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मालवा-निमाड़ की 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारते की तैयारी में जयस, बीजेपी और कांग्रेस को दिया ये ऑफर - रतलाम

जयस के पदाधिकारी ने कहा है कि अगर लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस या बीजेपी उनके उम्मीदवार को टिकट देगी तो वो उस पार्टी से ही चुनाव लड़ेंगे. ऐसा न होने पर वो अपनी पार्टी से ही उम्मीदवार उतारेंगे.

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Published : Mar 11, 2019, 10:12 PM IST

रतलाम। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आदिवासी संगठन जयस ने एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है. मालवा-निमाड़ की 3 आदिवासी बाहुल्य सीटों पर जयस के उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. साथ ही जयस का ये भी कहना है कि अगर बीजेपी और कांग्रेस उनके उम्मीदवारों पर दांव लगाना चाहते हैं तो उनके उम्मीदवार इन पार्टियों के टिकट पर भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं

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जयस

दरअसल, आदिवासी युवा संगठन जयस ने विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर चुनाव लड़ा था. जयस के अध्यक्ष हीरालाल अलावा को कांग्रेस के टिकिट पर जीत भी मिली थी और जयस ने करीब दो दर्जन सीटों के परिणामों को प्रभावित किया था. लोकसभा चुनाव में भी जयस ने अपना दावा पेश किया है. जयस के संरक्षक डॉ अभय ओहरी ने बीजेपी और कांग्रेस के लिए खुला ऑफर रखा है, कि वो लोकसभा में जयस के नेताओं को टिकिट दें. दोनों पार्टियों से ऑफर नहीं मिलने पर जयस लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने बताया कि इस बारे में दोनों पार्टी के आला नेताओं से बात हो गई है.

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बहरहाल लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही जयस की इस दावेदारी से कांग्रेस-बीजेपी को रतलाम, झाबुआ और धार सीट पर अपने उम्मीदवारों के चयन पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है. क्योंकि जयस के नेताओं ने ऑफर के साथ ही बगावती तेवर भी दिखा दिए है जिससे मालवा-निमाड़ की राजनीति गर्माना शुरू हो गई है.

रतलाम। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आदिवासी संगठन जयस ने एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है. मालवा-निमाड़ की 3 आदिवासी बाहुल्य सीटों पर जयस के उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. साथ ही जयस का ये भी कहना है कि अगर बीजेपी और कांग्रेस उनके उम्मीदवारों पर दांव लगाना चाहते हैं तो उनके उम्मीदवार इन पार्टियों के टिकट पर भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं

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दरअसल, आदिवासी युवा संगठन जयस ने विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर चुनाव लड़ा था. जयस के अध्यक्ष हीरालाल अलावा को कांग्रेस के टिकिट पर जीत भी मिली थी और जयस ने करीब दो दर्जन सीटों के परिणामों को प्रभावित किया था. लोकसभा चुनाव में भी जयस ने अपना दावा पेश किया है. जयस के संरक्षक डॉ अभय ओहरी ने बीजेपी और कांग्रेस के लिए खुला ऑफर रखा है, कि वो लोकसभा में जयस के नेताओं को टिकिट दें. दोनों पार्टियों से ऑफर नहीं मिलने पर जयस लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने बताया कि इस बारे में दोनों पार्टी के आला नेताओं से बात हो गई है.

जयस

बहरहाल लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही जयस की इस दावेदारी से कांग्रेस-बीजेपी को रतलाम, झाबुआ और धार सीट पर अपने उम्मीदवारों के चयन पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है. क्योंकि जयस के नेताओं ने ऑफर के साथ ही बगावती तेवर भी दिखा दिए है जिससे मालवा-निमाड़ की राजनीति गर्माना शुरू हो गई है.

Intro:लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आदिवासी संगठन जयस ने एकबार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है.मालवा -निमाड़ की 3 आदिवासी बाहुल्य सीटों पर जयस के उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर रहे है.जयस के पदाधिकारियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में रतलाम-झाबुआ और सीट पर भाजपा और कांग्रेस में से जो पार्टी हमारे उम्मीदवार को टिकिट देगी हम उनके साथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. किसी पार्टी द्वारा टिकिट बकाया ऑफर नहीं मिलने की स्थिति में जयस अपने उम्मीदवार आदिवासी बाहुल्य सीटों पर खड़े करेगी.


Body:दरअसल आदिवासी युवाओं के संगठन जयस ने मप्र विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर चुनाव लड़ा था .जयस के अध्यक्ष हीरालाल अलावा को कांग्रेस के टिकिट पर जीत भी मिली थी तो करीब 2 दर्जन सीटों पर जयस ने परिणाम प्रभावित किया था .जिसके बाद लोकसभा चुनाव में भी जयस ने अपना दवा पेश किया है.जयस के संरक्षक डॉ अभय ओहरी ने बताया कि जयस ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टीयों के लिये खुला ऑफर रखा है कि वे जयस के नेताओं को लोकसभा में टिकिट दे .दोनों पार्टियों से ऑफर नहीं मिलने की स्थिति में जयस अपने उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में उतारेगी. डॉ ओहरी ने बताया है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के आला नेताओं से इस संबंध में बात हुई है.


Conclusion:बहरहाल लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही जयस की इस दावेदारी से कांग्रेस और भाजपा को रतलाम -झाबुआ और धार सीट पर अपने उम्मीदवारो के चयन पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है क्योंकि जयस के नेताओं ने ऑफर के साथ ही बगावती तेवर भी दिखा दिये है जिससे मालवा-निमाड़ की राजनीति गर्माना शुरू हो गई है--

बाइट-01 & 02--डॉ अभय ओहरी (संरक्षक,जयस)
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