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Ratlam Tree Man: किसान भेरूलाल धाकड़ ने पथरीले पहाड़ों में फूंक दी जान, सुकून के पल बिताने के लिए यहां आ रहे लोग - किसान भेरूलाल ट्री मेन के नाम से मशहूर

Ratlam Tree Man: इन दिनों बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी की तरह ही मध्यप्रदेश के रतलाम में ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ भी चर्चा में हैं, जिन्होंने बंजर पथरीले पहाड़ अपनी मेहनत के दम पर हरा-भरा बना डाला. फिलहाल अब भेरूलाल धाकड़ के इस काम की वजह से उन्हें क्षेत्र के लोग 'ट्री मैन' के नाम से बुलाते हैं.

MP tree man bherulal dhakad
ट्री मेन भेरूलाल धाकड़
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Published : Aug 9, 2023, 7:13 PM IST

क्या आप सोच सकते हैं कि पथरीले पहाड़ों में जंगल लग सकता है? जी हां ऐसा ही हुआ है... जैसे बिहार में माउंटेन मैन दशरथ मांझी ने मेहनत करके पहाड़ में से रास्ता निकाल दिया था, ऐसे ही एमपी के रतलाम के ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ ने खुद की मेहनत से पथरीले पहाड़ को हरे-भरे जंगल में बदल दिया. अब उनके इसी सराहनीय कदम के कारण अब लोग उन्हें 'ट्री मैन' बुलाने लगे हैं.

रतलाम के नोगांवा कला गांव निवासी बुजुर्ग किसान भेरूलाल धाकड़ अपनी अनूठी मेहमत के लिए जाने जाते हैं, कारण ये है कि किसान भेरूलाल ने कई वर्षों तक मेहनत कर पहाड़ की बंजर वीरान जमीन को फल-फूल वाले पेड़ों और हरियाली भर दिया है. किसान भेरूलाल धाकड़ की मेहमत से आज पहाड़ की सुंदरता देखने लायक है, यही कारण है कि लोग अब इसी हरियाली में पिकनिक मनाने और सुकून के पल बिताने के लिए यहां आ रहे हैं.

ऐसे आया बंजर पहाड़ को हरियाली में बदलने का आइडिया: बहुत समय पहले किसान भेरूलाल मजदूरी के लिए महाराष्ट्र के जलगांव गए थे, लेकिन महाराष्ट्र से वापस लौटकर उन्होंने खुद के 5 बीघा खेत में ही काम करना सही समझा. भेरूलाल के खेत के ही पास में एक पहाड़ी है, जो उस समय काफी बंजर और पथरीली थी, इसलिए वहां कोई आता-जाता नहीं था. एक बार किसान भेरूलाल ने जब पहाड़ की ओर देखा तो सोचा कि "मैं इस पहाड़ को हरा-भरा बना सकता हूं", फिर क्या था किसान भेरूलाल धाकड़ का पर्यावरण प्रेम जागा और उन्होंने संकल्प लिया कि "आने वाले 15-20 साल में मैं इस पहाड़ को हरियाली से भर दूंगा." तब से अब तक किसान भेरूलाल धाकड़ ने पहाड़ी पर 1500 फल और छाया देने वाले पेड़ लगाए हैं, इन पेड़ों में 500 से ज्यादा आम, केला, सीताफल और अमरूद आदि के पेड़ शामिल हैं.

पहाड़ नहीं ये है जंगल सफारी: ग्रामीण बताते हैं कि "बंजर पहाड़ी को हरा भरा करने के लिए ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ अकेले ही दिन-रात मेहनत करते थे. वे सुबह-सुबह से निकल जाते थे, जहां कड़ी मेहनत करते हुए वे बंजर पहाड़ी पर गड्ढे खोदते थे और पेड़ पौधे लगाते थे. ट्री मैन की ही मेहनत की फल है जो आज पहाड़ की 20 बीघा जमीन पर हरियाली ही हरियाली है. अब तो हालात ऐसी है कि पहाड़ का कुछ कुछ हिस्सा तो घने हरे जंगल में तब्दील हो गया है, यहां जब हम लोग पिकनिक मनाने जाते हैं तो लगता है जैसे किसी जंगल सफारी को घूमने आए हों. हम यहां आकर ताजे-ताजे फलों का भी मजा लेते हैं."

