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रतलाम : निसर्ग तूफान के अलर्ट के बाद भी खुले में पड़ा गेहूं

रतलाम जिले में सोमवार को हुई बारिश में हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया है. वहीं निसर्ग तूफान के अलर्ट के बाद भी उपार्जन केंद्रों पर खरीदा गया गेहूं अब भी खुले में पड़ा हुआ है.

Wheat kept in open
खुले में पड़ा फसल उपार्जन का गूहं
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Published : Jun 4, 2020, 3:43 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 10:54 PM IST

रतलाम। जिले में गेहूं उपार्जन केंद्रों पर खरीदा गया गेहूं अब भी खुले में पड़ा हुआ है. सोमवार को हुई तेज बारिश में एक बार भीग चुका हजारों क्विंटल गेहूं अब भी शासकीय गोदामों में नहीं पहुंचाया गया है. वहीं निसर्ग तूफान के अलर्ट के बीच रतलाम में बूंदाबांदी का दौर भी शुरू हो गया है, लेकिन रतलाम की कृषि उपज मंडी सहित नामली, जावरा और आलोट में भी अब तक खुले में पड़ा हुआ गेहूं परिवहन कर शासकीय गोदामों तक नहीं पहुंच सका है. इस पूरे मामले में गेहूं उपार्जन समितियों और परिवहन के जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है. जहां मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद खुले में पड़े गेहूं को हटाए जाने का काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा है. जिससे हजारों क्विंटल शासकीय गेहूं के दोबारा बारिश से भीगने की नौबत आ चुकी है.

खुले में पड़ा फसल उपार्जन का गेहूं
निसर्ग तूफान के अलर्ट के बीच रतलाम में हजारों क्विंटल सरकारी गेहूं अब भी खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार मालवा और निमाड़ के कई जिलों में तूफान के असर की वजह से भारी बारिश की आशंका जताई गई है, लेकिन शासकीय गेहूं को एफसीआई के गोदामों तक पहुंचाने वाले जिम्मेदार अब भी नदारद हैं. गौरतलब है कि सोमवार को हुई तेज बारिश में जिले के कई खरीदी केंद्रों पर रखा हुआ हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया था. जिससे सैकड़ों क्विंटल गेहूं खराब भी होने लगा है. जिससे सबक नहीं लेते हुए जिम्मेदार अधिकारी अब भी सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं.

रतलाम। जिले में गेहूं उपार्जन केंद्रों पर खरीदा गया गेहूं अब भी खुले में पड़ा हुआ है. सोमवार को हुई तेज बारिश में एक बार भीग चुका हजारों क्विंटल गेहूं अब भी शासकीय गोदामों में नहीं पहुंचाया गया है. वहीं निसर्ग तूफान के अलर्ट के बीच रतलाम में बूंदाबांदी का दौर भी शुरू हो गया है, लेकिन रतलाम की कृषि उपज मंडी सहित नामली, जावरा और आलोट में भी अब तक खुले में पड़ा हुआ गेहूं परिवहन कर शासकीय गोदामों तक नहीं पहुंच सका है. इस पूरे मामले में गेहूं उपार्जन समितियों और परिवहन के जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई है. जहां मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद खुले में पड़े गेहूं को हटाए जाने का काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा है. जिससे हजारों क्विंटल शासकीय गेहूं के दोबारा बारिश से भीगने की नौबत आ चुकी है.

खुले में पड़ा फसल उपार्जन का गेहूं
निसर्ग तूफान के अलर्ट के बीच रतलाम में हजारों क्विंटल सरकारी गेहूं अब भी खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार मालवा और निमाड़ के कई जिलों में तूफान के असर की वजह से भारी बारिश की आशंका जताई गई है, लेकिन शासकीय गेहूं को एफसीआई के गोदामों तक पहुंचाने वाले जिम्मेदार अब भी नदारद हैं. गौरतलब है कि सोमवार को हुई तेज बारिश में जिले के कई खरीदी केंद्रों पर रखा हुआ हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया था. जिससे सैकड़ों क्विंटल गेहूं खराब भी होने लगा है. जिससे सबक नहीं लेते हुए जिम्मेदार अधिकारी अब भी सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं.
Last Updated : Jun 4, 2020, 10:54 PM IST
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