जयपुर. राजधानी की भांकरोटा थाना पुलिस ने शुक्रवार फर्जी पुलिस बन महिलाओं से पैसे ऐंठने वाले मध्यप्रदेश की एक गैंग के चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया (Police arrested four miscreants) है. डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि राजधानी के अलग-अलग थाना इलाकों में पिछले कुछ दिनों से फर्जी पुलिसकर्मी बन कर घर में मौजूद अकेली महिला से रुपए ऐंठने वाली गैंग के सक्रिय होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने निगरानी रखनी शुरू की. ऐसे संदिग्ध लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस मित्रों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया.
गुरुवार शाम को पुलिस मित्र कमलेश चौधरी ने शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी चाय की दुकान पर दोपहर के वक्त चार व्यक्ति राजस्थान पुलिस की वर्दी में आए. जब कमलेश ने उनसे उनकी पोस्टिंग के बारे में पूछा तो उन्होंने अपनी पोस्टिंग सीआईडी में होना बताया और कमलेश की ओर से ज्यादा पूछताछ करने पर चारों लोग वहां से उठकर चले गए. इसके बाद कमलेश ने पुलिस थाने पहुंचकर चारों अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.
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पुलिस ने बदमाशों को दबोचा: कमलेश की शिकायत पर पुलिस तुरंत हरकत में आई और भांकरोटा थाना क्षेत्र के आसपास के इलाकों में चारों बदमाशों की तलाश की गई. शुक्रवार सुबह पुलिस ने चारों आरोपियों को दबोच लिया और उन्हें गिरफ्तार कर थाने ले आई. थाने में हुई पूछताछ में आरोपियों ने खुद को मध्य प्रदेश के रतलाम और उज्जैन की बहरुपिया गैंग से होना बताया. चारों आरोपी जयपुर के बाहरी क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ी में रहकर पिछले कुछ दिनों से पुलिस की वर्दी पहन का शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर वारदातों को अंजाम देने का प्रयास कर रहे थे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भूरानाथ, अर्जुन, दीपक और हेमंत को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से राजस्थान पुलिस की वर्दी, बैच, मोनोग्राम और दो बाइक बरामद की है. आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में प्रताप नगर, खोनागोरियां और मानसरोवर थाना इलाके में वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की है.
आर्थिक तंगी के कारण बने फर्जी पुलिसकर्मी: आरोपियों से हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि चारों आरोपी गैस चूल्हा मरम्मत, कुर्सी और कंबल बेचने का काम किया करते हैं. आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने फर्जी पुलिसकर्मी बन महिलाओं को सॉफ्ट टारगेट बनाते हुए उनसे रुपए ऐंठने की प्लानिंग की. इसके बाद भूरानाथ ने हेमंत के साथ मिलकर पुलिस की वर्दी, बैच और मोनोग्राम खरीदे. उसके बाद अर्जुन और दीपक के साथ मिलकर पिछले 5 दिनों से लोगों को पुलिस कार्रवाई का भय दिखाकर रुपए ऐंठने का काम करने लगे. आरोपी सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक अलग-अलग इलाकों में घूम कर ऐसे मकानों को चिन्हित करते जहां पर महिलाएं अकेली हो और फिर उसके बाद पुलिस की वर्दी पहन कर उन मकानों में पहुंचते. मकान का गेट खटखटाते और महिला के बाहर आने पर खुद को सीआईडी पुलिसकर्मी बताकर परिवार के सदस्यों की जानकारी पूछते. साथ ही महिला के परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज होने और कार्रवाई करने का भय दिखाते.
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बदमाश बड़े अधिकारी का भय दिखाते: महिला को घर की तलाशी लेने की बात कहते और बड़े अधिकारी को मौके पर बुलाकर सब को गिरफ्तार करने का भय दिखाते. साथ ही बड़े अफसर को मौके पर नहीं बुलाने और कार्रवाई नहीं करने की बात कह कर रुपयों की डिमांड करते और महिला की ओर से रुपए देने पर वह वहां से वापस लौट जाते. यदि कोई महिला आरोपियों का विरोध करती या किसी को फोन लगाती है तब भी आरोपी वहां से चुपचाप अपनी बाइक पर बैठ निकल लेते. वहीं इस दौरान यदि कोई आस पड़ोस के लोग महिला के घर के बाहर इकट्ठे हो जाते तो आरोपी बहरुपिया होने का नाटक करते. आरोपियों ने शहर में कई लोगों से रुपए ऐंठे और ताज्जुब की बात है कि अब तक आरोपियों के खिलाफ किसी ने भी कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है.