई है, जिसका फायदा काफी हद तक उनके वोट में देखने को मिलेगा.


जयराम शुक्ला कहते हैं कि रीवा क्षेत्र से सेना में काफी युवा जाते हैं. ऐसे में राष्ट्रवाद का मुद्दा यहां हावी रहा, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. राजनीतिक जानकार और एग्जिट पोल भले ही कुछ भी इशारा करें, लेकिन अंतिम फैसला जनता ने तय किया है, जो 23 मई को सबके सामने होगा.

रीवा। लोकसभा चुनाव 2019 के लिये वोटिंग खत्म हो चुकी है. एग्जिट पोल्स भी आ चुके हैं. अब सबकी निगाहें 23 मई पर टिकी हैं, क्योंकि इसी दिन चुनाव परिणाम आएंगे. बात अगर रीवा लोकसभा सीट की करें, तो यहां इस बार 66.23 प्रतिशत मतदान हुआ है.


रीवा सीट पर जहां एक तरफ मोदी फैक्टर दिखा, तो वहीं कांग्रेस के युवा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने भी यहां पूरा दम-खम लगाया है. यहां की सियासी फिजा वर्तमान सांसद और बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा को मजबूत स्थिति में दिखाती है, माना जा रहा है कि उन्हें मोदी लहर का फायदा मिल सकता है.

वोटिंग के बाद कैसी है रीवा की सियासी फिजा?


बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह, सुषमा स्वराज सरीखे नेताओं की सभा से जनार्दन मिश्रा के पक्ष में हवा बनती दिख रही है. राजनीतिक जानकार जयराम शुक्ला मानते हैं कि विधानसभा में बीजेपी को जिले की 8 सीटें मिली थीं. इस चुनाव में भी हुये मतदान से बीजेपी मजबूत दिख रही है. हालांकि वह मानते हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ ने युवाओं के बीच अच्छी पकड़ बनाई है, जिसका फायदा काफी हद तक उनके वोट में देखने को मिलेगा.


जयराम शुक्ला कहते हैं कि रीवा क्षेत्र से सेना में काफी युवा जाते हैं. ऐसे में राष्ट्रवाद का मुद्दा यहां हावी रहा, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. राजनीतिक जानकार और एग्जिट पोल भले ही कुछ भी इशारा करें, लेकिन अंतिम फैसला जनता ने तय किया है, जो 23 मई को सबके सामने होगा.

Intro:
देश में मतदान की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है अब 23 मई को जनता का जनादेश सामने आने वाला है।  साथ ही अब अलग अलग न्यूज़ एजेंसी के एग्जिट पोल भी सामने आने लगे वहीं इनमें भाजपा को बहुमत भी नजर आ रहा है वहीं रीवा की स्थिति भी किसी से छुपी नहीं है जहां देश में एक तरफा भाजपा लहर दिख रही है वहीं रीवा में भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है मतदान के पहले चुनाव प्रचार से लेकर अब तक मोदी लहर का खासा असर दिख रहा है। रीवा लोकसभा क्रमांक 10 की बात करें तो इस बार के चुनाव में 66.23 मतदान किए गए जिसमें पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया वहीं पूरे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने केवल और केवल नरेंद्र मोदी का नाम लेकर ही मैदान में उतरे प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा के लिए वोट की अपील की वहीं दूसरी ओर  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से रीवा लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने लगातार भाजपा प्रत्याशी व रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा पर रीवा जिले को पिछड़ा करने वाला  अछूता रखने का गंभीर आरोप भी  लगाते हुए कांग्रेस के 72000 रुपए प्रतिवर्ष गरीबों को देने की बात कर जनता से कांग्रेस पार्टी को वोट करने की अपील की।  वही बता दें कि कांग्रेस पार्टी से रीवा लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी जो कि एक राजनीतिक परिवार से आते हैं उनके दादा स्वर्गीय श्री निवास तिवारी जोकि  विंध्य  के सफेद शेर माने जाने वाले एक बड़े नेता थे साथ ही मध्य प्रदेश सरकार में विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य भी किया वहीं उनके पिता रीवा लोकसभा सीट से 5 बार चुनाव लड़े पूर्व में रीवा लोकसभा सीट से सांसद भी रहे साथ ही मध्य प्रदेश शिवराज सिंह चौहान की सरकार में कांग्रेस पार्टी से रीवा एवं विंध्य से बड़ा चेहरा एवं विपक्ष की भूमिका निभाते हुए विधायक भी रहे।  वही बता दे कि  विगत 1 वर्षों के अंदर  दादा और पिता  का निधन हो गया । जिसको लेकर 2019 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी से रीवा लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं  तिवारी खानदान से ताल्लुक रखने के कारण सिंपैथी कल वोट कासर भी खासा देखने को मिला। वहीं भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा सज्जनता काफी ना खुश नजर आई हालांकि उन्होंने अपने कार्यकाल में काफी कुछ करने का प्रयास किया लेकिन जमीनी स्तर के कार्यों को ना करने के कारण रीवा की जनता वर्तमान सांसद जनार्दन मिश्रा से काफी ना खुश थी लेकिन केंद्र की मोदी सरकार को लेकर उनकी योजनाओं को लेकर कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में नजर आई।  बता दें कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ओडीएफ जैसी योजना का लाभ गांव गांव में  कहीं ना कहीं ग्रामीणों को मिला है जिसके कारण आदिवासी अंचलों की बात करे या ग्रामीण क्षेत्रों की ऐसे लोग जहां जनार्दन मिश्रा स्वयं नहीं पहुंच सकते थे वहां मोदी का नाम पहुंच गया जिसका फायदा कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है। 


Body:साथ ही भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार में देश को सुरक्षित रखने पुलवामा हमले सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने जैसे बड़े बड़े मुद्दे थे जिसको लेकर काफी चुनाव प्रचार किया गया रीवा में लगातार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैहर विधानसभा में सभाएं की वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी जनता को संबोधित किया साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह  भी रीवा आकर जनता से सीधा संवाद किया जिसमें केवल और केवल राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर बात की गई मुख्य रूप से सर्जिकल स्ट्राइक कांग्रेस पार्टी पर सीधा तंज कसना कांग्रेस पार्टी को देश विरोधी बताना जैसे मुद्दे बढ़-चढ़कर सामने आए वहीं सब सभाओं में खास बात यह रही कि भारतीय जनता पार्टी को एक खासा जनसमर्थन भी मिला। 


 मतदान के दौरान भी वोटर बड़ा ही शांत नजर आया लेकिन कोई भी मतदाता रोजगार जल जमीन आवास जैसी मुद्दों पर चर्चा नहीं कर रहा था ऐसा कहा जाता है कि जब मतदाता मुद्दों से हटकर मतदान करता है तो नतीजे हमेशा अलग ही समझ में आते हैं जहां कांग्रेस स्थानीयओं को रोजगार देने गरीबों को 72000 देने जैसी बात कर रही थी लेकिन मतदाता मतदान के वक्त भी स्थानीय मुद्दे रोजगार जैसे मुद्दों पर चर्चा ही नहीं कर रहा था इन सभी बातों से यह प्रतीत होता है कि वर्ष 2019 का चुनाव कहीं ना कहीं राष्ट्रीय मुद्दों का चुनाव था जहां स्थानीय मुद्दे विलुप्त होते ना जरा है ऐसे में माना जा सकता है कि कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी चुनाव में पिछड़ी नजर आई है और भारतीय जनता पार्टी को कहीं ना कहीं समर्थन मिलता दिख रहा है ऐसे में साफ होता है कि भले ही जनता ने वर्तमान सांसद जनार्दन मिश्रा को कार्यकाल से खुश ना रहे हो लेकिन मोदी का एक अलग सेक्टर रीवा में भी देखने को मिला है।




Conclusion:रीवा लोकसभा क्रमांक 10 में हुए मतदान और मुद्दों को लेकर जो हमने रीवा वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि इस बार के चुनाव में बिना मुद्दों के ही चुनाव लड़ा गया है लेकिन रीवा का गणित दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले के लिए अलग है कि यहां 8 की आठों सीट से भारतीय जनता पार्टी के पास और इन पिछले 4 महीनों में ऐसा कोई पहाड़ जैसा काम नहीं किया गया जिससे जनता का मन इन पिछले 4 महीनों में बदल सके..  रीवा के कांग्रेसी प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी को लेकर कहा कि स्वयं एक युवा होने के नाते उन्होंने युवा वर्ग को चुनाव में मतदान करने के लिए प्रेरित जरूर किया है..   नतीजों को लेकर कहा कि विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार के नतीजे थे उसका एक वृहद रूप लोकसभा चुनाव के परिणाम में देखने को मिल सकता है.. बता दें कि सन 2014 के चुनाव में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था जिसका नतीजा भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी रहे जनार्दन मिश्रा करीब 160000 वोटों से जीते थे उसी तरह की तिथि 2019 के चुनाव में भी देखने को मिली और 2014 के चुनाव की ही भांति 2019 में भी महिलाओं का वोटिंग परसेंटेज पुरुषों से ज्यादा है किस बात को लेकर जयराम शुक्ला ने कहा कि पूरे प्रदेश में रीवा में महिलाओं की एक अहम भूमिका नजर आई जहां महिलाओं ने पुरुष वर्ग से सबसे ज्यादा मतदान कर एक  अलग नाम बनाया है..  साथ ही कहा कि चाहे हिंदू वर्ग की महिलाओं की बात की जाए मुस्लिम वर्ग की महिलाएं कहीं ना कहीं नरेंद्र मोदी से एवं उनकी योजनाओं से प्रभावित हैं ऐसा माना जा सकता है कि इसमें वोटों की प्राथमिकता भारतीय जनता पार्टी को मिलती दिख सकती है। वहीं राष्ट्र के मुद्दे को लेकर कहा कि रीवा ऐसा क्षेत्र है जहां से सबसे ज्यादा लोग सेना में जाते हैं इसलिए राष्ट्र जैसे मुद्दे क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं कारगिल की बात की जाए सबसे ज्यादा देश भर में शहीद होने वाले जवान रीवा से थे इसलिए राष्ट्र का मुद्दा क्षेत्र पर काफी असर डाल सकता है। 
 हालांकि एग्जिट पोल चाहे जो भी हो क्या मुद्दे रहे हो जनता ने क्या सोचकर चुनाव किया अब इसका नतीजा तो आगामी 23 मई को ही खुलकर सामने आएगा आखिर न्यूज़ एजेंसियों की बात कितनी सत्य साबित होती है यह भी बात देखने लायक होगी क्या वाकई जनता ने राष्ट्रीय मुद्दों से लेकर मोदी के नाम पर वोट किया है या फिर स्थानीय मुद्दे कांग्रेस के 72000 देने के वादों को लेकर  मतदान किया है। 

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