रतलाम। इंदौर और रतलाम में कोरोना संक्रमितों के मामले प्रशासन के सामने चुनौती बने हुए थे, अब ऐसे में एक और मामला ने परेशानियां खड़ी कर दी हैं. इस मामले में खुद प्रशासन की भी एक बड़ी चूक सामने आई है. मामला जिले में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के शव को चोरी-छुपे लाकर दफनाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
4 अप्रैल को इंदौर में हई थी मौत
मामला रतलाम के माणक चौक थाने इलाके का है, जहां पर मृतक के परिजन और जनाजे में शामिल होने वाले 28 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है. शहर के 60 वर्षीय मोहम्मद कादरी ऊर्फ बाबूभाई कि 4 अप्रैल को इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी लेकिन मौत के बाद परिजनों ने गुपचुप तरीके से उनके शव को रतलाम लाकर दफना दिया और प्रशासन को सूचना तक नहीं दी. जिसके बाद अब जब मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना प्रशासन को मिली तो शहर में हड़कंप मच गया है.
अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की तलाश में जुटा प्रशासन
इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने मृतक के परिवार के नौ सदस्यों को मेडिकल कॉलेज में आईसोलेट किया है. वहीं कोरोना पॉजिटिव के घर, लोहार रोड इलाके को सील कर एरीये को कन्टेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया है. इसके अलावा इस मामले में लापरवाही बरतने वाले मृतक के परिजनों और शव को रतलाम लाकर दफनाने में मदद करने वाले 28 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. जिला प्रशासन अब मृतक की अंतिम यात्रा में शामिल 30 से ज्यादा लोगो की तलाश में जुटा है.
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अस्पताल ने बिना रिपोर्ट आए कैसे सौंपा शव
बहरहाल सबसे बड़ा सवाल ये है की इंदौर के एमवाय अस्पताल ने मृतक की कोरोना रिपोर्ट आने के पहले ही शव को परिजनों को आखिर कैसे सौंप दिया? जबकि नियम के मुताबिक कोरोना से संदिग्ध मौत में भी रिपोर्ट आने के बाद ही शव को परिजनों को सौंपा जाना है.