इंदौर/ रतलाम। देश के लिए बलिदान देने लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सिंह चौहान की पत्नी करुणा इंडियन आर्मी में ऑफिसर बनने जा रहीं हैं. नेवी में लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सिंह चौहान से करुणा की शादी 10 मार्च 2019 को हुई थी. करुणा चौहान तब आगरा एक कॉलेज में प्रोफेसर थीं. दुल्हन बने करीब 40 दिन ही हुए थे कि 26 अप्रैल 2019 एक मनहूस खबर आई है कि पति INS विक्रमादित्य पर आग बुझाते हुए शहीद हो गए हैं. उसके बाद करुणा का सब कुछ बिखर गया था.
ऐसे शहीद हुए थे लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र
शादी के बाद लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सिंह चौहान ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी. पोत कर्नाटक के कारवाड़ बंदरगाह पर पहुंच रहा था. उससे पहले उसमें आग लग गई थी. पोत को कोई नुकसान नहीं हो इसके लिए लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सिंह चौहान ने अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया.आग बुझाने के दौरान वह शहीद हो गए.
पत्नी ने आर्मी ज्वाइन करने का किया फैसला
शहीद लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सिंह चौहान की पत्नी करुणा आगरा के दयालबाग यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर थीं. पति की शहादत के बाद अब करुणा चौहान ने प्रोफेसर की नौकरी छोड़ इंडियन आर्मी ज्वाइन करने का फैसला किया है.
पहले तो लगा सब कुछ बिखर गया फिर...
करुणा ने बताया कि मुझे हादसे की खबर मिली, तो विश्वास करना बहुत मुश्किल था. मैंने शादी के सिर्फ 40 दिनों के बाद धर्मेंद्र को खो दिया था. मैं उस समय रतलाम में अपने ससुराल में थी. हर लड़की की तरह शादी और करियर को लेकर मैंने भी कुछ सपने देखे थे. मैं प्रोफेसर थी और सही जीवन साथी के रूप में धर्मेंद्र को पाया था. लेकिन सब कुछ एक सेकंड में बिखर गया.
फैमिली फ्रैंड्स ने की मदद
करुणा चौहान ने कहा कि कुछ समय के लिए मैं टूट गई थी. लेकिन सास टीना कुंवर चौहान और मां कृष्णा सिंह के शब्दों ने मेरी भावना को फिर से जगा दिया. ग्रुप कैप्टन इरफान खान मुझे सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करने वाले पहले व्यक्ति हैं. वह रतलाम में जिला सैनिक कल्याण संगठन के प्रमुख हैं.उनसे प्रेरित होकर इंदौर में करीबी पारिवारिक मित्र रिटायर्ड कर्नल निखिल दीवान के पास गई, जिनके मार्गदर्शन में एसएसबी इंटरव्यू के लिए तैयारी शुरू की.
दूसरे प्रयास में मिली सफलता
शहीद लेफ्टिनेंट धर्मेंद्र सिंह चौहान की पत्नी करुणा चौहान ने बताया कि सशस्त्र बलों में प्रावधान है कि वीर नारी (शहीदों की विधवा) को लिखित परीक्षा में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है. उन्हें सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था. मैंने दिसंबर 2019 में इंडियन आर्मी के लिए अप्लाई किया. लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद दोबारा प्रयास किया. तो दूसरे अटेम्पट में उन्हें सक्सेज मिली.करूणा 7 जनवरी 2021 को 11 महीने के सैन्य ट्रेनिंग के लिए चेन्नई ओटीए में शामिल होंगी.
सास को बहू की कामयाबी पर गर्व
शहीद धर्मेंद्र सिंह की मां टमा कुंवर चौहान रतलाम में ही रहतीं हैं. बहू करुणा के भारतीय सेना में ऑफिसर बनने की खबर मिलने के बाद टमा कुंवर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उनका कहना है कि बेटे के बाद अब बहू देश की सेवा करने जा रही है. उन्हें गर्व और खुशी है कि अब उनके दो बेटे भारतीय सेना के अधिकारी हैं.