Must Read:

प्रशासन करे मदद तो और हो सकती है हरियाली: ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ कहते हैं कि "मैं अभी और ज्यादा पेड़ पौधे लगाकर इस पहाड़ी को घना और हरा-भरा बनाना चाहता हूं, लेकिन अब इसके लिए प्रशासन से पेड़ लगाने की अनुमति चाहिए होगी, जिसकी मैं मांग करूंगा. मैं चाहता हूं कि अब जब जंगल हरा-भरा हो गया है तो इसी हरियाली को बरकरार रखने के लिए प्रशासन मेरी मदद करे, क्योंकि मैं जब अपनी खेती-बाड़ी में व्यस्त हो जाता हूं तो इनकी देखरेख करने में परेशानी होती है."

क्या आप सोच सकते हैं कि पथरीले पहाड़ों में जंगल लग सकता है? जी हां ऐसा ही हुआ है... जैसे बिहार में माउंटेन मैन दशरथ मांझी ने मेहनत करके पहाड़ में से रास्ता निकाल दिया था, ऐसे ही एमपी के रतलाम के ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ ने खुद की मेहनत से पथरीले पहाड़ को हरे-भरे जंगल में बदल दिया. अब उनके इसी सराहनीय कदम के कारण अब लोग उन्हें 'ट्री मैन' बुलाने लगे हैं.

रतलाम के नोगांवा कला गांव निवासी बुजुर्ग किसान भेरूलाल धाकड़ अपनी अनूठी मेहमत के लिए जाने जाते हैं, कारण ये है कि किसान भेरूलाल ने कई वर्षों तक मेहनत कर पहाड़ की बंजर वीरान जमीन को फल-फूल वाले पेड़ों और हरियाली भर दिया है. किसान भेरूलाल धाकड़ की मेहमत से आज पहाड़ की सुंदरता देखने लायक है, यही कारण है कि लोग अब इसी हरियाली में पिकनिक मनाने और सुकून के पल बिताने के लिए यहां आ रहे हैं.

ऐसे आया बंजर पहाड़ को हरियाली में बदलने का आइडिया: बहुत समय पहले किसान भेरूलाल मजदूरी के लिए महाराष्ट्र के जलगांव गए थे, लेकिन महाराष्ट्र से वापस लौटकर उन्होंने खुद के 5 बीघा खेत में ही काम करना सही समझा. भेरूलाल के खेत के ही पास में एक पहाड़ी है, जो उस समय काफी बंजर और पथरीली थी, इसलिए वहां कोई आता-जाता नहीं था. एक बार किसान भेरूलाल ने जब पहाड़ की ओर देखा तो सोचा कि "मैं इस पहाड़ को हरा-भरा बना सकता हूं", फिर क्या था किसान भेरूलाल धाकड़ का पर्यावरण प्रेम जागा और उन्होंने संकल्प लिया कि "आने वाले 15-20 साल में मैं इस पहाड़ को हरियाली से भर दूंगा." तब से अब तक किसान भेरूलाल धाकड़ ने पहाड़ी पर 1500 फल और छाया देने वाले पेड़ लगाए हैं, इन पेड़ों में 500 से ज्यादा आम, केला, सीताफल और अमरूद आदि के पेड़ शामिल हैं.

पहाड़ नहीं ये है जंगल सफारी: ग्रामीण बताते हैं कि "बंजर पहाड़ी को हरा भरा करने के लिए ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ अकेले ही दिन-रात मेहनत करते थे. वे सुबह-सुबह से निकल जाते थे, जहां कड़ी मेहनत करते हुए वे बंजर पहाड़ी पर गड्ढे खोदते थे और पेड़ पौधे लगाते थे. ट्री मैन की ही मेहनत की फल है जो आज पहाड़ की 20 बीघा जमीन पर हरियाली ही हरियाली है. अब तो हालात ऐसी है कि पहाड़ का कुछ कुछ हिस्सा तो घने हरे जंगल में तब्दील हो गया है, यहां जब हम लोग पिकनिक मनाने जाते हैं तो लगता है जैसे किसी जंगल सफारी को घूमने आए हों. हम यहां आकर ताजे-ताजे फलों का भी मजा लेते हैं."

Must Read:

प्रशासन करे मदद तो और हो सकती है हरियाली: ट्री मैन भेरूलाल धाकड़ कहते हैं कि "मैं अभी और ज्यादा पेड़ पौधे लगाकर इस पहाड़ी को घना और हरा-भरा बनाना चाहता हूं, लेकिन अब इसके लिए प्रशासन से पेड़ लगाने की अनुमति चाहिए होगी, जिसकी मैं मांग करूंगा. मैं चाहता हूं कि अब जब जंगल हरा-भरा हो गया है तो इसी हरियाली को बरकरार रखने के लिए प्रशासन मेरी मदद करे, क्योंकि मैं जब अपनी खेती-बाड़ी में व्यस्त हो जाता हूं तो इनकी देखरेख करने में परेशानी होती है."

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