ETV Bharat / state

Werewolf Syndrome: गंभीर बीमारी से जूझ रहे ललित का हौसला बुलंद, पत्थर न मारें, प्रेरित करें

आज हम आपको रतलाम के ऐसे नाबालिग की कहानी बताने जा रहे हैं, जो "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" नामक बीमारी से जूझ रहा है. नाबालिग ने इस बीमारी का खुलासा तब किया, जब स्कूल में लोगों द्वारा उसका मजाक उड़ाया जाने लगा. दरअसल, इस गंभीर बीमारी में शरीर के विभिन्न अंगों पर लंबे-घने बाल उगना शुरू हो जाते हैं, जिससे इंसान भालू जैसा दिखाई देने लगता है. आइए जानते हैं पूरी कहानी...

werewolf syndrome Etv Bharat
वेयरवोल्फ सिंड्रोम Etv Bharat
author img

By

Published : Nov 23, 2022, 1:32 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 5:31 PM IST

रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम के छोटे से गांव नंदलेटा के ललित पाटीदार "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" के रूप में जानी जाने वाली दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हैं. दरअसल, ललित ने इस बीमारी के बारे में खुलकर तब बातचीत की, जब उनके साथ पढ़ने वाले लोगों ने उनसे डरना शुरू कर दिया. फिलहाल 17 वर्षीय लड़के ने न्यूयॉर्क पोस्ट अखबार से अपना अनुभव साझा किया, जिसके बाद से ललित अब सुर्खियां बटोर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी उनकी एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसे देख लोग ललित को बीमारी से लड़ने की हिम्मत दे रहे हैं. आइए जानते हैं ललित पाटीदार की पूरी कहानी.

वेयरवोल्फ सिंड्रोम से जूझ रहे ललित पाटीदार

क्या है मामला: आमतौर पर इंसान के शरीर पर छोटे-बड़े बाल होते हैं, तो वहीं कुछ लोगों के शरीर पर बाल नहीं भी होते हैं. पर क्या हो जब आपके चेहरे, मुंह, हथेलियों, तलवों, छाती और पीठ पर लंबे-घने बाल उगना शुरू हो जाएं ? लोग डर जाएंगे, लोग आपका मजाक बनाएंगे ? लोग आपको भालू कहेंगे ? लोग आपको पत्थर मारेंगे ? जी हां ये सच है. रतलाम के ललित पाटीदार ऐसी ही "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसमें उनके शरीर के विभिन्न अंगों से लंबे-घने काले बाल आना शुरू हो गए. फिर क्या था लोगों ने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया, जब मजाक से भी मन नहीं भरा तो लोगों ने उन्हें पत्थर भी मारे. इन सब के अलावा कुछ लोग ऐसे भी थे जो ललित को देख कर छुप जाते थे कि कहीं ललित उन्हें काट ना लें.

बहुत ही असामान्य है ये बीमारी: ललित बताते हैं कि, "मेरे मम्मी-पापा कहते हैं कि मेरा जब जन्म हुआ था तो डॉक्टर ने मेरी शेविंग की थी, क्योंकि मेरे पूरे शरीर पर लंबे-लंबे बाल थे, लेकिन जब तक मैं लगभग 6 या 7 साल का नहीं हुआ, तब तक मुझे कुछ भी अलग नहीं लगा. हालांकि जब मैं बड़ा होने लगा तो मैंने पहली बार नोटिस किया कि मेरे पूरे शरीर पर ऐसे बाल हैं, जैसे किसी को नहीं होते और वे लगातार बढ़ रहे थे. थोड़े समय बाद जब मैं घर से बाहर निकलता तो लोग मुझ पर पत्थर फेंकते, बच्चे डर जाते कि कहीं मैं उन्हें बंदर या भालू की तरह काटने के लिए ना चला आऊं. इसके बाद मम्मी-पापा मुझे डॉक्टर के पास ले कर गए, जहां डॉक्टरों ने देखा कि 6 साल की उम्र में मेरे शरीर के लगभग हर हिस्से पर असामान्य बाल बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों ने इसे हाइपरट्रिचोसिस बताया, डॉक्टरों का कहना था कि दुनिया में केवल 50 लोग ही होते हैं, जो इस बीमारी से पीड़ित होते हैं, क्योंकि यह बहुत ही असामान्य बीमारी है."

जान गवां कर भी दो लोगों को नई जिंदगी दे गई नन्हीं माहिरा

ऐसा है ललित का फैमिली बैकग्राउंड: ललित ने ये भी बताया कि, मेरे परिवार के अन्य सदस्यों में से कोई भी इस हाइपरट्रिचोसिस बीमारी से पीड़ित नहीं है. बता दें कि ललित एक सामान्य परिवार से आते हैं, उनके पिता एक किसान हैं और मां गृहिणी हैं. फिलहाल ललित 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और अपने खाली समय में खेतों में काम करके पिता की सहायता कराते हैं.

