रतलाम। कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है. जिसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से कई परिवारों को अपने परिजनों से मिलना नसीब नहीं हो पा रहा है. जावरा के पोखरना परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. बीते 10 दिनों में इस परिवार में मां और बेटे की मौत हो गई. मां की मौत पर परिवार ने उनके ऑनलाइन अंतिम दर्शन किए, महिला का नाम कुसुमबाला था. जिनका उज्जैन में इलाज के दौरान निधन हो गया था, लॉकडाउन की वजह से कोई उनके पास नहीं पहुंच पाया, इसलिए परिवार ने उनका ऑनलाइन अंतिम दर्शन किया.
वहीं बेटे का नाम पवन था. जिसके अंतिम दर्शन के लिए उसके पिता और भाई तरस गए. क्योंकि मौत के बाद उसके शव को जावरा के अंदर प्रवेश नहीं मिला. रतलाम से शव को सीधे आनंदी हनुमान श्मशान ले जाया गया. जहां उनके 13 और 7 साल के बच्चों ने करीब 25 फीट दूर से अपने पिता के अंतिम दर्शन किए और उन्हें मुखाग्नि दी.
दरअसल पवन, जावरा में गैस एजेंसी चलाते थे. उनकी तबीयत अचानक खराब हुई और उन्हें 25 अप्रैल को रतलाम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां से उनका ब्लड सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजा गया. वहीं पवन के परिवार के 14 लोगों को क्वॉरेंटाइन कर उनके भी सैंपल लिए गए. 28 अप्रैल को पवन की रिपोर्ट नेगेटिव आई. लेकिन उसी दिन अचानक उसकी मौत हो गई. जिससे परिवार वाले सदमे में हैं.
अब पवन की मौत के बाद फिर से उनका फिर से सैंपल लिया गया है. उनके शव को शांतिवन में उसके बच्चों द्वारा मुखाग्नि दी गई. इस दौरान विधायक राजेंद्र पांडेय भी मौजूद रहे. इसके साथ ही सीएसपी विवेक चौहान और कई पुलिसवाले भी शामिल हुए.