रतलाम। शहर में अब लोगों को बदहाल सड़कों पर रोजाना गुजरने की आदत हो गई है, क्योंकि शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत पिछले चार सालों से सड़कें खोदी जा रही हैं. शहर में सड़कें खोदी तो जा रही हैं, लेकिन फिर काम पूरा होने के बाद उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है, जिस वजह से शहर के रहवासी सड़कों की बदहाली के कारण काफी परेशान हो रहे हैं.
गुजरात मॉडल की तर्ज शुरू हुआ काम
साल 2016 में गुजरात मॉडल की तर्ज पर मध्य प्रदेश के बड़े और मध्यम शहरों में सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्य शुरू किए गए थे. रतलाम शहर में भी इस प्रोजेक्ट का कार्य गुजरात की जय वरुड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है.
करोड़ों की सड़कें बदहाल
शहर के लगभग एक लाख घरों से निकलने वाले सीवरेज के पानी को एक अलग पाइपलाइन के द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट मे क्लीन कर छोड़ने की इस परियोजना के लिए गुजरात की जय वरुड़ी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को ठेका दिया गया है, लेकिन शुरू से ही विवादों में रहे इस प्रोजेक्ट की धीमी चाल और शहर में जगह-जगह सड़कों की खुदाई से करोड़ों रुपए की सीसी सड़के बर्बाद हो चुकी हैं.
350 किलोमीटर सीवरेज पाइपलाइन बिछेगी
शहरभर में ट्रीटमेंट प्लांट सहित करीब 350 किलोमीटर की सीवरेज पाइपलाइन बिछाई जानी है, जिसमें से करीब 320 किलोमीटर सीवरेज लाइन का काम पूरा भी हो चुका है. लेकिन ये काम सिर्फ कागजों में ही पूरा हुआ है, क्योंकि शहर की सड़कें तो अपनी बदहाली का हाल खुद ही बयां कर रही हैं.
आए दिन हो रहे हादसे
शहर में सीवरेज लाइन बिछाने मेनलाइन और सब लाइनों के लिए शहर की कई सड़कों की खुदाई की गई है, लेकिन शहर की ज्यादातर सड़कों और रहवासी क्षेत्रों में सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट के घटिया निर्माण कार्य से बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिसमें आए दिन लोग हादसे का शिकार भी हो रहे हैं.
नरकीय जीवन जीने को मजबूर
रहवासियों ने बताया कि, कंपनी ने रोड खोदकर सीवरेज लाइन तो बिछा दी है, लेकिन सड़क बनाना भूल गए, जिससे क्षेत्र के नागरिक बीते तीन महीनों से कीचड़ और गड्ढों की वजह से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
शहर में अनोखे तरीके से रहवासी कर रहे विरोध
निर्माण करने वाली कंपनी खोदी गई सड़कों की मरम्मत भी समय पर नहीं कर पा रही है, जिससे शहर के कई इलाकों में अब आम लोगों का गुस्सा फूटने लगा है. शहर में लोग खोदी गई सड़कों के खिलाफ अपना विरोध नायाब तरीके से कर रहे हैं. कहीं लोगों ने इन खोदी हुई सड़कों पर पौधारोपण किया, तो कहीं लोगों ने श्रद्धांजलि दी. बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है.
बारिश के कारण नहीं हो पा रही मरम्मत
सीवरेज लाइन कंपनी के जिम्मेदारों कहना है कि, इस साल बारिश ज्यादा होने की वजह से खोदी गई सड़कों का रिस्टोरेशन काम नहीं हो सका है. वहीं शहर में लगभग सीवरेज लाइन की खुदाई का काम पूरा होने वाला है, लेकिन शहर में बिछाई गई सीवरेज लाइन की वजह से जर्जर हुई सड़कों और घटिया मरम्मत का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें- दुर्गा उत्सव: अब 10 फीट की दुर्गा प्रतिमाएं होंगी विराजित, गृह विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन
शुरू से ही विवादों में रहा ये सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट, लोगों की सुविधा के लिए है या उनकी परेशानी बढ़ाने के लिए, हालातों को देखकर ये समझना मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन धीमी गति से चल रहे इस काम को देखकर इतना तो कहा ही जा सकता है कि, प्रोजेक्ट का सुख भोगने से पहले रहवासी काफी बदहाली का दुख भोग लेंगे.