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प्री मानसून की बारिश से उपार्जन केंद्र में खुले में रखा गेहूं भीगा, हजारों क्विंटल बर्बाद - Thousands of quintals of wheat wasted

रतलाम जिले में आज प्री मॉनसून की पहली बारिश होने से उपार्जन केंद्र में खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी गेहूं को रखने के लिए इंतजाम नहीं किए गए थे. जिसके चलते गेहूं भीग गया .

Thousands of quintals of wheat kept wet in the open due to rain
बारिश से उपार्जन केंद्र में खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीगा
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Published : Jun 1, 2020, 10:27 PM IST

रतलाम। जिले में प्री मॉनसून की पहली बारिश हुई. जिसके चलते गेहूं उपार्जन केंद्र में किसानों से खरीदी किया गया हजारों क्विंटल शासकीय गेहूं गीला हो गया. रतलाम जिले के शिवपुर, नामली धराड़ और रतलाम मंडी में उपार्जन के बाद गेहूं को खुले में रख दिया गया था. जिससे हजारों क्विंटल गेहूं बारिश से गीला हो गया.

गौरतलब है कि वेयरहाउस भर जाने और बारदानों की कमी होने से 22 मई से 31 मई तक खरीदे गए गेहूं को मंडी प्रांगण में खुले में ही रखा दिया गया था. जिसके बाद मालवा क्षेत्र के कई जिलों में आज प्री मानसून की बारिश होने से हजारों क्विंटल गेहूं गीला हो गया.

दरअसल 15 अप्रैल से 31 मई तक समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का गेहूं उपार्जन केंद्रों पर रखा गया था. आखिरी हफ्ते में बारदानों की कमी और वेयरहाउस में जगह न होने के कारण समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं को खुले में रख दिया गया था, जिसे शासकीय गोदामों तक पहुंचाना था. लेकिन जिले में आज प्री मॉनसून की पहली बारिश होने के कारण खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग कर बर्बाद हो गया है, हालांकि प्री मानसून की बारिश को लेकर मौसम विभाग ने मालवा निमाड़ के जिलों में अलर्ट भी जारी किया था. बावाजूद इसके गेहूं को बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण गेहूं भीग गया है. जिसके सड़ने की नौबत आ गई है.

स्थानीय प्रशासन और फसल उपार्जन के जिम्मेदार अधिकारी अचानक हुई बारिश को अनाज की बर्बादी का कारण बता रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद बारदानों की कमी, ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था नहीं होने और गेहूं को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है.

रतलाम। जिले में प्री मॉनसून की पहली बारिश हुई. जिसके चलते गेहूं उपार्जन केंद्र में किसानों से खरीदी किया गया हजारों क्विंटल शासकीय गेहूं गीला हो गया. रतलाम जिले के शिवपुर, नामली धराड़ और रतलाम मंडी में उपार्जन के बाद गेहूं को खुले में रख दिया गया था. जिससे हजारों क्विंटल गेहूं बारिश से गीला हो गया.

गौरतलब है कि वेयरहाउस भर जाने और बारदानों की कमी होने से 22 मई से 31 मई तक खरीदे गए गेहूं को मंडी प्रांगण में खुले में ही रखा दिया गया था. जिसके बाद मालवा क्षेत्र के कई जिलों में आज प्री मानसून की बारिश होने से हजारों क्विंटल गेहूं गीला हो गया.

दरअसल 15 अप्रैल से 31 मई तक समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का गेहूं उपार्जन केंद्रों पर रखा गया था. आखिरी हफ्ते में बारदानों की कमी और वेयरहाउस में जगह न होने के कारण समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं को खुले में रख दिया गया था, जिसे शासकीय गोदामों तक पहुंचाना था. लेकिन जिले में आज प्री मॉनसून की पहली बारिश होने के कारण खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग कर बर्बाद हो गया है, हालांकि प्री मानसून की बारिश को लेकर मौसम विभाग ने मालवा निमाड़ के जिलों में अलर्ट भी जारी किया था. बावाजूद इसके गेहूं को बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण गेहूं भीग गया है. जिसके सड़ने की नौबत आ गई है.

स्थानीय प्रशासन और फसल उपार्जन के जिम्मेदार अधिकारी अचानक हुई बारिश को अनाज की बर्बादी का कारण बता रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद बारदानों की कमी, ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था नहीं होने और गेहूं को भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं होना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है.

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