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संग्रहालय खो रहा अपना अस्तित्व ! कबाड़ में तब्दील बेशकीमती मूर्तियां

जिले का एकमात्र संग्रहालय स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के चलते अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है, यहां रखी मूर्तियां अब कबाड़ में तब्दील हो रही हैं.

Museum is losing its existence
संग्रहालय खो रहा अपना अस्तित्व
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Published : Feb 10, 2021, 9:13 AM IST

Updated : Feb 10, 2021, 11:02 AM IST

रतलाम। शहर के गुलाब चक्कर में मौजूद संग्रहालय में 11वीं शताब्दी की मूर्तियां रखी हुईं हैं, जिस पर स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसे में यहां रखी मूर्तियां अब कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं. यही नहीं कई महीनों से इस संग्रहालय के ताले भी नहीं खुले हैं. हालांकि संग्रहालय के पिछले हिस्से से हर कोई इसमें प्रवेश कर सकता है, जिससे प्राचीन और दुर्लभ किस्म की प्रतिमाओं की चोरी होने की संभावना भी बनी हुई है, इससे पहले पुरातात्विक महत्व की कुछ वस्तुएं इस संग्रहालय से गायब हो चुकी हैं. बावजूद इसके प्रशासन की अनदेखी लगातार जारी है.

संग्रहालय खो रहा अपना अस्तित्व !
  • संग्रहालय में 6वीं और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां मौजूद

रतलाम जिले के झर, राजापुरा और रिंगनोद क्षेत्र से मिली प्राचीन प्रतिमाओं और कलाकृतियों को सहेज कर रखा गया था, वहीं रतलाम राजवंश और अंग्रेज काल के दौरान की पुरानी वस्तुओं को भी इस संग्रहालय में रखा गया था, लेकिन प्रशासन द्वारा लगातार बरती गई लापरवाही के चलते अब इस संग्रहालय में केवल प्राचीन प्रतिमाएं ही रह गई हैं, जो अब कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं. यहां भगवान विष्णु, गणेश ,भूदेवी और देवी देवताओं की छठी शताब्दी से लेकर 11 वीं शताब्दी तक की प्राचीन दुर्लभ प्रतिमाएं रखी गई हैं.

Museum is losing its existence
मूर्तियां अब कबाड़ में तब्दील
  • स्थानीय प्रशासन की अनदेखी

रतलाम जिले के एकमात्र पुरातत्व वस्तुओं के संग्रहालय की बदहाली की मुख्य वजह यहां के स्थानीय प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं देना है. गुलाब चक्कर स्थित बगीचे की देखभाल और व्यवस्था नगर निगम के हाथों में है, वहीं इस संग्रहालय की व्यवस्था पुरातत्व विभाग के पास है, जिसकी वजह से दोनों संस्थाओं में सामंजस्य नहीं होने से संग्रहालय पर लंबे समय से ताला लगा हुआ है, 2017 में तत्कालीन कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने गुलाब चक्कर और संग्रहालय को आम जनता के लिए शुरू करने के प्रयास किया था, लेकिन उसके बाद इस संग्रहालय पर ताले ही लगे हुए हैं, संग्रहालय में रतलाम राजवंश और अंग्रेज काल के दौरान की धातु की पुरानी वस्तु है तो अब यहां से गायब ही हो गई है, वहीं एक बार फिर पुरातत्व विभाग की खुदाई में राजापुरा माताजी से मिली, करीब ढाई सौ से अधिक कलाकृतियों को रखने के लिए भी इस संग्रहालय में व्यवस्था नहीं की जा सकी है.

Museum is losing its existence
कबाड़ में तब्दील बेशकीमती मूर्तियां
  • व्यवस्था सुधारी जाए तो बन सकता है अच्छा संग्रहालय

जर्जर हालत में पहुंच चुके रतलाम जिले की एकमात्र संग्रहालय की व्यवस्थाएं अगर सुधारी जाएं, तो शहर के बीचो बीच स्थित इस संग्रहालय और गुलाब चक्कर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगेंगे. ईटीवी भारत की टीम ने जब इस ओर रतलाम शहर के एसडीएम अभिषेक गहलोत का ध्यानाकर्षण कराया, तो उन्होंने पुरातत्व एवं पर्यटन विकास समिति के माध्यम से इस एकमात्र संग्रहालय की व्यवस्था सुधारने की बात कही, स्थानीय प्रशासन यदि ध्यान दे, तो बदहाल हो चुकी संग्रहालय की व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है.

Museum is losing its existence
11वीं शताब्दी की मूर्तियां
  • 'जल्द सुधारी जाएगी व्यवस्था'

बहरहाल स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते जिले का एकमात्र संग्रहालय जर्जर हालत में है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के अधिकारी अब इसकी व्यवस्था सुधारने की बात जरूर कह रहे हैं, जिससे जिले के झर और राजापुरा माताजी क्षेत्र से मिल रही प्राचीन कलाकृतियों और मूर्तियों को भी इस संग्रहालय में सहेज कर रखा जा सकेगा.

