रतलाम। मेडिकल कॉलेज के कोविड केयर सेंटर में कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार और व्यवस्थाओं का दावा भले ही अस्पताल प्रबंधन करता हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग दिख रही है. दरअसल कोरोना संदिग्ध एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और असंवेदनशील रवैए की शिकायत मानव अधिकार आयोग से की है. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से पिता की मौत के बाद कार्रवाई के लिए बेटा कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है. बावाजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होने से निराश इस परिवार ने अब मानव अधिकार आयोग में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की शिकायत की है.
दरअसल रतलाम के पीएनटी कॉलोनी निवासी 60 वर्षीय सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी की तबीयत 18 जुलाई को खराब हुई थी. प्रायवेट अस्पतालों में चक्कर लगाने के बाद उनके पुत्र उन्हें मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे थे, जहां उन्हें कोरोना संदिग्ध मानकर सैंपल लिया गया था. 20 जुलाई को कोरोना संदिग्ध मरीज की मृत्यु हो गई. मृतक के परिजनों का आरोप है कि, भर्ती किए जाने के बाद से परिवार को उनके स्वास्थ्य के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
आइसोलेशन वार्ड में मृतक के साथ भर्ती एक अन्य मरीज से मिली जानकारी के अनुसार, मरने से पहले मृतक बार-बार अपने परिवार के लोगों को आवाज दे रहा था. मृतक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन का कोई भी व्यक्ति उनका इलाज करने नहीं पहुंचा. परिजनों के अनुसार मृतक की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, जिसके बाद परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के गैर जिम्मेदार और असंवेदनशील रवैए की शिकायत जिला प्रशासन से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से परिवार ने मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है और मदद की गुहार लगाई है.
पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. लेकिन शिकायत के 15 दिनों के बाद भी इस मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे मृतक के परिजन निराश हैं.