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रतलाम: सोहनगढ़ स्थित सूखी पहाड़ी होगी हरी भरी, लगाए जाएंगे पेड़

जावरा तहसील के सोहनगढ़ गांव के पास बन रहे आवासों और पहाड़ी का एसडीएम ने अपनी की टीम के साथ जायजा लिया. एसडीएम ने कहा कि पहाड़ी को खूबसूरत बनाने के लिए सोहनगढ़ में बन रहे आवासों के आस पास पेड़ लगाएं जाएगे. जिसके लिए प्लान भी तैयार किया गया है.

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Published : Jun 17, 2020, 11:39 PM IST

Ready land for plantation
वृक्षारोपण के लिए तैयार जमीन

रतलाम। जावरा तहसील के सोहनगढ़ गांव के पास बन रहे आवासों और पहाड़ी का एसडीएम ने अपनी की टीम के साथ जायजा लिया. जावरा फोरलेन के पास स्थित 24 वाहिनी विशेष सुरक्षा बल जावरा की 12 हेक्टयेर भूमि पर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक सुविधा युक्त भवनों का निर्माण किया गया है. यहीं पर आर्मी जवानों की ट्रेनिंग के लिए भी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, लेकिन गर्मी आते-आते पूरा इलाका पानी की कमी से जूझने लगता है. आसपास के ट्युबवेल और कुएं सूख जाते हैं. आने वाले समय में ये समस्या और गंभीर होती जाएगी.

team during inspection
निरीक्षण के दौरान टीम

कलेक्टर और एसडीएम के सहयोग से होगा विकास
बटालियन कमाण्डेंट आशुतोष बागरी ने बताया कि सोहनगढ़ स्थित पहाड़ी पर इस स्थिति को ध्यान रखते हुए कलेक्टर रुचिका चौहान, एसडीएम राहुल नामदेव धोटे के सहयोग से बटालियन की खाली भूमि जो कि वर्तमान में ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी के रूप में है. जहां से बटालियन को वर्तमान मे कोई आय प्राप्त नहीं होती है. इस पहाड़ी पर जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण का विस्तृत प्लान तैयार किया गया है.

सागोन और इमारती लकड़ी के पौधे लगाए जाएंगे
बागरी ने बताया कि प्लान के तहत पहाड़ी के ढलानी क्षेत्र में कन्टूर ट्रेंच बनाए जाएंगे. जिससे वर्षा का पानी भूगर्भ मे प्रवेश कर सके, दो ट्रेंच के बीच में सागोन और इमारती लकड़ी वाले पौधें लगाए जाएंगे. इसके अलावा वर्तमान में उपस्थित बड़े-बड़े गड्ढों को छोटे-छोटे जल संग्राहक को तालाब के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसमें वाटर रिचार्ज के लिए साफ्ट बनाए जाएंगे. आने वाले समय में ये काम ना केवल बटालियन बल्कि सोहनगढ़ और आसपास के गांव के साथ ही जावरा शहर के लिए वरदान साबित होगा.

नहीं रहेगी पानी की किल्लत
इस प्रयास से गर्मी मे होने वाली पानी की किल्लत से निजात मिलेगी. पानी की उपलब्धता होने से किसान गर्मी मे भी फसल उगा सकेंगे. साथ ही जावरा शहर में भी भूगर्भ जल स्तर बढ़ने से गर्मी में भी ट्यूबव्हेल और कुओं में पानी बना रहेगा. इसके अलावा सागौन और अन्य इमरती लकड़ी के पेड़ों से बटालियन को आने वाले समय में आय भी प्राप्त होगी. इसके साथ ही जब पानी की उपब्धता हो जाएगी तो समतल भूमि में फलों का बगीचा लगाया जाएगा. हालांकि इस योजना के रिजल्ट आने में थोड़ा समय लगेगा, पर जब यह पूरी जाएगी तो आज के बंजर ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी, खूबसूरत हरे भरे वृक्ष एवं फलों के बगीचों से युक्त हो जाएगी और अद्भुत नजारा प्रस्तुत करेंगे.

रतलाम। जावरा तहसील के सोहनगढ़ गांव के पास बन रहे आवासों और पहाड़ी का एसडीएम ने अपनी की टीम के साथ जायजा लिया. जावरा फोरलेन के पास स्थित 24 वाहिनी विशेष सुरक्षा बल जावरा की 12 हेक्टयेर भूमि पर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक सुविधा युक्त भवनों का निर्माण किया गया है. यहीं पर आर्मी जवानों की ट्रेनिंग के लिए भी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है, लेकिन गर्मी आते-आते पूरा इलाका पानी की कमी से जूझने लगता है. आसपास के ट्युबवेल और कुएं सूख जाते हैं. आने वाले समय में ये समस्या और गंभीर होती जाएगी.

team during inspection
निरीक्षण के दौरान टीम

कलेक्टर और एसडीएम के सहयोग से होगा विकास
बटालियन कमाण्डेंट आशुतोष बागरी ने बताया कि सोहनगढ़ स्थित पहाड़ी पर इस स्थिति को ध्यान रखते हुए कलेक्टर रुचिका चौहान, एसडीएम राहुल नामदेव धोटे के सहयोग से बटालियन की खाली भूमि जो कि वर्तमान में ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी के रूप में है. जहां से बटालियन को वर्तमान मे कोई आय प्राप्त नहीं होती है. इस पहाड़ी पर जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण का विस्तृत प्लान तैयार किया गया है.

सागोन और इमारती लकड़ी के पौधे लगाए जाएंगे
बागरी ने बताया कि प्लान के तहत पहाड़ी के ढलानी क्षेत्र में कन्टूर ट्रेंच बनाए जाएंगे. जिससे वर्षा का पानी भूगर्भ मे प्रवेश कर सके, दो ट्रेंच के बीच में सागोन और इमारती लकड़ी वाले पौधें लगाए जाएंगे. इसके अलावा वर्तमान में उपस्थित बड़े-बड़े गड्ढों को छोटे-छोटे जल संग्राहक को तालाब के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसमें वाटर रिचार्ज के लिए साफ्ट बनाए जाएंगे. आने वाले समय में ये काम ना केवल बटालियन बल्कि सोहनगढ़ और आसपास के गांव के साथ ही जावरा शहर के लिए वरदान साबित होगा.

नहीं रहेगी पानी की किल्लत
इस प्रयास से गर्मी मे होने वाली पानी की किल्लत से निजात मिलेगी. पानी की उपलब्धता होने से किसान गर्मी मे भी फसल उगा सकेंगे. साथ ही जावरा शहर में भी भूगर्भ जल स्तर बढ़ने से गर्मी में भी ट्यूबव्हेल और कुओं में पानी बना रहेगा. इसके अलावा सागौन और अन्य इमरती लकड़ी के पेड़ों से बटालियन को आने वाले समय में आय भी प्राप्त होगी. इसके साथ ही जब पानी की उपब्धता हो जाएगी तो समतल भूमि में फलों का बगीचा लगाया जाएगा. हालांकि इस योजना के रिजल्ट आने में थोड़ा समय लगेगा, पर जब यह पूरी जाएगी तो आज के बंजर ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी, खूबसूरत हरे भरे वृक्ष एवं फलों के बगीचों से युक्त हो जाएगी और अद्भुत नजारा प्रस्तुत करेंगे.

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