रतलाम। शहर के गुलाब चक्कर में मौजूद संग्रहालय में 11वीं शताब्दी की मूर्तियां रखी हुईं हैं, जिस पर स्थानीय प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसे में यहां रखी मूर्तियां अब कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं. यही नहीं कई महीनों से इस संग्रहालय के ताले भी नहीं खुले हैं. हालांकि संग्रहालय के पिछले हिस्से से हर कोई इसमें प्रवेश कर सकता है, जिससे प्राचीन और दुर्लभ किस्म की प्रतिमाओं की चोरी होने की संभावना भी बनी हुई है, इससे पहले पुरातात्विक महत्व की कुछ वस्तुएं इस संग्रहालय से गायब हो चुकी हैं. बावजूद इसके प्रशासन की अनदेखी लगातार जारी है.

संग्रहालय खो रहा अपना अस्तित्व !
  • संग्रहालय में 6वीं और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां मौजूद

रतलाम जिले के झर, राजापुरा और रिंगनोद क्षेत्र से मिली प्राचीन प्रतिमाओं और कलाकृतियों को सहेज कर रखा गया था, वहीं रतलाम राजवंश और अंग्रेज काल के दौरान की पुरानी वस्तुओं को भी इस संग्रहालय में रखा गया था, लेकिन प्रशासन द्वारा लगातार बरती गई लापरवाही के चलते अब इस संग्रहालय में केवल प्राचीन प्रतिमाएं ही रह गई हैं, जो अब कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं. यहां भगवान विष्णु, गणेश ,भूदेवी और देवी देवताओं की छठी शताब्दी से लेकर 11 वीं शताब्दी तक की प्राचीन दुर्लभ प्रतिमाएं रखी गई हैं.

Museum is losing its existence
मूर्तियां अब कबाड़ में तब्दील
  • स्थानीय प्रशासन की अनदेखी

रतलाम जिले के एकमात्र पुरातत्व वस्तुओं के संग्रहालय की बदहाली की मुख्य वजह यहां के स्थानीय प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं देना है. गुलाब चक्कर स्थित बगीचे की देखभाल और व्यवस्था नगर निगम के हाथों में है, वहीं इस संग्रहालय की व्यवस्था पुरातत्व विभाग के पास है, जिसकी वजह से दोनों संस्थाओं में सामंजस्य नहीं होने से संग्रहालय पर लंबे समय से ताला लगा हुआ है, 2017 में तत्कालीन कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने गुलाब चक्कर और संग्रहालय को आम जनता के लिए शुरू करने के प्रयास किया था, लेकिन उसके बाद इस संग्रहालय पर ताले ही लगे हुए हैं, संग्रहालय में रतलाम राजवंश और अंग्रेज काल के दौरान की धातु की पुरानी वस्तु है तो अब यहां से गायब ही हो गई है, वहीं एक बार फिर पुरातत्व विभाग की खुदाई में राजापुरा माताजी से मिली, करीब ढाई सौ से अधिक कलाकृतियों को रखने के लिए भी इस संग्रहालय में व्यवस्था नहीं की जा सकी है.

Museum is losing its existence
कबाड़ में तब्दील बेशकीमती मूर्तियां
  • व्यवस्था सुधारी जाए तो बन सकता है अच्छा संग्रहालय

जर्जर हालत में पहुंच चुके रतलाम जिले की एकमात्र संग्रहालय की व्यवस्थाएं अगर सुधारी जाएं, तो शहर के बीचो बीच स्थित इस संग्रहालय और गुलाब चक्कर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगेंगे. ईटीवी भारत की टीम ने जब इस ओर रतलाम शहर के एसडीएम अभिषेक गहलोत का ध्यानाकर्षण कराया, तो उन्होंने पुरातत्व एवं पर्यटन विकास समिति के माध्यम से इस एकमात्र संग्रहालय की व्यवस्था सुधारने की बात कही, स्थानीय प्रशासन यदि ध्यान दे, तो बदहाल हो चुकी संग्रहालय की व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है.

Museum is losing its existence
11वीं शताब्दी की मूर्तियां
  • 'जल्द सुधारी जाएगी व्यवस्था'

बहरहाल स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते जिले का एकमात्र संग्रहालय जर्जर हालत में है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के अधिकारी अब इसकी व्यवस्था सुधारने की बात जरूर कह रहे हैं, जिससे जिले के झर और राजापुरा माताजी क्षेत्र से मिल रही प्राचीन कलाकृतियों और मूर्तियों को भी इस संग्रहालय में सहेज कर रखा जा सकेगा.

Last Updated : Feb 10, 2021, 11:02 AM IST
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