रीवा। रीवा के संजय गांधी अस्पताल को विंध्य का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है. इस अस्पताल के निर्माण के वक्त यहां एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था. जिसे अब नजरअंदाज कर प्रशासन जिले में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. इस प्लांट के लिए अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी किया जा रहा हैं. जिले के अधिकारी संजय गांधी अस्पताल परिसर में बंद पड़े पुराने प्लांट को चालू कराने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे है.
- अधिकारियों ने किया ऑक्सीजन प्लांट निरीक्षण
साल 2000 में रीवा में 800 बेड क्षमता वाला संजय गांधी अस्पताल का निर्माण कराया गया था. जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को संपूर्ण सुविधा युक्त बनाए जाने की बात की गई थी. अस्पताल परिसर में एक ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण भी कराया गया था, लेकिन 20 वर्ष बीत जाने के बाद संजय गांधी अस्पताल परिसर में बना यह ऑक्सीजन प्लांट अब बंद हो गया है. इस ऑक्सीजन प्लांट के बंद होने के कारण मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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- जिले में ऑक्सीजन की कमी
जिले में कोरोना के मरीज बढ़ने से ऑक्सीजन की बड़ी किल्लत सामने आई हैं. ऐसी स्थिति में अब रीवा जिला प्रशासन द्वारा 90-90 लाख रुपए की लागत से जिले में 2 नए ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराए जाने की पहल शुरू कर दी गई है. जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन प्लांट निर्माण को लेकर जमीन तलाशी जा रही है.
- 2 करोड़ रुपए की लागत से लगाया गया था प्लांट
जानकारी के मुताबिक, संजय गांधी अस्पताल परिसर में बना ऑक्सीजन प्लांट पिछले 3 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है. इस पर जिला प्रशासन द्वारा निगरानी न होने के चलते इसकी देखरेख में भी कमी आई है. जिले में संजय गांधी अस्पताल में 2 करोड़ रुपए की लागत से बना यह ऑक्सीजन प्लॉट को फिर से शुरु न कर नए प्लॉट लगाने की प्रशासन की इस कोशिश का कई लोगों ने विरोध भी किया है.