रतलाम। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है. भारी बर्फबारी के बाद, शीतलहर ने जनजीवन को बेहाल कर दिया है. आलम ये है कि लोग रोजमर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं.
सेमलिया गांव के किसान ने बताया कि कैसे खुले आसमान के नीचे पानी में खड़े होकर वह गेहूं की फसल की सिंचाई करते हैं. 5 डिग्री तापमान में जब हाथ-पैर की उंगलियां काम करना बंद कर देती है तो खेत की मेढ़ पर थोड़ी देर आग जलाकर हाथ पैरों को गर्म कर लेते हैं और फिर से सिंचाई करने में जुट जाते हैं.
सुबह तक पत्तों और पानी के पाइप पर बर्फ की परत जमने लगती है तो किसानों के लिए पानी के पाइप और लोहे के फावड़े को छूना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन पाला पड़ने के डर और आशंका में किसान फसलों की सिंचाई करने को मजबूर हैं.