रतलाम। कोरोना काल और लॉकडाउन के बाद अब बेरोजगारी की मार जमकर लोगों पर पड़ रही है. मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में कोरोना संक्रमण काल में एजुकेशन व्यवस्था जहां ठप पड़ गई है. तो वहीं निजी स्कूल में नौकरी करने वाले शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के निजी स्कूल संचालकों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है. आर्थिक संकट झेल रहे निजी स्कूल संचालक अब स्कूल से जुड़े स्टाफ को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं हैं.
लॉकडाउन का असर निजी स्कूलों पर
दरअसल लॉकडाउन खुलने के बाद शैक्षणिक संस्थाओं और स्कूलों को खोलने के लिए अभी कोई निर्देश सरकार की ओर से जारी नहीं हुए हैं, ऐसे में शहरों में तो स्कूल और कॉलेज प्रबंधन ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत कर चुके हैं, लेकिन ग्रामीण और छोटे शहरों में संचालित किए जा रहे निजी स्कूल के संचालक आर्थिक तंगी की वजह से परेशान हैं.
हजारों कर्मचारियों को रोजगार का संकट
रतलाम जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में करीब 300 निजी स्कूलों का संचालन किया जाता है, जिनसे जुड़े हजारों शिक्षक बस ड्राइवर और अन्य स्टाफ के सामने अब रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे कई निजी स्कूल तो बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं. जिनसे जुड़े शिक्षकों और स्टाफ के सामने अब नौकरी का संकट भी खड़ा हो गया है.
4 महीने से नहीं हुई कोई आमदनी
रतलाम जिले के नामली स्थित निजी स्कूल के संचालक का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से निजी स्कूलों के संचालकों की कमर टूट गई है. पिछले 4 महीनों से स्कूलों की आय न के बराबर है, जिसकी वजह से स्कूल के स्टॉफ को समय पर सैलरी भी नहीं दे पा रहे हैं.
कई निजी स्कूल हुए बंद
इतना ही नहीं इस महामारी के हालातों में ग्रामीण क्षेत्रों में कई निजी स्कूल बंद हो चुके है. और कई बंद होने की कगार पर पहुंच गए है. निजी स्कूल में शिक्षा देने वाले शिक्षक महावीर सिंह का कहना है कि निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब होने से उनसे जुड़े हुए शिक्षक,बस ड्राइवर और अन्य स्टाफ भी बेरोजगार हो गए हैं.
मदद की लगाई गुहार
बहरहाल कोरोना संकटकाल में आर्थिक तंगी झेल रहे निजी स्कूल संचालक जैसे तैसे नए शैक्षणिक सत्र के लिए ऑनलाइन शिक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि बिना आय के कितने समय तक यह निजी स्कूल चल पाएंगे. लिहाजा निजी स्कूल के संचालक अब प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.