फिलहाल ETV Bharat भी आपसे अपील करता है कि अगर आप कभी भी, किसी भी बीमार व्यक्ति को देखते हैं तो उसका मजाक ना उड़ाए, बल्कि उसे बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरित करें.

रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम के छोटे से गांव नंदलेटा के ललित पाटीदार "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" के रूप में जानी जाने वाली दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हैं. दरअसल, ललित ने इस बीमारी के बारे में खुलकर तब बातचीत की, जब उनके साथ पढ़ने वाले लोगों ने उनसे डरना शुरू कर दिया. फिलहाल 17 वर्षीय लड़के ने न्यूयॉर्क पोस्ट अखबार से अपना अनुभव साझा किया, जिसके बाद से ललित अब सुर्खियां बटोर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी उनकी एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसे देख लोग ललित को बीमारी से लड़ने की हिम्मत दे रहे हैं. आइए जानते हैं ललित पाटीदार की पूरी कहानी.

वेयरवोल्फ सिंड्रोम से जूझ रहे ललित पाटीदार

क्या है मामला: आमतौर पर इंसान के शरीर पर छोटे-बड़े बाल होते हैं, तो वहीं कुछ लोगों के शरीर पर बाल नहीं भी होते हैं. पर क्या हो जब आपके चेहरे, मुंह, हथेलियों, तलवों, छाती और पीठ पर लंबे-घने बाल उगना शुरू हो जाएं ? लोग डर जाएंगे, लोग आपका मजाक बनाएंगे ? लोग आपको भालू कहेंगे ? लोग आपको पत्थर मारेंगे ? जी हां ये सच है. रतलाम के ललित पाटीदार ऐसी ही "वेयरवोल्फ सिंड्रोम" बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसमें उनके शरीर के विभिन्न अंगों से लंबे-घने काले बाल आना शुरू हो गए. फिर क्या था लोगों ने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया, जब मजाक से भी मन नहीं भरा तो लोगों ने उन्हें पत्थर भी मारे. इन सब के अलावा कुछ लोग ऐसे भी थे जो ललित को देख कर छुप जाते थे कि कहीं ललित उन्हें काट ना लें.

बहुत ही असामान्य है ये बीमारी: ललित बताते हैं कि, "मेरे मम्मी-पापा कहते हैं कि मेरा जब जन्म हुआ था तो डॉक्टर ने मेरी शेविंग की थी, क्योंकि मेरे पूरे शरीर पर लंबे-लंबे बाल थे, लेकिन जब तक मैं लगभग 6 या 7 साल का नहीं हुआ, तब तक मुझे कुछ भी अलग नहीं लगा. हालांकि जब मैं बड़ा होने लगा तो मैंने पहली बार नोटिस किया कि मेरे पूरे शरीर पर ऐसे बाल हैं, जैसे किसी को नहीं होते और वे लगातार बढ़ रहे थे. थोड़े समय बाद जब मैं घर से बाहर निकलता तो लोग मुझ पर पत्थर फेंकते, बच्चे डर जाते कि कहीं मैं उन्हें बंदर या भालू की तरह काटने के लिए ना चला आऊं. इसके बाद मम्मी-पापा मुझे डॉक्टर के पास ले कर गए, जहां डॉक्टरों ने देखा कि 6 साल की उम्र में मेरे शरीर के लगभग हर हिस्से पर असामान्य बाल बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों ने इसे हाइपरट्रिचोसिस बताया, डॉक्टरों का कहना था कि दुनिया में केवल 50 लोग ही होते हैं, जो इस बीमारी से पीड़ित होते हैं, क्योंकि यह बहुत ही असामान्य बीमारी है."

जान गवां कर भी दो लोगों को नई जिंदगी दे गई नन्हीं माहिरा

ऐसा है ललित का फैमिली बैकग्राउंड: ललित ने ये भी बताया कि, मेरे परिवार के अन्य सदस्यों में से कोई भी इस हाइपरट्रिचोसिस बीमारी से पीड़ित नहीं है. बता दें कि ललित एक सामान्य परिवार से आते हैं, उनके पिता एक किसान हैं और मां गृहिणी हैं. फिलहाल ललित 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और अपने खाली समय में खेतों में काम करके पिता की सहायता कराते हैं.

फिलहाल ETV Bharat भी आपसे अपील करता है कि अगर आप कभी भी, किसी भी बीमार व्यक्ति को देखते हैं तो उसका मजाक ना उड़ाए, बल्कि उसे बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरित करें.

Last Updated : Nov 23, 2022, 5:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.