रतलाम। कोरोना काल के बाद जैसे ही ट्रेनों का आवागमन शुरू हुआ, वैसे ही जिले के विक्रमगढ़ एवं ताल फाटक पर परेशानियों का दौर शुरू हो गया. दोनों ही जगहों पर रेलवे फाटक बंद रहने के कारण राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल हर थोड़ी देर पर ट्रेन आने की वजह से विक्रमगढ़ फाटक हर आधे घंटे में बंद हो जाता है, जिससे यहां पर आवागमन करने वाले लोगों को काफी इंतजार करना पड़ता है. बता दें कि आलोट नगर परिषद के 2 वार्डों को मिलाकर बना विक्रमगढ़ बना है, जिसकी जनसंख्या करीब 3 हजार है. वहीं इस मार्ग से आस-पास के लोगों को आने-जाने के लिए फाटक को पार करके जाना पड़ता है.
यहां पर अत्यधिक आवागमन होने के बावजूद और लोगों द्वारा कई वर्षों से अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज की मांग करने पर भी जनप्रतिनिधि और न ही किसी अधिकारियों ने जनता की परेशानियों पर ध्यान दिया है.
बता दें कि कई बार तो फाटक बंद होने के कारण मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, और उसकी मौत भी हो जाती है, इसी तरह ताल फाटक पर भी अंडर ब्रिज बनने के बावजूद भी लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है, क्योंकि वर्तमान में उस अंडर ब्रिज को बंद कर दिया गया है.
ताल फाटक पर बने अंडर ब्रिज की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण ब्रिज में हादसों का डर बना रहता है. बारिश के दिनों में इस ब्रिज के अंदर पानी भर जाता है, जिसके कारण यह अनुपयोगी हो गया है. वहीं पास में ही यहां पर ओवर ब्रिज के बनने का काम अभी अधूरा पड़ा है. रेलवे ने तो अपना काम पूरा कर दिया है, लेकिन बचा हुआ कार्य राज्य शासन को करना है.
इस बारे में क्षेत्रीय विधायक मनोज चावला ने राज्य शासन को पत्र भी लिखा था, लेकिन अब तक पत्र का कोई उचित जवाब नहीं मिल पाया है. साथ ही कई बार क्षेत्रीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को भी इस समस्या के बारे में अवगत कराया, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला और लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं.