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अब आपका सफर होगा और सुहाना, रतलाम से इंदौर की दूरी दो घंटे में होगी पूरी

रतलाम से इंदौर तक जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन चलना शुरु हो जाएगी. जिससे यात्री 2 घंटो में ये सफर तय कर सकेंगे.

रतलाम से इंदौर की दूरी दो घंटे में होगी पूरी
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Published : Aug 7, 2019, 10:43 PM IST

रतलाम। रतलाम से इंदौर तक के रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम रेलवे ने खत्म कर लिया है. जल्द ही इस रास्ते पर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेनें चलनी शुरु हो जाएंगी, जिसके बाद रतलाम से इंदौर का सफर दो घंटे में तय किया जा सकेगा.

रतलाम से इंदौर की दूरी दो घंटे में होगी पूरी

इंदौर और रतलाम के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद अब इंदौर, दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से सीधा जुड़ गया है. दरअसल 119 किलोमीटर के इस मार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम दिसंबर तक पूरा होना था. जिसे रेल मंडल ने 6 महीने पहले ही पूरा कर लिया है.

इस रेल मार्ग पर अब तक डीजल इंजन ट्रेन संचालित थी, जिसकी वजह से लंबी दूरी की यात्री गाड़िया देवास, उज्जैन और नागदा होते हुए रतलाम जाती थी. सीआरएस के निरीक्षण में हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेने इस रुट पर चलने लगेगी.
रेल मंडल ने बताया कि रतलाम से चित्तौड़गढ़ के बीच भी इलेक्ट्रिफिकेशन का काम तेज हो गया है.जिससे मार्च 2020 तक इंदौर से सीधे चित्तौड़गढ़ के लिए इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा.

रतलाम। रतलाम से इंदौर तक के रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम रेलवे ने खत्म कर लिया है. जल्द ही इस रास्ते पर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेनें चलनी शुरु हो जाएंगी, जिसके बाद रतलाम से इंदौर का सफर दो घंटे में तय किया जा सकेगा.

रतलाम से इंदौर की दूरी दो घंटे में होगी पूरी

इंदौर और रतलाम के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद अब इंदौर, दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग से सीधा जुड़ गया है. दरअसल 119 किलोमीटर के इस मार्ग पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम दिसंबर तक पूरा होना था. जिसे रेल मंडल ने 6 महीने पहले ही पूरा कर लिया है.

इस रेल मार्ग पर अब तक डीजल इंजन ट्रेन संचालित थी, जिसकी वजह से लंबी दूरी की यात्री गाड़िया देवास, उज्जैन और नागदा होते हुए रतलाम जाती थी. सीआरएस के निरीक्षण में हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेने इस रुट पर चलने लगेगी.
रेल मंडल ने बताया कि रतलाम से चित्तौड़गढ़ के बीच भी इलेक्ट्रिफिकेशन का काम तेज हो गया है.जिससे मार्च 2020 तक इंदौर से सीधे चित्तौड़गढ़ के लिए इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा.

Intro:रतलाम-इंदौर रेलवे मार्ग पर विद्युतीकरण कार्य पूरा होने से इंदौर अब दिल्ली मुंबई रेल मार्ग से सीधा जुड़ गया है। सीआरएस के निरीक्षण में हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्दी ही इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजीनियर द्वारा ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि 119 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग पर अब तक डीजल इंजिन द्वारा ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था। जिसकी वजह से इंदौर से चलने वाली लंबी दूरी की यात्री गाड़ियों को वाया देवास, उज्जैन और नागदा होते हुए रतलाम लाया जाता था। इस मार्ग पर अब रतलाम और इंदौर के बीच यात्रा का समय महज 2 घंटे ही रह जाएगा।


Body:दरअसल रतलाम से इंदौर तक 119 किमी के रेलमार्ग पर विद्युतीकरण का कार्य दिसंबर 2019 तक पुर्ण किया जाना था लेकिन जिसे रतलाम रेल मंडल ने 6 माह पुर्व ही पुरा कर लिया है। चाहा सीआरएस के निरीक्षण में इस मार्ग को हरी झंडी भी मिल चुकी है। जिसके बाद अब जल्दी ही इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजीनियर द्वारा ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि 119 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग पर अब तक डीजल इंजिन द्वारा ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था। जिसकी वजह से इंदौर से चलने वाली लंबी दूरी की यात्री गाड़ियों को वाया देवास, उज्जैन और नागदा होते हुए रतलाम लाया जाता था। इस मार्ग पर अब रतलाम और इंदौर के बीच यात्रा का समय महज 2 घंटे ही रह जाएगा।


Conclusion:रतलाम रेल मंडल के डीआरएम आरएन सोनकर ने बताया कि इस मार्ग के बनने से इंदौर और रतलाम के बीच अब इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा जिस से रतलाम और इंदौर के बीच यात्रा का समय घटकर 2 घंटे ही रह जाएगा वही रेल मंडल को डीजल की भी बचत होगी। डीआरएम ने बताया कि रतलाम से चित्तौड़गढ़ के मध्य भी इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य तेजी से चलाया जा रहा है जिससे मार्च 2020 तक इंदौर से सीधे चित्तौड़गढ़ तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

बाइट 01 आरएन सुनकर ( डीआरएम रतलाम रेल मंडल)
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